सिस्को रिसर्च लैबोरेटरीज: 50 साल के वैज्ञानिक सफर की कामयाबी

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भारत सदियों से इनोवेशन की धरती रहा है। यहाँ के वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे तेज़ दिमाग़ों में से कई पैदा किए हैं। फिर भी, लैबोरेटरी केमिकल्स की बात हो तो भारतीय वैज्ञानिकों को अक्सर विदेशी प्रोडक्ट्स पर निर्भर रहना पड़ता था। सिस्को रिसर्च लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड (SRL) ने इस कहानी को बदल दिया। 1975 में श्री S.K. अग्रवाल ने SRL की स्थापना की, जिसका मकसद था भारत में विश्वस्तरीय लैबोरेटरी केमिकल्स बनाना।

आज, SRL फाइन और स्पेशल्टी लैबोरेटरी केमिकल्स के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट विरासत बना चुका है। इस वैज्ञानिक क्रांति के आगे श्री विकास अग्रवाल, जो जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, खड़े हैं। उनकी रिसर्च के लिए जुनून, बिज़नेस समझ और दूरदर्शिता ने SRL को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। मुंबई की एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से शुरू होकर, अब SRL का ग्लोबल नेटवर्क फैला हुआ है, जिसमें कई डिस्ट्रीब्यूटर्स और डीलर्स शामिल हैं।

विज्ञान, सस्टेनेबिलिटी, और बेमिसाल क्वालिटी के लिए जुनून के साथ, विकास और उनकी टीम बायोटेक्नोलॉजी के भविष्य को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं, ये साबित करते हुए कि भारत में बने लैब सॉल्यूशन्स विश्व स्तर पर बेहतरीन हो सकते हैं।

पाँच दशकों की उत्कृष्टता

सिस्को रिसर्च लैबोरेटरीज प्रा. लिमिटेड (SRL) की शुरुआत एक बड़े सपने के साथ हुई — भारत को फाइन और स्पेशल्टी लैब केमिकल्स के ग्लोबल मानचित्र पर लाना। मुंबई के बाहरी इलाके में एक छोटा 250 स्क्वायर फीट का लैब शुरू होकर, अब यह वैज्ञानिक नवाचार का पावरहाउस बन चुका है, जिसमें 9,000 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं — जैसे रियाजेंट्स, बायोकेमिकल्स और ऑर्गेनिक इंटरमीडिएट्स। आज SRL 100 से ज्यादा देशों को एक्सपोर्ट करता है, 130 ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूटर्स और 800 डीलर्स के साथ काम करता है, और भारत में 300 डिस्ट्रीब्यूटर्स और 1,550 सब-डीलर्स के साथ पार्टनर है।

SRL की सफलता की बुनियाद क्वालिटी, रिसर्च और इनोवेशन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता है। “मेरे दादा, श्री S.K. अग्रवाल ने SRL की स्थापना गहरे देशभक्ति और उद्देश्य के साथ की थी,” विकास बताते हैं। “उन्हें हमेशा ये विश्वास था कि भारतीय वैज्ञानिकों को विदेशी प्रोडक्ट्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। वे भारत में ही विश्वस्तरीय केमिकल्स बनाना चाहते थे।”

इस विचार के साथ, SRL ने सेंसिटिव बायोकेमिकल्स जैसे अमीनो एसिड्स के निर्माण की शुरुआत की, जिसने इसे भारत के सबसे भरोसेमंद नामों में से एक बनाया। अब चार मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन्स और बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन के साथ, SRL लगातार वैज्ञानिक रिसर्च में नई सीमाएँ पार कर रहा है।

50 साल की उत्कृष्टता मनाते हुए, नेतृत्व की ज़िम्मेदारी अगली पीढ़ी को सौंपी गई है — श्री रमेश अग्रवाल (डिप्टी चेयरमैन), श्री आकाश अग्रवाल (मैनेजिंग डायरेक्टर), और श्री विकास अग्रवाल (जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर) SRL को नए मुकाम पर ले जा रहे हैं। “मुझे गर्व है कि मैं भारत के सबसे पुराने फाइन केमिकल मैन्युफैक्चरिंग परिवार का हिस्सा हूँ,” विकास कहते हैं। “और हमारा मिशन वही है — इस क्षेत्र में सबसे बेहतर बनना और उद्योग के लिए नए मानक स्थापित करना।”

