ईचर मोटर्स और उससे परे के अग्रणी
विक्रम लाल, भारतीय व्यवसाय जगत के एक आइकॉनिक शख्सियत हैं, जिन्होंने ईचर मोटर्स की स्थापना की और इसे व्यावसायिक वाहन उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया। उनका योगदान केवल व्यवसाय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके परिवार ने भी भारतीय समाज पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है। आइए जानें विक्रम लाल और उनके परिवार के बारे में।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
विक्रम लाल का जन्म 1942 में हुआ था, और उन्होंने अपने ज्ञान की यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने जर्मनी के प्रतिष्ठित टेक्निशे यूनिवर्सिटी डार्मस्टाड्ट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अध्ययन किया, जो उनके भविष्य के प्रयासों के लिए एक मजबूत आधार बना।
ईचर मोटर्स की धरोहर
1966 में, विक्रम लाल ने अपने पिता द्वारा स्थापित ईचर इंडिया में काम करना शुरू किया, जो 1959 में जर्मन ट्रैक्टर निर्माता ईचर के साथ एक संयुक्त उपक्रम के माध्यम से ट्रैक्टरों का निर्माण कर रहा था।
विक्रम की मार्गदर्शन में, ईचर मोटर्स ने अपने दृष्टिकोण का विस्तार किया। 1986 में, कंपनी ने हल्के वाणिज्यिक वाहनों में विविधता लाई, जो एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
आखिरकार, ईचर मोटर्स ने भारी वाहनों के निर्माण की दिशा में भी कदम रखा, जिससे यह भारतीय वाणिज्यिक वाहन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित हुआ।
ईचर मोटर्स का सबसे प्रसिद्ध योगदान दुनिया के सबसे पुराने लगातार उत्पादित मोटरसाइकिल रॉयल एनफील्ड के रूप में है, जिसका उत्पादन 1901 से हो रहा है। यह ब्रांड पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी लोकप्रियता बनाए हुए है।
अनिता लाल और गुड अर्थ की धरोहर
विक्रम लाल की पत्नी, अनिता लाल, एक प्रमुख उद्यमिता की प्रतीक हैं। उन्होंने गुड अर्थ की स्थापना की, जो लक्ज़री होम और ऐपैरल स्टोर्स की एक श्रृंखला है, जो अपनी शानदार डिजाइन और शिल्प के लिए प्रसिद्ध है।
आज, उनकी बेटी सिमरन इस धरोहर को आगे बढ़ा रही हैं और गुड अर्थ के ब्रांड का संचालन कर रही हैं। सिमरन के नेतृत्व में, गुड अर्थ ने भारतीय लक्ज़री लाइफस्टाइल ब्रांड के रूप में एक सफल यात्रा की है, जिसमें फैशन से लेकर वेलनेस तक विभिन्न उत्पाद उपलब्ध हैं।
सिद्धार्थ लाल: मशाल को आगे बढ़ाना
विक्रम लाल के बेटे, सिद्धार्थ लाल, ने ईचर मोटर्स में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पूर्व सीईओ और वर्तमान में प्रबंध निदेशक के रूप में, सिद्धार्थ ने रॉयल एनफील्ड के पुनरुद्धार और उत्थान में अहम भूमिका निभाई है।
उनके नेतृत्व में, रॉयल एनफील्ड ने 2023 के वित्तीय वर्ष में 8,00,000 से अधिक वाहनों की बिक्री की। इसके अलावा, सिद्धार्थ ईचर गुड अर्थ लिमिटेड के निदेशक के रूप में कार्य करते हैं और वे वीई कमर्शियल व्हीकल्स के चेयरमैन और एमडी भी हैं।
सिमरन लाल: एक कलात्मक दृष्टिकोण
सिमरन लाल, विक्रम लाल की बेटी, एक कलात्मक दृष्टिकोण वाली उद्यमिता की प्रतीक हैं। उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से कला इतिहास में मास्टर डिग्री प्राप्त की और न्यूयॉर्क के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से आगे की पढ़ाई की। सिमरन का रचनात्मक सफर उन्हें गुड अर्थ का सीईओ बनाने की दिशा में ले गया।
सिमरन का कला, वास्तुकला और संस्कृति के प्रति प्रेम गुड अर्थ के उत्पादों में स्पष्ट रूप से दिखता है। इसके साथ ही, उन्होंने 2017 में एक जीवनशैली ब्रांड निकोबार की सह-स्थापना की।
शिक्षा के प्रति परिवार की प्रतिबद्धता
विक्रम लाल की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता व्यवसाय से परे है। वह द डून स्कूल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य रहे हैं, जो भविष्य पीढ़ी के लिए उनके परिवार की शिक्षा में रुचि को दर्शाता है।
आज, विक्रम लाल अपने रिटायरमेंट के वर्षों को गुड अर्थ एजुकेशन फाउंडेशन में वॉलंटियर के रूप में समर्पित कर रहे हैं, जिससे शिक्षा के माध्यम से जीवन में सुधार हो सके।
निष्कर्ष
विक्रम लाल और उनके परिवार की धरोहर उद्यमिता, रचनात्मकता और व्यवसाय तथा समाज दोनों के प्रति एक गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उनके योगदान ने भारतीय व्यवसाय पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है और यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।