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डॉ. मयंक अग्रवाल: भारत में शिक्षा की पहुँच, क्वालिटी और इंडस्ट्री-अलाइन्ड ग्रोथ के आर्किटेक्ट

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बिज़नेस लीडरशिप की बदलती दुनिया में, IIMT Group of Colleges के MD डॉ. मयंक अग्रवाल एक ऐसे लीडर के रूप में सामने आते हैं, जो स्ट्रैटेजिक फोरसाइट को इनोवेशन के प्रति अपने मजबूत कमिटमेंट के साथ जोड़ते हैं। ट्रांसफॉर्मेटिव अचीवमेंट्स से भरे उनके करियर ने बार-बार यह साबित किया है कि पैशन, परसीवियरन्स और पीपल-सेंट्रिक लीडरशिप किसी भी संस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।

जब किसी उच्च शिक्षा क्षेत्र के लीडर से यह अपेक्षा की जाती है कि वह बड़े स्तर की ग्रोथ के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्रदान करे, क्षेत्रीय ज़िम्मेदारी को ग्लोबल विज़न से जोड़े, और परंपराओं को टेक्नॉलॉजी के साथ बैलेंस करे — तब यह भूमिका ठीक वैसी दिखती है जैसी डॉ. मयंक अग्रवाल ने IIMT Group of Colleges में अपने लिए स्वयं तैयार की है।

एक मजबूत अकैडमिक बैकग्राउंड और विश्व स्तर पर बदलते इंडस्ट्री ट्रेंड्स की गहरी समझ के साथ, डॉ. अग्रवाल ने चुनौतियों को केवल संभाला ही नहीं बल्कि उन्हें अवसरों में बदल दिया। मॉडर्न बिज़नेस प्रैक्टिसेज़ और एथिकल लीडरशिप के बीच बैलेंस बनाने की उनकी क्षमता उन्हें आज के अस्पायरिंग लीडर्स के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बनाती है।

IIMT Group of Colleges के MD के रूप में, डॉ. अग्रवाल एक विशाल और विविधतापूर्ण शैक्षिक इकोसिस्टम का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें 2 यूनिवर्सिटीज़, 9 कॉलेजेज़, 2 हॉस्पिटल्स, 3 स्कूल्स और 1 रेडियो स्टेशन शामिल हैं। वे एक विज़नरी अकैडमिक लीडर और कमिटेड इंस्टिट्यूशन बिल्डर हैं, जिन्होंने इस Group को एक कॉम्प्रिहेन्सिव मल्टिडिसिप्लिनरी इकोसिस्टम में विस्तार दिया है। उनकी लीडरशिप में IIMT आज मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, लॉ, फार्मेसी, मीडिया, एविएशन सहित कई क्षेत्रों में लर्निंग का एक सशक्त हब बन चुका है।

डॉ. अग्रवाल IIMT Group of Colleges की सबसे महत्वपूर्ण नींव हैं। उनका मिशन है — छात्रों की प्रतिभा को इंडस्ट्री-रेडी प्रोफेशनल्स में विकसित करना, जिनके पास वैल्यूज़, एथिक्स और एक ग्लोबल माइंडसेट हो। दो दशकों से अधिक समय के दौरान, उनकी लीडरशिप ने न केवल IIMT को तेज़ी से विकसित किया है, बल्कि करिकुलम, रेप्युटेशन और इम्पैक्ट को भी नई दिशा दी है।
इस प्रोफाइल में हम डॉ. मयंक अग्रवाल की जर्नी, लीडरशिप थॉट प्रोसेस, विज़न और चुनौतियों को समझते हैं — और यह भी देखते हैं कि किस प्रकार उनकी गाइडेंस ने IIMT को भारत के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों की सूची में स्थापित किया है।

