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निखिल अग्रवाल: एक ऐसा टेक्नोलॉजी-आधारित प्लेटफ़ॉर्म बना रहे हैं जो निर्यात (Export) की प्रक्रिया को आसान और भरोसेमंद बनाता है

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ग्लोबल ट्रेड बहुत तेजी से बदल रहा है — लेकिन एक्सपोर्टर्स रोज़ाना कई दिक्कतों से जूझते हैं: बिखरी हुई डॉक्यूमेंटेशन, शिपमेंट में देरी, लगातार फॉलो-अप्स, छुपे हुए करेंसी चार्जेज़, और कोई विजिबिलिटी नहीं। निखिल अग्रवाल, जो पज़ागो के CEO हैं, ने इस समस्या को सिर्फ inefficiency नहीं बल्कि एक सिस्टमेटिक इश्यू माना जो ट्रांसफॉर्मेशन का माँग करता है। पज़ागो एक ऐसा टेक-पावर्ड प्लेटफ़ॉर्म है जिसे एक्सपोर्टर्स के साथ काम करके और उनके वर्कफ़्लो को समझकर बनाया गया है। यह हर एक्सपोर्ट ऑपरेशन के स्टेप को सिंप्लिफाई और स्ट्रीमलाइन करता है — चाहे वो डॉक्यूमेंटेशन हो, लॉजिस्टिक्स, फॉरेक्स या ट्रैकिंग। निखिल का मिशन है कि सीमलेस, रिलायबल और एफिशियंट ग्लोबल ट्रेड को एनेबल करें और इंडियन बिज़नेस को ग्लोबली थ्राइव करने में मदद करें।

अराजकता से स्पष्टता तक

निखिल का पालन-पोषण एक व्यापारिक माहौल में हुआ जहाँ घर की बातों में अक्सर व्यापार की समस्याएं होती थीं। अपने पिता को बिज़नेस के उतार-चढ़ाव से गुजरते देखकर उन्होंने जोखिम, धैर्य और समस्या सुलझाने की समझ विकसित की। यही वजह थी कि वे सिर्फ पदों के लिए नहीं बल्कि असली समस्याओं को सुलझाने के लिए उद्यमी बने।

जब उन्होंने निर्यात क्षेत्र को समझना शुरू किया, तो पाया कि ग्लोबल व्यापार बहुत जटिल है। माल भेजने की स्थिति का तुरंत पता नहीं चलता, गुणवत्ता संबंधी समस्याएं बार-बार आती हैं और उन्हें ठीक करने का कोई व्यवस्थित तरीका नहीं है। पुराने तरीके मैन्युअल कामों और कई बिचौलियों पर निर्भर हैं।

“इस क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव चाहिए — व्यक्तिगत रिश्तों और मैनुअल कामों से हटकर डेटा, ऑटोमेशन और नियमों पर चलना चाहिए,” निखिल कहते हैं। पज़ागो इसी सोच से बना। इसका लक्ष्य था व्यापार की अराजकता को व्यवस्थित करना और इसे अधिक प्रभावी बनाना।

निर्यातकों के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम

पज़ागो एक ऐसा संपूर्ण सिस्टम है जो भारतीय निर्यातकों के लिए कागजी काम, माल ढुलाई, मुद्रा विनिमय, नियमों की पालना और संवाद को आसान बनाता है। इसका एक ख़ास फीचर है “एक्सपोर्ट ऑर्डर रेसिपी” जो निर्यातकों को उनके ऑर्डर के हर चरण को पहले से तय करने में मदद करता है, जिससे गलतियां कम होती हैं और काम तेजी से होता है।

टीम ने बिना तैयारी सीधे कोडिंग शुरू नहीं की। “हमने निर्यातकों के साथ काम किया और उनके काम के तरीके को समझा,” निखिल बताते हैं। “पज़ागो उनकी वास्तविक ज़रूरतों से बना, बोर्डरूम से नहीं।” इसी वजह से यह प्लेटफ़ॉर्म यूजर के लिए आसान और असरदार है।

पज़ागो की खासियत

पज़ागो का ध्यान हमेशा काम को सही तरीके से करने पर रहता है। निखिल पूछते हैं, “क्या सही नहीं चल रहा? क्या यूजर को धीमा कर रहा है?” यह तरीका सुनिश्चित करता है कि प्लेटफ़ॉर्म लचीला और विकसित होता रहे। निर्यातकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया के अनुसार पज़ागो लगातार बेहतर होता रहता है। इसका यह अनुकूलन क्षमता इसे ग्लोबल व्यापार में डिजिटल बदलाव का नेता बनाती है।

यूजर्स के साथ मजबूत जुड़ाव से पज़ागो ने ऐसा सिस्टम बनाया है जो न केवल लचीला है, बल्कि बड़े स्तर पर काम कर सकता है। रियल टाइम फीडबैक पर बदलाव करना इसकी सफलता की वजह है। पज़ागो का मकसद ग्लोबल व्यापार को सरल बनाना और व्यवसायों को तेजी से बढ़ने में मदद करना है।

मालिकाना की संस्कृति बनाना

निखिल के लिए एक मजबूत, प्रेरित टीम बनाना बड़ी उपलब्धि है। पज़ागो में उन्होंने ऐसी संस्कृति बनाई है जहाँ हर सदस्य खुद को मालिक समझता है। हर कोई फाउंडर की तरह सोचता और काम करता है। वे कहते हैं, “लीडर का काम हर फैसला लेना नहीं है, बल्कि मानक तय करना, रास्ते साफ करना और टीम को उद्देश्य पर केंद्रित रखना है।” यहाँ ब्यूरोक्रेसी के लिए कोई जगह नहीं है।

आगे का रास्ता

निखिल का मानना है कि आने वाले समय में डिजिटल सिस्टम ग्लोबल व्यापार पर हावी होंगे। “नियम कड़े होंगे, मुनाफा घटेगा, और केवल वे सफल होंगे जिनके पास बेहतर सिस्टम होंगे।” पज़ागो का लक्ष्य है कि वह निर्यातकों के लिए एक पूरा ERP सिस्टम बने जो सभी काम संभाले।

यह उद्योग तेजी से बदल रहा है। 100 से अधिक निर्यातक पहले से पज़ागो से जुड़ चुके हैं और भारत के कई शहरों में विस्तार कर रहे हैं। पज़ागो तैयार है इस बदलाव का नेतृत्व करने के लिए।

“आइडिया बनाना आसान है; काम करना मुश्किल। जीतने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने यूजर के लिए पूरी तरह समर्पित हों, अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलें, और असली समाधान बनाएं, केवल स्लाइड्स नहीं। अगर आप सच में समस्या हल कर रहे हैं और मेहनत कर रहे हैं, तो बाज़ार आपका साथ देगा।”

— निखिल अग्रवाल

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