श्री विकास अग्रवाल, जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, SRL

18 सालों से SRL के साथ जुड़े विकास अग्रवाल ने कंपनी की ग्रोथ और इनोवेशन में अहम भूमिका निभाई है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम, यूके से एम्बीए इन एंटरप्रेन्योरशिप करने वाले विकास एक ग्लोबल दृष्टिकोण लाते हैं, लेकिन SRL की विरासत के प्रति पूरी तरह वफादार हैं।

बुल्क बिज़नेस डेवलपमेंट, एक्सपोर्ट एक्सपेंशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, डोमेस्टिक प्रोक्योरमेंट और ब्रांड मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों की निगरानी करते हुए, विकास सुनिश्चित करते हैं कि SRL लैब केमिकल्स में एक भरोसेमंद नाम बना रहे। “हमारा ब्रांड क्वालिटी और भरोसेमंदी के लिए जाना जाता है,” वो कहते हैं। “हम रिसर्चर्स और इंडस्ट्रीज को जरूरी टूल्स देते हैं ताकि वे इनोवेशन और डिस्कवरी कर सकें।”

एसआरएल का डाइवर्स पोर्टफोलियो

सिस्को रिसर्च लैबोरेटरीज़ प्राइवेट लिमिटेड (एसआरएल) कई तरह के साइंटिफिक प्रोडक्ट्स बनाती है। इनके पोर्टफोलियो में लैब में काम आने वाले केमिकल्स, सॉल्वेंट्स, बायोकेमिकल्स, बायोरिऐजेंट्स, स्पेशल फाइन केमिकल्स, माइक्रोबायोलॉजी मीडिया, जानवरों की कोशिकाओं से जुड़े कल्चर प्रोडक्ट्स, डीएनए और प्रोटीन से जुड़े टूल्स (बायोलिट™ रेंज के तहत), नैनो टेक्नोलॉजी से जुड़ी चीज़ें और प्लास्टिक या पोर्सलीन के बने लैब एक्सेसरीज़ शामिल हैं।

एसआरएल की सबसे बड़ी खासियत है — इसकी बहुत बड़ी प्रोडक्ट रेंज, बहुत सख्त क्वालिटी चेक और यह बात कि इसके प्रोडक्ट्स छोटे लैब से लेकर बड़े इंडस्ट्रियल इस्तेमाल तक के लिए बनाए जाते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े काम में देश और दुनिया के नियमों को मानना बहुत ज़रूरी होता है। एसआरएल इसके लिए बहुत सख्त क्वालिटी एश्योरेंस प्रोटोकॉल्स अपनाता है और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के हिसाब से अपने सिस्टम को बार-बार अपडेट करता है। एक खास कम्प्लायंस टीम कंपनी में समय-समय पर ऑडिट और ट्रेनिंग करती है ताकि हर चीज़ सेफ और भरोसेमंद बनी रहे।

कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को cGMP, FDA, NABL (ISO 17025-2017), ISO 9001-2015 और CE जैसे बड़े सर्टिफिकेशन मिले हुए हैं। इंटरनेशनल ट्रेड में अपने योगदान के लिए भारत सरकार के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने 2023 में एसआरएल को “वन स्टार एक्सपोर्ट हाउस” का दर्जा दिया।

आगे की सोच, आगे की तैयारी

भारत में बायोटेक्नोलॉजी का सेक्टर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। 2024 में इसकी वैल्यू लगभग 101.5 बिलियन यूएस डॉलर थी और उम्मीद है कि 2033 तक ये 297.2 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच जाएगी। यानी हर साल लगभग 11.09% की ग्रोथ। इसकी वजह है सरकार की नई योजनाएं, R&D में बढ़ता इन्वेस्टमेंट और इंडियन कंपनियों का इंटरनेशनल पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करना। सरकार ने 2021-22 के साल में लगभग 1.1 बिलियन यूएस डॉलर बायोटेक्नोलॉजी प्रोग्राम्स के लिए रखे थे।