प्रारंभिक जीवन और शैक्षणिक नींव

डॉ. अग्रवाल एक लॉ ग्रैजुएट हैं, मैनेजमेंट में PG हैं और मैनेजमेंट में डॉक्टोरल डिग्री रखते हैं। उनकी लीडरशिप में, IIMT ने देशभर में कई कैंपसों में एक्सपैनशन किया है और नर्सरी से लेकर Ph.D. तक सौ से अधिक प्रोग्राम्स विकसित किए हैं — जो मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, टीचर ट्रेनिंग, टेक्नॉलॉजी, कंप्यूटर साइंस, लॉ, फार्मेसी, आर्ट्स और कई अन्य क्षेत्रों में फैले हुए हैं। यह भी स्पष्ट है कि डॉ. अग्रवाल स्ट्रिक्टली फैकल्टी क्रेडेंशियल्स, हाई-टेक एनवायरनमेंट, ग्लोबल टाई-अप्स, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और कॉर्पोरेट इंगेजमेंट में गहरा विश्वास रखते हैं — और इन्हीं कारणों से IIMT Group देश के प्रमुख ऑर्गनाइजेशन्स में से एक बन गया है तथा यह दर्शाता है कि उनकी अपनी शिक्षा और मूल्यों में केवल नॉलेज ही नहीं बल्कि एक्सपोज़र, एथिक्स और रीयल-वर्ल्ड रेडीनेस पर भी समान बल दिया गया है।

IIMT Group of Colleges एक नज़र में

आइए डॉ. अग्रवाल की रोल समझें, जो उस इंस्टीट्यूशन को समझने में मदद करेगी जिसे वे लीड कर रहे हैं।

स्थापना: 1994 में श्री योगेश मोहनजी गुप्ता (डॉ. मयंक अग्रवाल के पिता) द्वारा।

लोकेशन: ग्रेटर नोएडा, मेरठ, उत्तर प्रदेश

आकार और पहुंच: यह ग्रुप मुख्यतः 2 यूनिवर्सिटीज़, 9 कॉलेजेज़, 3 स्कूल्स, 2 हॉस्पिटल्स और 1 रेडियो स्टेशन से मिलकर बना है। यह 9 कैंपसेज़ में फैले 100 एकड़ एरिया में 20,000 से अधिक स्टूडेंट्स को शिक्षा प्रदान करता है।

प्रोग्राम्स: नर्सरी से लेकर Ph.D. तक 100 से अधिक प्रोग्राम्स — जिनमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, साइंसेज़, लॉ, फार्मेसी, कंप्यूटर एप्लीकेशन्स, होटल मैनेजमेंट, एविएशन, एस्ट्रोलॉजी, टीचर ट्रेनिंग आदि शामिल हैं — IIMT द्वारा प्रोवाइड किए जाते हैं।

रेकग्निशन्स और अफिलिएशन्स: IIMT, UGC से अफिलिएटेड है और AICTE, NAAC, NBA, BCI, PCI, Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University (AKTU), लखनऊ, तथा Chaudhary Charan Singh University (Meerut) द्वारा अप्रूव्ड है।

डॉ. मयंक अग्रवाल की लीडरशिप जर्नी और रोल्स

डॉ. अग्रवाल IIMT Group of Colleges के Managing Director (MD) के रूप में कार्यरत हैं। वे वह की विज़नरी और ऑपरेशनल लीडर हैं जो अकादमिक क्वालिटी, एक्सपैनशन, इंस्टीट्यूशनल पार्टनरशिप्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टूडेंट आउटकम्स, फैकल्टी एक्सीलेंस और इंडस्ट्री लिंकजेज़ की ओवरसीइंग करते हैं।

वे केवल एक मैनेजर नहीं बल्कि वास्तव में एक चेंज लीडर हैं — वे परंपरा (वैल्यूज़, एथिक्स) को आधुनिकता (टेक्नॉलॉजी, ग्लोबल एक्सपोज़र) के साथ ब्लेंड करने का लक्ष्य रखते हैं, और मानते हैं कि इंस्टीट्यूशनल स्ट्रेंथ कई पिलर्स पर आधारित होती है: फैकल्टी, करिकुलम, इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्लेसमेंट्स, स्टूडेंट डेवलपमेंट और सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी।

डॉ. अग्रवाल कहते हैं:

“ए फाउंडेशन की राइट सक्सेस सिर्फ ग्रैजुएट्स प्रोड्यूस करने में नहीं बल्कि विज़नरीज़ क्रिएट करने में होती है…”

