कोर्टरूम से बेस्टसेलर तक: अदिति श्रेया की कहानी – कानून, लिटरेचर और ज़िंदगी का सफ़र

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आज की सोसाइटी में जहां शादियाँ दिखावे का हिस्सा बन चुकी हैं, वहीं असली ‘मैरेज’ यानी शादी का मतलब कहीं पीछे छूट जाता है। अदिति श्रेया, एक कॉर्पोरेट लॉयर और पहले जनरेशन की एडवोकेट, ने अपने प्रोफेशनल अनुभवों से देखा है कि बिना सोच-समझ के लिए गए शादी के फैसले कैसे इमोशनल और लीगल प्रॉब्लम्स बन जाते हैं। अपनी बुक में वो इसी सोच को चैलेंज करती हैं – क्या शादी एक पर्सनल चॉइस है या फिर सिर्फ़ एक परंपरा?

कैसे बनी एक राइटर?

रांची, झारखंड जैसे छोटे शहर से आने वाली अदिति ने अपनी मेहनत से एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने पुणे की भारती विद्यापीठ यूनिवर्सिटी से BBA.LLB और फिर IIM विशाखापट्टनम से जनरल मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट डिग्री ली।

2018 में उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट, रांची से बतौर वकील करियर शुरू किया। खासकर मैरिटल केसों पर काम करते हुए उन्हें शादी की हकीकत को गहराई से समझने का मौका मिला। यहीं से उनके अंदर ये आइडिया आया कि लोगों को शादी के बारे में सोचने की ज़रूरत है – और यहीं से जन्म हुआ उनकी बुक “Marriage, a Necessity?!” का।

Marriage, a Necessity?! – शादी, ज़रूरी है क्या?

कभी पवित्र मानी जाने वाली शादी अब अक्सर महंगी और दिखावटी वेडिंग्स के नीचे दब जाती है। Marriage, a Necessity?! में अदिति शादी के लीगल पहलुओं को एक्सप्लोर करती हैं और एक सिंपल सवाल पूछती हैं – क्या शादी ज़रूरी है, या ये आपकी खुद की चॉइस होनी चाहिए?

वो बताती हैं कि कैसे लोग शादी के नाम पर दबाव, उम्र या डर में आकर बिना सोचे फैसले ले लेते हैं। उनकी बुक कोई गाइड नहीं है, बल्कि एक वेकअप कॉल है – सोचो, समझो और फिर फैसला लो। उनका फोकस सिर्फ़ “शादी करना” नहीं, बल्कि “शादी की जिम्मेदारियां, चुनौतियां और लॉन्ग टर्म फुलफिलमेंट” को समझने पर है।

जब लोग गलत समझ बैठे…

बुक का टाइटल “Marriage, a Necessity?!” – जिसमें सवाल और एक्सक्लेमेशन दोनों हैं – ने लोगों को कन्फ्यूज कर दिया। कई लोग सोचने लगे कि अदिति शादी के खिलाफ़ हैं।

एक इंडिपेंडेंट लड़की होने के नाते उन्हें और उनके पैरेंट्स को जज किया गया, ताने सुनने पड़े। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बुक रिलीज़ के एक हफ्ते के अंदर ही Marriage, a Necessity?! ने Amazon पर “Bestseller” और “Most Gifted” टैग जीत लिया।

असल में, अदिति शादी में विश्वास करती हैं – लेकिन तब जब वो सही वजह से की जाए।

बात जो करनी ज़रूरी है

अदिति की बुक यंग प्रोफेशनल्स, कपल्स, और पैरेंट्स – सभी को अपील करती है। वो परंपरा और मॉडर्न सोच के बीच बैलेंस बनाने की बात करती हैं। ये बुक आपको अपनी लाइफ और रिलेशनशिप्स को लेकर ज़िम्मेदारी से सोचने को कहती है।

Marriage, a Necessity?! रिश्तों के बारे में एक हेल्दी और सचेत बातचीत की शुरुआत करती है।

लॉ और लिटरेचर का परफेक्ट मिक्स

अदिति की लीगल और कॉर्पोरेट बैकग्राउंड ने उनकी राइटिंग को रियल और रिलेटेबल बनाया है। वो अपनी प्रोफेशनल लाइफ और राइटिंग के बीच बैलेंस बना कर लिखती हैं – चाहे सुबह जल्दी उठकर, रात में या वीकेंड पर।

लिखना उनके लिए एक क्रिएटिव तरीका है जिससे वो अपनी सोच दूसरों तक पहुंचा पाती हैं।

सबसे स्पेशल मोमेंट?

अदिति के लिए सबसे खास पल था जब उनके मम्मी-पापा ने उनके बुक की पब्लिसिटी देखी और गर्व महसूस किया। 2025 वर्ल्ड बुक फेयर में उनका इंटरव्यू वायरल हुआ। साथ ही Amazon पर Bestseller और Most Gifted टाइटल मिलना भी बड़ा माइलस्टोन था।

लेकिन उनके लिए असली सक्सेस ये है कि उनकी बुक ने लोगों को शादी को लेकर सोचने पर मजबूर किया – मजबूरी नहीं, समझदारी से किया गया फैसला होना चाहिए।

आगे क्या?

अदिति का ये सफर बस शुरुआत है। Marriage, a Necessity?! उनकी पहली बुक थी। आगे भी वो ऐसे ही सोशल नॉर्म्स को चैलेंज करने वाली किताबें लिखने वाली हैं। उनका कॉर्पोरेट करियर भी उनके लिए उतना ही ज़रूरी है – क्योंकि लॉ और राइटिंग दोनों में रिसर्च, एनालिसिस और ह्यूमन बिहेवियर को समझना ज़रूरी होता है।

अगर आप भी Marriage, a Necessity?! पढ़ना चाहते हैं, ये बुक Amazon, Flipkart और Ziffybees पर ई-बुक और पेपरबैक फॉर्मेट में अवेलेबल है।

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