श्री विकास अग्रवाल कहते हैं, “एसआरएल की सफलता इस बात से तय होती है कि हम साइंस की तरक्की में कितना योगदान दे पा रहे हैं। हमारी क्वालिटी प्रोडक्ट्स से रिसर्चर्स और इंडस्ट्रीज को नई खोजें करने में मदद मिलती है। हमारी असली जीत है — कस्टमर की संतुष्टि और समाज व पर्यावरण पर पॉज़िटिव असर।”

ये सोच एसआरएल के हर काम में दिखती है। “हम अपने एम्प्लॉइज़ को लगातार सीखने के लिए मोटिवेट करते हैं, उन्हें इंटरनेशनल कॉन्फरेंस में भेजते हैं और बड़ी रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के साथ कोलैबोरेशन करते हैं,” श्री विकास बताते हैं। “हम इंडस्ट्री ट्रेंड्स पर नज़र रखते हैं और नई-नई टेक्नोलॉजीज़ में इन्वेस्ट करते हैं ताकि हमारे प्रोडक्ट्स रिसर्च कम्युनिटी की बदलती ज़रूरतों के साथ-साथ बदलें।”

हालाँकि इंडिया में R&D काफी बढ़ा है, फिर भी हम GDP का सिर्फ 0.8% ही खर्च कर रहे हैं, जबकि अमेरिका और चीन जैसे देश 2% से ज़्यादा करते हैं। इस गैप को भरने के लिए एसआरएल इनोवेशन पर ज़ोर देता है। कंपनी ने लगातार अपने प्रोडक्ट्स की रेंज बढ़ाई है — जैसे मॉलिक्युलर बायोलॉजी से जुड़े नए रिऐजेंट्स और नैनोमैटीरियल्स, जिससे साइंटिफिक रिसर्च को मज़बूती मिल रही है।

बेहतर कल के लिए इनोवेशन

पिछले 50 सालों से एसआरएल साइंटिफिक रिसर्च में लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है। कंपनी का न्यू प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम समय के साथ और मज़बूत हुआ है। एसआरएल ने कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिससे ये बायोटेक इनोवेशन में लीडर बन गया है।

सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक — एसआरएल आज एशिया की सबसे बड़ी कंपनी है जो स्पेशल बायोलॉजिकल बफर्स जैसे Tris Buffer और Tris HCL, और बायोलॉजिकल डिटरजेंट्स जैसे Sodium Dodecyl Sulphate, और DL-Dithiothreitol जैसे डिनैचुरिंग एजेंट्स बनाती है।

इसके अलावा, भारत की पहली कंपनी बनकर एसआरएल ने 300 से ज़्यादा नैनोपाउडर और कार्बन नैनोट्यूब्स लॉन्च किए हैं, जो नैनो टेक्नोलॉजी रिसर्च को ताक़त देते हैं।

इनोवेशन जारी रखते हुए एसआरएल ने हाल ही में PAP Pens लॉन्च किए हैं जो इम्यूनोहिस्टोकैमिस्ट्री और इम्यूनोहिस्टोपैथोलॉजी में काम आते हैं। एक और बड़ी खोज है — SeraPreserve, जो एक नॉन-टॉक्सिक, नॉन-कार्सिनोजेनिक लिक्विड सॉल्यूशन है, जिससे जानवरों और पौधों की टिशू सैम्पल्स को Formalin/Formaldehyde के बिना स्टोर किया जा सकता है।

“हमारे लिए इनोवेशन कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि जीने का तरीका है,” श्री विकास कहते हैं। “हम बायोसाइंस में आने वाली मुश्किलों को पहचानते हैं और ऐसे सॉल्यूशन्स बनाते हैं जो असरदार भी हों और अफोर्डेबल भी।”

सिर्फ प्रोडक्ट डेवलपमेंट ही नहीं, डेटा एनालिसिस और कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी भी एसआरएल के काम में बहुत ज़रूरी रोल निभाते हैं। कंपनी बिग डेटा और बायोइन्फॉर्मेटिक्स टूल्स का इस्तेमाल करती है ताकि प्रोडक्शन प्रोसेस को बेहतर बनाया जा सके, प्रोडक्ट्स की एफिशिएंसी बढ़े और मार्केट की ज़रूरतों को पहले से समझा जा सके। इसी के दम पर एसआरएल आज स्मार्ट, डेटा-बेस्ड फैसले ले पाती है — जिससे इनोवेशन और कस्टमर सैटिस्फैक्शन दोनों बढ़ते हैं।