फ़िलॉसफ़ी, वैल्यूज़ और इंस्टीट्यूशनल कल्चर

पब्लिक मैसेजिंग से लेकर इंस्टीट्यूशनल मैटेरियल्स तक, कई गाइडिंग बिलीफ़्स स्पष्ट रूप से सामने आते हैं।

लर्निंग बाय डूइंग

IIMT के तहत डॉ. अग्रवाल हैंड्स-ऑन एक्सपोज़र, इंडस्ट्री-एकेडेमिया कोलैबोरेशन्स, रीयल-वर्ल्ड प्रोजेक्ट्स और स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग को महत्व देते हैं। उद्देश्य केवल थिअरेटिकल इंस्ट्रक्शन नहीं बल्कि छात्रों को प्रैक्टिस में केपेबल बनाना है।

होलिस्टिक डेवलपमेंट

एग्ज़ाम रिज़ल्ट्स से परे, IIMT Group पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, वैल्यूज़, एथिक्स, लीडरशिप, कम्यूनिकेशन और सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी को भी समान महत्ता देता है। डॉ. अग्रवाल का स्पष्ट मानना है कि होलिस्टिक ग्रोथ को सेंट्रल रहना चाहिए।

इंडस्ट्री अलाइनमेंट

MoUs, सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (जैसे IoT), कॉर्पोरेट लिंकजेज़ और स्ट्रॉंग प्लेसमेंट सपोर्ट — ये सब IIMT Group के स्ट्रैटेजिक पॉइंट्स माने जाते हैं। डॉ. अग्रवाल का विश्वास है कि छात्रों को इंडस्ट्री डिमांड्स के अनुरूप तैयार करना जरूरी है।

ग्लोबल एंड प्रोग्रेसिव विज़न

डॉ. अग्रवाल की गार्डियनशिप के तहत संस्थान छात्रों को ग्लोबली बेंचमार्क, कोलैबोरेट और एमर्जिंग टेक्नॉलॉजीज़ से अवगत कराने पर काम करते हैं, ताकि वे नेशनल बाउंड्रीज़ से आगे जाकर कम्पीट करने के लिए तैयार हों।

एथिक्स एंड वैल्यूज़

यह केवल जॉब्स या डिग्रीज़ तक सीमित नहीं है। डॉ. अग्रवाल की मैसेजिंग में साउंड वर्क एथिक्स और मोरल वैल्यूज़ पर लगातार ज़ोर दिया जाता है। उनका उद्देश्य केवल प्रोफेशनल्स तैयार करना नहीं बल्कि रिस्पॉन्सिबल सिटिज़न्स एक्रॉस द वर्ल्ड तैयार करना है।

मेज़र इनिशिएटिव्स एंड अचीवमेंट्स

डॉ. अग्रवाल की लीडरशिप के तहत IIMT Group ने कई कंक्रीट एडवांसेज़ हासिल किए हैं। प्रमुख उपलब्धियाँ निम्न प्रकार से हैं।

अकादमिक एक्सपैनशन

प्रोग्राम्स की वृद्धि, ग्रुप के तहत कई कॉलेजेज़, यूनिवर्सिटी आर्म का निर्माण और नए कैंपसिज़ की स्थापना ने IIMT को मल्टीपल डिसिप्लिन्स में गहराई प्रदान की है।

MoUs एंड सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस

उदाहरण: IIMT Group के एक कॉलेज {IIMT Engineering College} ने हाल ही में Softpro India Computer Technologies Pvt. Ltd. के साथ एक MoU साइन किया है। इसका उद्देश्य IoT में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करना है ताकि छात्रों को रिसर्च, टेक्निकल एक्सपोज़र और कंसल्टेंसी के लिए तैयार किया जा सके।

इन्फ्रास्ट्रक्चरल ग्रोथ

कई कैंपसिज़ में हाई-टेक फैसिलिटीज़, स्टूडेंट लैब्स और इंडस्ट्री लिंकजेज़ में सक्रिय निवेश किया गया है।

प्लेसमेंट स्ट्रेंथ

डॉ. मयंक अग्रवाल बताते हैं कि मेरिट रिज़ल्ट्स और प्लेसमेंट आउटकम्स उल्लेखनीय रहे हैं। आज कई छात्र टॉप-नॉच ऑर्गनाइजेशन्स में प्रिविलेज्ड पोज़िशन्स होल्ड कर रहे हैं।

