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विश्व महासागर दिवस

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आपने कभी ध्यान दिया है कि हमारी पृथ्वी का करीब 70% हिस्सा पानी से भरा हुआ है? ये विशाल महासागर न सिर्फ हमें जीवन देते हैं, बल्कि हमारी ज़िंदगी के बहुत सारे पहलुओं को सीधे प्रभावित भी करते हैं। हर साल 8 जून को हम विश्व महासागर दिवस मनाते हैं — एक ऐसा दिन जो हमें याद दिलाता है कि हमें इन विशाल जलाशयों की कितनी ज़रूरत है और इन्हें बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए।

विश्व महासागर दिवस कब और क्यों मनाते हैं?

विश्व महासागर दिवस पहली बार 1992 में मनाया गया था, लेकिन इसे संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर मान्यता दी। 8 जून इसलिए चुना गया क्योंकि उसी दिन 1992 में रियो डी जनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन हुआ था, जहां दुनिया भर के नेता पर्यावरण के मुद्दों पर चर्चा करने आए थे।

मैंने खुद यह जानकर हैरानी हुई थी कि यह दिन हमारी ज़िंदगी में कितना बड़ा बदलाव ला सकता है। महासागर को बचाना केवल वैज्ञानिकों या सरकारों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी की भी जिम्मेदारी है।

महासागर हमारे लिए क्यों ज़रूरी हैं?

महासागर हमें बहुत कुछ देते हैं — हवा में ऑक्सीजन का आधा हिस्सा महासागर पैदा करते हैं। जब हम समुद्र की लहरों की आवाज़ सुनते हैं या बीच पर घूमते हैं, तो हमें शांति महसूस होती है, लेकिन ये सिर्फ अनुभव भर नहीं है, महासागर हमारे जीवन का आधार हैं।

क्या आप जानते हैं कि समुद्री जीव-जंतु लाखों लोगों की रोज़गार का जरिया हैं? मछली पकड़ने से लेकर पर्यटन तक, ये हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा हैं। मैंने भी कई बार समुद्र किनारे जाकर महसूस किया कि कितनी शांति मिलती है, लेकिन उस शांति के पीछे इतनी मेहनत और संरक्षण का ज़रूरत है, यह शायद हम कम सोचते हैं।

महासागर को कौन-कौन सी चुनौतियां हैं?

जब मैं महासागर के बारे में पढ़ती हूँ तो बहुत चिंतित हो जाती हूँ। हमारी आधुनिक ज़िंदगी में प्लास्टिक का उपयोग इतना बढ़ गया है कि हर साल लाखों टन प्लास्टिक महासागर में पहुँचता है। ये प्लास्टिक समुद्री जीवों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

प्लास्टिक कचरे की वजह से कई बार समुद्री कछुए, मछलियाँ और पक्षी घायल हो जाते हैं या मर जाते हैं। यह सोचकर मन भारी हो जाता है कि हमारी छोटी-छोटी आदतें कितनी बड़ी समस्या पैदा कर रही हैं।

इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन की वजह से महासागरों का तापमान बढ़ रहा है, जिससे कोरल रीफ्स खत्म हो रहे हैं और समुद्री पारिस्थितिकी संकट में है। अधिक मछली पकड़ने और प्रदूषण ने भी समुद्र को कमजोर कर दिया है।

हम क्या कर सकते हैं?

यह सोचकर कि हम कुछ नहीं कर सकते, अक्सर हम पीछे हट जाते हैं। लेकिन सच कहूँ तो छोटे-छोटे कदम भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

मैंने जब प्लास्टिक कम करने की शुरुआत की, तो पहले तो लगा मुश्किल होगा, लेकिन धीरे-धीरे यह मेरी आदत बन गई। प्लास्टिक की जगह कपड़े के बैग, स्टील की बोतल और अन्य पर्यावरण के अनुकूल वस्तुएं अपनाना मेरे लिए अब सहज हो गया है।

आप भी शुरुआत कर सकते हैं — चाहे घर में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें, समुद्र किनारे कूड़ा न फेंकें, या जागरूकता फैलाएं।

विश्व महासागर दिवस का आयोजन और इसका महत्व

हर साल विश्व के कई हिस्सों में इस दिन को खास तरीकों से मनाया जाता है। स्कूलों में बच्चों को महासागर की सुरक्षा के बारे में बताया जाता है, समुद्र तटों की सफाई की जाती है, और वैज्ञानिक नई नीतियाँ बनाने पर काम करते हैं।

यह दिन हम सबको यह याद दिलाता है कि महासागर की रक्षा के बिना हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं है।

अंतिम बात

मैं मानती हूँ कि जब हम प्रकृति के साथ जुड़ते हैं, तो हम अपनी ज़िंदगी में एक नई ऊर्जा पाते हैं। महासागर को बचाना सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी है — अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए, अपनी ज़िंदगी के लिए।

इस 8 जून, आइए हम सब मिलकर यह सोचें कि हम कैसे अपने छोटे-छोटे प्रयासों से महासागर को बचा सकते हैं। क्योंकि अगर महासागर सुरक्षित रहेंगे, तो हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

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