हरियाली से भरा भविष्य

पिछले 50 सालों से SRL का मकसद सिर्फ साइंस में तरक्की करना नहीं रहा, बल्कि हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर और एनवायरनमेंट पर पॉज़िटिव असर डालना भी रहा है। कंपनी मानती है कि बायोटेक्नोलॉजी को इंसानियत की भलाई के लिए ज़िम्मेदारी से काम में लाना चाहिए। यही सोच उसकी सस्टेनेबिलिटी और एथिक्स को भी गाइड करती है।

“SRL में सस्टेनेबिलिटी हमारे हर काम की जड़ में है,” श्री विकास कहते हैं। “हमेशा से हमारा मंत्र यही रहा है — दुनिया के साइंटिफिक चैलेंजेस को सॉल्व करना, लेकिन इस तरह कि हमारे सॉल्यूशन्स असरदार भी हों और एनवायरनमेंट के लिए सही भी।”

SRL ग्लोबल हेल्थकेयर में भी बड़ा योगदान दे रहा है। कंपनी हाई-क्वालिटी रॉ मटीरियल्स बनाती है जो API’s, फॉर्म्युलेशन्स, न्यूट्रास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग गुड्स, FMCG, फूड & बेवरेज, कन्फेक्शनरी, बायोलॉजिक्स, वैक्सीन और इन-विट्रो डायग्नॉस्टिक किट्स के लिए इस्तेमाल होते हैं — और ये 100 से ज़्यादा देशों को सप्लाई किए जाते हैं।

कंपनी एग्रीकल्चर और फूड सिक्योरिटी में भी ज़रूरी रोल निभा रही है — ज़रूरी बायोकेमिकल्स और रिऐजेंट्स प्रोवाइड करके जो क्रॉप सुधार, कम पेस्टीसाइड इस्तेमाल और न्यूट्रिशन बढ़ाने में मदद करते हैं। इंडिया के ICAR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के साथ SRL की गहरी पार्टनरशिप है और वो देशभर में उनकी रिसर्च को सपोर्ट करता है।

SRL हर इनोवेशन को इंटरनेशनल सेफ्टी और सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड्स के हिसाब से बनाता है। “हम ग्रीन केमिस्ट्री, एनर्जी-एफिशिएंट प्रोसेसेज़, और कम से कम एनवायरनमेंटल फुटप्रिंट पर ज़ोर देते हैं,” श्री विकास बताते हैं। हेल्थ और एग्रीकल्चर से आगे बढ़कर SRL क्लाइमेट चेंज से लड़ने में भी एक्टिव है — जैसे बायोफ्यूल्स, कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजीज़ और क्लाइमेट-रेज़िलिएंट क्रॉप्स पर काम कर रहे टॉप रिसर्च ग्रुप्स के साथ मिलकर।

SRL का आने वाला कल

आने वाले समय में SRL बड़ी एक्सपैंशन की तैयारी कर रहा है — नए प्रोडक्ट डेवलपमेंट, रेगुलेटरी एडवांसमेंट्स और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने पर फोकस है।

“SRL की आत्मा ही इनोवेशन है,” श्री विकास कहते हैं।

कंपनी जल्द ही सेल बायोलॉजी और सेल कल्चर जैसे फील्ड्स में एंट्री ले रही है — जिनका बहुत बड़ा रोल है बायोमेडिकल रिसर्च, वैक्सीन डेवलपमेंट, कैंसर स्टडीज़ और टिशू इंजीनियरिंग में।

इसके अलावा SRL अब क्रोमैटोग्राफी में भी उतर रहा है — जहां वो LC-MS ग्रेड सॉल्वेंट्स लॉन्च करेगा, जो फार्मास्युटिकल ड्रग डेवलपमेंट, बायोमेडिकल रिसर्च, एनवायरनमेंटल मॉनिटरिंग और फूड सेफ्टी के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं।