अक्रेडिटेशन एंड रिप्यूटेशन

IIMT Group ने UGC, NAAC, NBA, AICTE जैसे कई प्रॉमिनेंट बॉडीज़ से रेकोग्निशन्स और अप्रूवल्स प्राप्त किए हैं और यह प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ से अफिलिएटेड है, जिससे डिग्रीज़ और कैंपस क्रेडिबिलिटी मजबूत होती है।

कॉन्फ्रेंस, सेमिनार लीडरशिप एंड विज़न सिम्पोज़िया

डॉ. अग्रवाल की लीडरशिप में IIMT अक्सर चीफ़ पैट्रन या पैट्रन के रूप में नेशनल कॉन्फ्रेंसेज़ और सेमिनार्स में शामिल होता है, जो अकादमिक डिस्कोर्स में सक्रिय इंस्टीट्यूशनल पार्टिसिपेशन को दर्शाता है।

भविष्य की दृष्टि: आईआईएमटी कहाँ की ओर बढ़ रहा है

डॉ. अग्रवाल के सार्वजनिक वक्तव्यों और संस्थान की वर्तमान दिशा को देखते हुए, आगामी वर्षों में आईआईएमटी निम्नलिखित पाँच प्रमुख आयामों में वृद्धि कर सकता है:

ग्रेटर ग्लोबल एंगेजमेंट:

विदेशी रिसर्च बॉडीज़, यूनिवर्सिटीज़ के साथ भागीदारी, इंटरनेशनल स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम्स, और संभवतः ऐसे एफिलिएशन्स जो आईआईएमटी की ग्लोबल रैंकिंग एवं पहचान को सुदृढ़ करें।

रिसर्च फोकस:

एआई, डाटा साइंस, आईओटी तथा अन्य उभरती टेक्नॉलॉजीज़ में नए सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस, अधिक रिसर्च आउटपुट, पेटेंट्स, स्टार्टअप्स और इनोवेशन लैब्स की संभावनाएँ।

एन्हैन्ड इंडस्ट्री इंटीग्रेशन:

अधिक एमओयूज़, इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप्स, इनक्यूबेटर्स, कॉरपोरेट के साथ को-क्रिएटेड करिकुलम, तथा इंडस्ट्री-एलाइन्ड स्किल सर्टिफिकेट्शन्स।

एलुमनाइ नेटवर्क स्ट्रेंथनिंग:

एलुमनाइ को मेंटर, ब्रांड एम्बैसडर तथा कोलैबोरेटर के रूप में शामिल करना – आईआईएमटी की दृष्टि एक स्ट्रॉन्ग एलुमनाइ नेटवर्क बनाने की है, जो प्लेसमेंट, गेस्ट लेक्चर्स, इनोवेशन और इंडस्ट्री लिंकेंजेस को मजबूत करे।

होलिस्टिक स्टूडेंट डेवेलेपमेंट:

तकनीकी करिकुलम से परे लीडरशिप डेवेलेपमेंट, एथिक्स, सॉफ्ट स्किल्स, कम्यूनिकेटशन, सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी और कम्यूनिटी आउटरीच जैसे व्यापक प्रोग्राम्स।

क्वालिटी को बनाए रखते हुए स्केलिंग:

अधिक प्रोग्राम्स और अधिक कैंपसों के विस्तार के साथ-साथ एक्रेडिटेशन्स, फैकल्टी एक्सीलेंस, क्वालिटी कंट्रोल और इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से उच्च मानकों को बनाए रखना।

क्यों डॉ. मयंक अग्रवाल महत्वपूर्ण हैं: क्या उन्हें विशिष्ट बनाता है

देश के बढ़ते शैक्षणिक नेतृत्व के क्षेत्र में, डॉ. अग्रवाल को अलग पहचान देने वाले कुछ प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं:

• उनका लक्ष्य केवल संगठनात्मक वृद्धि नहीं बल्कि पहचान और विश्वसनीयता है — सिर्फ आकार से नहीं, बल्कि अकादमिक स्ट्रेंथ, एथिकल ग्राउंडिंग और ग्लोबल प्रासंगिकता के माध्यम से।

