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कैडिला फ़ार्मास्युटिकल्स: नवाचार और नैतिकता के साथ वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता एक नाम

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दुनियाभर में ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में पहचाना जाने वाला भारतीय फ़ार्मास्युटिकल उद्योग, विशेष रूप से जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका के लिए सराहा गया है। वैश्विक जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में भारत का 20% से अधिक हिस्सा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को व्यापक रूप से प्रभावित करता है।

टीकों के उत्पादन में भी भारत की अग्रणी भूमिका है, जहां यह वैश्विक ज़रूरतों का लगभग 60% पूरा करता है। डिप्थीरिया, पर्टसिस और टेटनस (DPT), बीसीजी और खसरा जैसे महत्वपूर्ण टीकों का एक बड़ा हिस्सा—70% से 90% तक—भारतीय निर्माताओं द्वारा तैयार किया जाता है, जो WHO मानकों के अनुसार प्रमाणित हैं।

दुनिया भर में स्वास्थ्य सुधार में अपने प्रभाव के अलावा, भारतीय फ़ार्मास्युटिकल सेक्टर देश की आर्थिक वृद्धि का भी एक मजबूत आधार है, जो रोज़गार सृजन और नवाचार को गति देता है। इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में शामिल है कैडिला फ़ार्मास्युटिकल्स, जो भारत के फार्मा क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता का प्रतीक बन चुका है। बायोटेक्नोलॉजी और नवीन दवा वितरण प्रणालियों में अग्रणी प्रगति के साथ, कैडिला वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बना रहा है।

वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समाधान

कैडिला फ़ार्मास्युटिकल्स आज अमेरिका, यूरोप, जापान और अफ्रीका सहित 100 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है। कंपनी फार्मास्युटिकल उत्पादों, बायोटेक्नोलॉजिकल नवाचारों, एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (API), कंज़्यूमर हेल्थ उत्पादों, अनुबंधित अनुसंधान और निर्माण सेवाओं (CRAMS), और समर्पित अनुसंधान एवं विकास प्रयासों सहित व्यापक स्वास्थ्य समाधान प्रदान करती है।

इसके उत्पाद पोर्टफोलियो में रेस्पिरेटरी, डायबेटोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गायनेकोलॉजी और ऑन्कोलॉजी जैसे विविध चिकित्सीय क्षेत्र शामिल हैं। कैडिला की कुछ उल्लेखनीय खोजों में टीबी के लिए दुनिया की पहली बूस्टेड-रिफैम्पिसिन फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन और हार्ट अटैक की रोकथाम के लिए पॉलीकैप शामिल हैं। 2009 में लॉन्च किया गया पॉलीकैप, दुनिया की पहली ऐसी पॉलिपिल है जो हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करती है।

कैडिला की एक और क्रांतिकारी उपलब्धि है 2013 में लॉन्च किया गया मायसिडैक, जो नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के लिए दुनिया की पहली किफायती और अभिनव दवा है।

8,000 से अधिक पेशेवरों की टीम के साथ, जिसमें वैज्ञानिक, शोधकर्ता, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सहायक स्टाफ शामिल हैं, कैडिला गुणवत्ता-प्रधान फार्मा समाधानों को आगे बढ़ा रहा है। इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है और इसके निर्माण स्थल भारत में अहमदाबाद, ढोलका, अंकलेश्वर और जम्मू में स्थित हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वाशिंगटन डीसी (अमेरिका), एस्कॉट (यूके), मास्को (रूस), नैरोबी (केन्या), अदीस अबाबा (इथियोपिया) और टोक्यो (जापान) में कार्यालय हैं।

कैडिला की शुरुआत

कैडिला फ़ार्मास्युटिकल्स की शुरुआत 1951 में श्री इंद्रवदन ए. मोदी के दूरदर्शी सपनों से हुई। पहले इसे कैडिला लेबोरेटरीज़ के नाम से जाना जाता था। श्री मोदी का सपना था कि उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं किफायती कीमत पर आम जनता को उपलब्ध कराई जाएं।

प्रारंभिक चुनौतियों के बावजूद, उनके नवाचार और गुणवत्ता के प्रति समर्पण ने कंपनी को एक प्रतिष्ठित स्थान तक पहुंचाया। श्री मोदी के नेतृत्व में कैडिला ने टीबी और कार्डियोलॉजी की पहली दवाएं पेश कीं, और एक अग्रणी फार्मा कंपनी के रूप में अपनी पहचान बनाई।

आज भी कंपनी उनके मूल्यों—उत्कृष्टता, ईमानदारी और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता—पर अडिग है।

नेतृत्व में दूरदर्शिता

कैडिला फ़ार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव मोदी, एक ऐसे नेतृत्वकर्ता हैं जिनमें नवाचार की भावना और सामाजिक प्रतिबद्धता स्पष्ट झलकती है। उनके पिता श्री इंद्रवदन मोदी से प्रेरित होकर, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से बायोलॉजिकल साइंस में पीएचडी की।

कैडिला से जुड़ना उनके लिए स्वाभाविक था। उन्होंने रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। ऑन्कोलॉजी में नई दवाएं और टीबी के लिए विश्व की पहली दवा संयोजन उन्हीं के नेतृत्व में संभव हुआ।