सिर्फ प्रोडक्ट्स ही नहीं, SRL अपने रेगुलेटरी सिस्टम को भी और मज़बूत बना रहा है। जैसे अब कंपनी नाइट्रोसामीन डिक्लेरेशन जैसे डॉक्युमेंट्स प्रोवाइड कर रही है। नाइट्रोसामीन्स वो केमिकल्स होते हैं जो कैंसर पैदा कर सकते हैं, और जिनका टेस्टिंग और डिक्लेरेशन अब फार्मा, फूड और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज़ में ज़रूरी हो गया है। US FDA और European Medicines Agency (EMA) जैसे रेगुलेटर्स इसे अनिवार्य मानते हैं।

“हमें गर्व है कि हम इंडिया की उन गिनी-चुनी कंपनियों में हैं जो फार्मा क्लाइंट्स को ये क्रिटिकल डिक्लेरेशन सपोर्ट दे रही हैं,” श्री विकास बताते हैं।

इस तेज़ ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए कंपनी हाई-टेक रिसर्च फैसिलिटीज़ में इन्वेस्ट कर रही है और नए स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप्स बना रही है। SRL का विज़न है — ग्लोबली एक्सपैंड करना, साइंटिफिक कम्युनिटी को बेमिसाल सपोर्ट देना और वर्ल्डवाइड रिसर्च में लीडरशिप रोल निभाना।

SRL की समाज के प्रति ज़िम्मेदारी

सिस्को रिसर्च लैबोरेटरीज प्रा. लि. (SRL) सिर्फ साइंटिफिक रिसर्च तक सीमित नहीं है — कंपनी अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) इनिशिएटिव्स के ज़रिए इंडिया में एजुकेशन, हेल्थकेयर, एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी और कम्युनिटी वेलफेयर में भी अहम योगदान दे रही है।

SRL ज़रूरतमंद बच्चों की मदद के लिए मैथरु अभया फाउंडेशन, सुमैथंगी ट्रस्ट और TIA एसोसिएशन जैसे संगठनों के साथ मिलकर काम करती है — उन्हें ज़रूरी लर्निंग रिसोर्सेज़, वोकेशनल ट्रेनिंग और हॉलिस्टिक केयर प्रोवाइड करती है। इसके अलावा दि ओपन ट्री फाउंडेशन के टॉयबैंक जैसे इनिशिएटिव्स बच्चों को खेल के ज़रिए सीखने का मौका देते हैं।

हेल्थकेयर के क्षेत्र में, SRL का सहयोग सद्भाव फाउंडेशन के साथ कैंसर पेशेंट्स की मदद में, सहारा पॉलिक्लिनिक के साथ स्लम एरियाज़ में फ्री मेडिकल केयर में, और थिरुमलाई मिशन हॉस्पिटल के साथ सस्ती ट्रीटमेंट प्रोवाइड करने में है।

एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी SRL का एक और बड़ा फोकस है। स्पर्श फाउंडेशन के साथ गुजरात के वलसाड ज़िले में सोलर किट डिस्ट्रिब्यूशन, हाइड्राग्रीन्स फाउंडेशन ट्रस्ट के साथ मुंबई और नोएडा में बड़े पैमाने पर ट्री प्लांटेशन, और श्रृंखला ऑर्गनाइज़ेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ सीड कंज़र्वेशन और फूड सस्टेनेबिलिटी जैसी इको-फ्रेंडली एक्टिविटीज़ इसमें शामिल हैं।

SRL जानवरों की भलाई के लिए भी गहराई से काम करता है। कंपनी दि फेलाइन फाउंडेशन, इन डिफेंस ऑफ़ एनिमल्स, और दि किबो प्रोजेक्ट को सपोर्ट करती है — जो स्ट्रे एनिमल्स की रेस्क्यू, ट्रीटमेंट और रिहैबिलिटेशन करते हैं। दि फेलाइन फाउंडेशन में एक वॉर्ड SRL के नाम पर समर्पित भी है।

इसके अलावा SRL बुज़ुर्गों की देखभाल में भी योगदान देता है, जैसे स्नेहा सागर सोसाइटी, और महिलाओं को रोजगार और सस्टेनेबल रोज़गार देने वाले इनिशिएटिव्स में जैन अलर्ट चैरिटेबल ट्रस्ट और यूथ ऑन द मूव NGO के साथ मिलकर काम करता है।