• उनका नेतृत्व विज़नरी आकांक्षा और ठोस क्रियान्वयन (जैसे एमओयूज़, सेंटर्स, प्लेसमेंट मैट्रिक्स) के बीच एक संतुलन प्रदर्शित करता है — ऐसा संतुलन बहुत कम देखने को मिलता है।

• होलिस्टिक डेवेलेपमेंट पर ज़ोर केवल सीमित नहीं — अकादमिक परिणाम और वैल्यूज़ दोनों को समान महत्व दिया जाता है।

• वे समझते हैं कि आज की भारतीय शिक्षा को इंडस्ट्री-रेस्पॉन्सिव होना चाहिए, लेकिन साथ ही वैल्यूज़, एथिक्स और सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी को भी संरक्षित रखना चाहिए — जोकि एक चुनौतीपूर्ण संतुलन है।

आईआईएमटी इनक्यूबेशन सेंटर: युवा उद्यमियों के लिए लॉन्चपैड

डॉ. मयंक अग्रवाल के नेतृत्व में शुरू की गई सबसे विज़नरी और आइडियलिस्टिक पहलों में से एक नोएडा हब में स्थापित आईआईएमटी इनक्यूबेशन सेंटर है। यह प्लेटफॉर्म इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि छात्रों में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा दिया जा सके, और उन्हें एक संरचित इकोसिस्टम दिया जाए जहाँ उनके आइडियाज़ एंटरप्राइज़ेज़ के रूप में विकसित हो सकें।

डॉ. अग्रवाल मानते हैं कि भारत का भविष्य केवल स्किल्ड जॉब-सीकर्स बनाने में नहीं है, बल्कि जॉब-क्रिएटर्स को सशक्त करने में है। इसलिए उन्हें तैयार करना शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। इनक्यूबेशन सेंटर को लॉन्च करके उन्होंने शिक्षा-दर्शन को डिग्री-होल्डर्स पैदा करने से हटाकर इनोवेटर्स, एन्त्रप्रेन्योरियल लीडर्स और रिस्क-टेकर विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ाया है। यह बदलाव शिक्षा की सोच में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है।

नेतृत्व शैली और विश्वास

विज़नरी लेकिन ज़मीन से जुड़े हुए:
उनके भाषणों और संदेशों में लम्बे समय का विज़न दिखाई देता है—जैसे ग्लोबल कम्पीटिटिवनेस, एक्सीलेंस और वैल्यूज़। लेकिन इसके साथ-साथ वे वर्तमान वास्तविकताओं को भी गंभीरता से लेते हैं—जैसे फैकल्टी क्वालिटी, प्लेसमेंट्स और संस्थान की इंफ्रास्ट्रक्चर। वे भविष्य के लक्ष्यों के लिए वर्तमान में उठाए जाने वाले कदमों को भी उतना ही आवश्यक मानते हैं।

कोलैबोरेटिव और इंक्लूसिव नेतृत्व:
सेंट्रलाइज़ेशन के बजाय वे इंडस्ट्री, फैकल्टी, टेक-पार्टनर्स और एकेडेमिया के साथ सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। एमओयूज़ में कॉरपोरेट बॉडीज़ के साथ-साथ इंटरनल डिपार्टमेंट्स भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। छात्रों के विकास के लिए नियमित सेशन्स और सेमिनार संस्थान की पूर्ण भागीदारी से आयोजित किए जाते हैं।

स्टूडेंट-सेंट्रिक दृष्टिकोण:
उनका बार-बार ज़ोर “होलिस्टिक ग्रोथ”, “इंडस्ट्री-रेडी प्रोफेशनल्स”, “स्कल्प्टिंग यंग माइंड्स” और “प्रीविलेज्ड पोज़ीशन्स” जैसे विचारों पर रहता है। उनके अनुसार, छात्र की सफलता — केवल अकादमिक नहीं, बल्कि प्रोफेशनल और कैरियर उन्नति — शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।

वैल्यूज़-ड्रिवन सोच:
एथिक्स, वैल्यूज़, कैरेक्टर बिल्डिंग और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी का लगातार उल्लेख इस बात को स्पष्ट करता है कि नैतिकता उनके नेतृत्व का शुरुआती बिंदु नहीं, बल्कि मुख्य आधार है।