डॉ. राजीव कहते हैं, “इस कंपनी का नेतृत्व करना बेहद संतोषजनक है, खासकर तब जब हमारे प्रयास दुनिया भर के रोगियों के जीवन को बेहतर बनाते हैं।”

कैडिला की प्रतिबद्धता

कैडिला की दृष्टि है कि वह नवाचार, नैतिकता और स्थायित्व के आधार पर दुनिया भर में स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाए। इसकी मिशन है कि वह गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और अभिनव स्वास्थ्य सेवाएं वैश्विक स्तर पर प्रदान करे।

कंपनी के मूल मूल्य हैं—

ईमानदारी: पारदर्शिता और नैतिकता से कार्य करना  

नवाचार: अनुसंधान और तकनीक के माध्यम से लगातार सुधार  

गुणवत्ता: उत्पादों और प्रक्रियाओं में उच्च गुणवत्ता बनाए रखना  

ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण: रोगियों की जरूरतों को प्राथमिकता देना  

टीमवर्क: सहयोग और सामूहिक सफलता में विश्वास  

जिम्मेदारी: सामाजिक व पर्यावरणीय उत्तरदायित्व निभाना  

चुनौतियों से जूझते हुए निरंतरता

भारत के फार्मा उद्योग में तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियां भी हैं जैसे नियामकीय बदलाव, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और वैश्विक घटनाओं का असर। कैडिला ने इनका समाधान चुस्ती, नवाचार और लचीलापन अपनाकर किया है।

कंपनी WHO, US FDA और EMA जैसे वैश्विक नियामक मानकों का पालन करती है और नियमित ऑडिट व प्रमाणन से गुणवत्ता सुनिश्चित करती है।

डॉ. राजीव कहते हैं, “हमारी रेगुलेटरी टीम विश्व स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है ताकि रोगी सुरक्षा और उत्पाद गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।”

कैडिला ने सप्लाई चेन को विविध बनाया है और वैश्विक व्यवधानों से निपटने के लिए मजबूत योजना बनाई है। यही अनुकूलन क्षमता कैडिला की मजबूती का प्रमाण है।

प्रतिस्पर्धी बाजार में अलग पहचान

तेजी से बदलते स्वास्थ्य परिदृश्य में टिके रहने के लिए फार्मा कंपनियों को नवाचार और तकनीकी अपनाने की आवश्यकता है।

कैडिला नवाचार को प्राथमिकता देते हुए, अनुसंधान, डिजिटल टेक्नोलॉजी और वैश्विक साझेदारी के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। डॉ. राजीव कहते हैं, “बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच नवाचार, गुणवत्ता और सुलभता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें विशिष्ट बनाती है।”

कंपनी बाजार रुझानों की निगरानी करती है, उत्पाद पोर्टफोलियो को अपडेट करती है और रणनीति में बदलाव लाकर अपने आप को प्रतिस्पर्धा में आगे बनाए रखती है।

नवाचार की विरासत

कैडिला ने सात दशकों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जैसे दुनिया की पहली प्लांट-आधारित रेबीज मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (ThRabis) और पहली हीट-स्टेबल ओरल कॉलरा वैक्सीन। ThRabis को 2022 में लॉन्च किया गया और यह तीन-डोज़ वाली पहली रेबीज वैक्सीन है।

कोविड-19 महामारी के दौरान कैडिला ने वैश्विक दवाओं की आपूर्ति और वैक्सीन अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कंपनी विशेष रूप से ऑन्कोलॉजी, कार्डियोवैस्कुलर और संक्रामक रोगों जैसे क्षेत्रों में किफायती जीवनरक्षक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

तकनीकी विकास

डॉ. राजीव कहते हैं, “हम AI, डेटा एनालिटिक्स और उन्नत निर्माण प्रणालियों जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हैं ताकि अनुसंधान में तेजी आए, उत्पादन बेहतर हो और प्रक्रियाएं कुशल बनें।”

इन तकनीकों के ज़रिए कैडिला लगातार उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को प्रभावी रूप से दुनिया तक पहुंचा रहा है।

भविष्य की दिशा

भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग एक बड़े बदलाव के मोड़ पर है। स्वास्थ्य जागरूकता, तकनीकी प्रगति और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की बढ़ती मांग इस बदलाव को गति दे रही है। कैडिला नवाचार, पहुंच और स्थायित्व को आधार बनाकर इस परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है।

कंपनी बायोसिमिलर और जटिल जेनेरिक दवाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ाने और हेल्थकेयर पार्टनरशिप को मज़बूत करने के लिए कार्यरत है।

कैडिला पर्यावरण संरक्षण, नैतिक व्यापार व्यवहार और सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय है, जिससे वह एक स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम कर रहा है।

नेतृत्व का मंत्र

फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में कदम रखने वालों के लिए डॉ. राजीव की सलाह है: “अनुसंधान और विकास पर ध्यान दें, गुणवत्ता और अनुपालन को प्राथमिकता दें, रणनीतिक साझेदारियाँ बनाएं, नवाचार को अपनाएं, बाज़ार की ज़रूरतें समझें, लचीलापन बनाए रखें, नैतिक आचरण अपनाएं और निरंतर सीखते रहें।”

अंत में डॉ. राजीव कहते हैं, “The CEO Magazine की टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इस कहानी को प्रस्तुत करने में मेहनत की। आशा है कि हम आगे भी मिलकर उत्कृष्टता की दिशा में कार्य करते रहेंगे।”

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