इन सभी इनिशिएटिव्स के ज़रिए SRL का मिशन साफ है — लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना और एक समावेशी, संवेदनशील दुनिया बनाना।

लीडरशिप का मंत्र

“बायोटेक इंडस्ट्री सबसे डायनामिक और तेज़ी से बदलने वाले फील्ड्स में से एक है। इसमें सक्सेस पाने के लिए आपको ट्रेंड्स से आगे रहना होगा,” श्री विकास कहते हैं। “सब कुछ जिज्ञासा से शुरू होता है — हमेशा सीखते रहो, नए एडवांसमेंट्स को समझो और एक्सप्लोर करना मत छोड़ो।”

बायोलॉजी, केमिस्ट्री, और लाइफ साइंसेज़ की स्ट्रॉन्ग फाउंडेशन बहुत ज़रूरी है। “ये इंडस्ट्री साइंस से चलती है। चाहे आप एंटरप्रेन्योर हों या प्रोफेशनल, बेसिक कॉन्सेप्ट्स की गहरी समझ ज़रूरी है,” वो बताते हैं।

लेकिन सिर्फ टेक्निकल नॉलेज काफी नहीं है — हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस भी चाहिए। “लैब्स, रिसर्च इंस्टिट्यूशन्स, या इंडस्ट्री में काम करो। रियल-वर्ल्ड एक्सपीरियंस वही सिखाता है जो किताबें नहीं सिखा सकतीं।”

नेटवर्किंग भी सक्सेस का ज़रूरी हिस्सा है। “इस इंडस्ट्री में कोलैबोरेशन्स से ही प्रोग्रेस होती है। अच्छे रिश्ते बनाओ, इंडस्ट्री इवेंट्स में जाओ, और ऐसे मेंटर्स से जुड़ो जो आपका गाइड बन सकें।”

SRL मानता है कि सिर्फ एक्सपर्टीज़ से कुछ नहीं होता — आपको प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन, और डेटा एनालिसिस जैसे स्किल्स भी डेवलप करने होंगे। “अगर आपके पास कोई ज़बरदस्त आइडिया है, तो आगे बढ़ो। बहुत सी बायोटेक स्टार्टअप्स ने इस इंडस्ट्री को बदल डाला है। बस चैलेंजेज़ के लिए रेडी रहो और उन्हें ग्रोथ के हिस्से की तरह अपनाओ।”

आखिर में, रिज़िलिएंस और एडैप्टेबिलिटी अनिवार्य हैं। “ये फील्ड हमेशा बदलती रहती है, और उतार-चढ़ाव तो होंगे ही। लेकिन अगर आप एडैप्ट होते रहो, इनोवेट करते रहो, और अपने विज़न को कभी मत छोड़ो — तो कामयाबी ज़रूर मिलेगी।”

भविष्य की झलक

“आज की दुनिया में हेल्थ से लेकर क्लाइमेट चेंज तक — हर बड़ी प्रॉब्लम का हल बायोटेक इंडस्ट्री से निकल रहा है,” श्री विकास बताते हैं। “SRL को इस सेक्टर का हिस्सा बनने पर गर्व है — हम ऐसे प्रोडक्ट्स बनाते हैं जो साइंटिस्ट्स को इनोवेट करने में मदद करते हैं।”

SRL जितना भी आगे बढ़ रहा है, उसका फोकस तीन चीज़ों पर अडिग है — क्वालिटी, सस्टेनेबिलिटी, और कस्टमर-सेंट्रिकिटी। “हमारा गोल सिर्फ साइंटिफिक प्रोग्रेस को सपोर्ट करना नहीं है, बल्कि उसे आगे बढ़ाना है। हम एक्सीलेंस डिलीवर करने, नई चुनौतियों को अपनाने, और बायोटेक्नोलॉजी के भविष्य को आकार देने के लिए पूरी तरह कमिटेड हैं।”

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  1. It’s fascinating how easily we fall into patterns when gaming – loss aversion is real! Seeing platforms like jl boss link integrate secure banking (GCash, PayMaya!) could help manage those impulses. Interesting how design impacts behavior!

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