इनोवेटिव और एडैप्टेबल अप्रोच:
वे नयी टेक्नॉलॉजी अपनाने, सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने, हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने और एक्सटर्नल ऑर्गनाइजेशन के साथ साझेदारी करने में अग्रणी हैं। यह उनकी एडैप्टेबिलिटी और फ्यूचर-रेडी मानसिकता को दर्शाता है।

आगे की दिशा: अवसर और रणनीतिक प्राथमिकताएँ

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ऑनलाइन एजुकेशन:
ब्लेंडेड, हाइब्रिड और ऑनलाइन लर्निंग मॉडल्स का विस्तार, दूरस्थ छात्रों तक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से पहुँच बनाना, और माइक्रो-क्रेडेंशियल्स या कंटीन्यूएंग एजुकेशन की दिशा में कदम।

ग्लोबल रैंकिंग्स और एक्रेडिटेशन्स:
आईआईएमटी को अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में आगे लाने और इंटरनेशनल एक्रेडिटेशन्स प्राप्त करने के लिए प्रयास। इससे विदेशी छात्र व फैकल्टी को आकर्षित करने के साथ-साथ संस्थान की साख बढ़ाने का उद्देश्य है।

रिसर्च आउटकम और इनोवेशन इकोसिस्टम:
छात्रों और फैकल्टी को पब्लिकेशन्स, पेटेंट्स और स्टार्टअप वेंचर्स के लिए प्रेरित करना, तथा इनोवेशन लैब्स और इनक्यूबेटर्स के माध्यम से टैलेंट को बनाए रखना उनकी रणनीति का हिस्सा है।

सस्टेनेबिलिटी, सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी और इंक्लूसिव एजुकेशन:
शिक्षा की पहुँच का विस्तार, स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स, विविधता सुनिश्चित करना, तथा संचालन में सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस लाना — इन पहलुओं को वे संस्थान के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।

ब्रांडिंग और लीडरशिप पोज़िशनिंग:
डॉ. अग्रवाल और आईआईएमटी को केवल एक शिक्षा संस्थान नहीं, बल्कि थॉट-लीडर के रूप में विकसित करना—ताकि वे नीति-निर्माण और टेक्नॉलॉजी-एजुकेशन कन्वर्जेन्स पर प्रभावी योगदान दे सकें।

आयआईएमटी इन्क्यूबेशन सेंटर के बेसिक ऑब्जेक्टिव्स क्या हैं?

• स्टूडेंट और एलुमनाई स्टार्टअप्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, मेंटॉरशिप और फ़ंडिंग सपोर्ट देना।

• यंग आंत्रप्रेन्योर्स को इन्वेस्टर्स, इंडस्ट्री मेंटर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स से कनेक्ट करना।

• हैकाथॉन्स, इनोवेशन चैलेंजेज़, आइडिएशन कैम्प्स और पिच सेशंस ऑर्गनाइज़ करना।

• डिज़ाइन थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और स्टार्टअप रेज़िलिएंस की कल्चर को बिल्ड करना।

सपोर्ट ईकोसिस्टम:

आयआईएमटी ग्रुप के साथ मिलकर यह सेंटर को-वर्किंग स्पेसेज़, प्रोटो-टाइपिंग लैब्स, सीड फ़ंडिंग गाइडेंस, लीगल और फ़ाइनेंशियल एडवाइजरी — और आंत्रप्रेन्योर्स व एंजल इन्वेस्टर्स के नेटवर्क तक एक्सेस प्रदान करता है। इस ऑल-इन्क्लूसिव सपोर्ट के ज़रिए डॉ. अग्रवाल सुनिश्चित करते हैं कि छात्र सिर्फ़ स्टार्टअप्स का सपना ही न देखें — बल्कि उन्हें एग्ज़ीक्यूट और स्केल भी कर सकें।

स्टूडेंट इम्पैक्ट:

आज तक आयआईएमटी इन्क्यूबेशन अंब्रेला के तहत कई स्टार्टअप्स आकार ले चुके हैं — टेक सॉल्यूशन्स से लेकर सोशल एंटरप्राइज़ेज़ तक। डॉ. अग्रवाल अक्सर कहते हैं —

“फ्रेश माइंड्स प्रॉब्लम्स को अलग तरीके से देखते हैं – और उनके कैंपस में बनी सॉल्यूशन्स देश की सॉल्यूशन्स बन सकती हैं।”

स्ट्रैटेजिक विज़न:

इन्क्यूबेशन सेंटर भारत की नेशनल प्रायोरिटीज़ जैसे स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के साथ संरेखित है। यह आयआईएमटी ग्रुप को सिर्फ़ एक अकैडमिक इंस्टीट्यूशन से आगे ले जाता है — यह आंत्रप्रेन्योर्स की अर्थव्यवस्था का योगदानकर्ता बनता है, जहाँ हायर एजुकेशन जॉब क्रिएशन, इनोवेशन और नेशनल डेवलपमेंट से जुड़ती है।

आयआईएमटी इन्क्यूबेशन सेंटर की मुख्य हाइलाइट्स

• पूरे देश में 150 से ज़्यादा स्टार्टअप्स को इंफ्रास्ट्रक्चर, मेंटॉरशिप और स्ट्रैटेजिक गाइडेंस के साथ सपोर्ट करना।

• इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप्स की कलेक्टिव रेवेन्यू जेनरेशन ₹200 करोड़ से अधिक होने की सम्भावना — जो स्ट्रॉन्ग आंत्रप्रेन्योरियल आउटकम को दर्शाता है।

• स्टार्टइनयूपी द्वारा मान्यता प्राप्त — भारत सरकार से ₹2.5 करोड़ का ग्रांट उत्कृष्ट परफॉर्मेंस के लिए।

• उत्तर प्रदेश के टॉप 5 बेस्ट परफॉर्मिंग इन्क्यूबेशन सेंटरस में शामिल — जो इनोवेशन और स्टार्टअप सक्सेस में इसकी एक्सलेंस दिखाता है।

डॉ. अग्रवाल असल में क्या सोचते हैं

“एक सच्चा अकैडमिक ऑर्गनाइजेशन वह नहीं है जो केवल डिग्री कॉन्फर करे — बल्कि वह है जो सपने देखने का साहस जगाए, निर्माण करने का अनुशासन दे, और सेवा करने का चरित्र पैदा करे। आयआईएमटी में हम सिर्फ़ प्रोफेशनल्स नहीं बना रहे — हम पायोनियर्स को नर्चर कर रहे हैं जो भविष्य लिखेंगे।”

निष्कर्षात्मक विचार

आयआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में, डॉ. मयंक अग्रवाल एक ऐसे लीडर का मॉडल प्रस्तुत करते हैं जिसकी कॉम्बिनेशन — एम्बिशन, लर्नर-सेंट्रिक फोकस और एथिक्स — अत्यंत दुर्लभ है। वे ट्रेडिशन को इनोवेशन के साथ, इंस्टीट्यूशनल ग्रोथ को ह्यूमन टच के साथ, और स्केल को वैल्यूज़ के साथ जोड़ते हैं। उनके निर्देशन में आयआईएमटी सिर्फ़ कैम्पसेस या प्रोग्राम्स नहीं जोड़ रहा — बल्कि एक प्रोग्रेसिव ईकोसिस्टम बना रहा है।

द सीईओ मैगज़ीन के लिए, डॉ. मयंक अग्रवाल की कहानी एक कमांडिंग केस स्टडी है — जब हेड और हार्ट साथ लीड करें, क्वालिटी सिर्फ़ एक स्लोगन नहीं बल्कि कमिटमेंट बने… और छात्र केवल नंबर नहीं बल्कि देश के भविष्य के नागरिक, लीडर्स और इनोवेटर्स के रूप में देखे जाएँ।

एक क्रिएटर, मेंटॉर और नेशन-बिल्डर के रूप में, डॉ. अग्रवाल साबित कर रहे हैं कि जब एजुकेशन को इंटेलेक्ट और इंटेग्रिटी – दोनों ने गाइड किया, तब यह समाजिक ट्रांसफॉर्मेशन की सबसे शक्तिशाली फ़ोर्स बन जाती है।

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