फ्रॉड करने वाली कंपनी से अपने पैसे कैसे वापस लें

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भारत में लोग चीज़ें बहुत जल्दी में खरीदते हैं। 1.5 अरब से अधिक की आबादी इसे उन कंपनियों के लिए एक स्वर्ग बना देती है जो अपने प्रॉडक्ट्स बेचना चाहती हैं। लेकिन इसी मौके का फायदा उठाकर कुछ फ्रॉड कंपनियां लोगों से पैसे ऐंठ लेती हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 5.45 लाख मामले अभी भी कंज़्यूमर कमीशनों में लंबित हैं। इसका मतलब है कि अगर आपके पैसे किसी फ्रॉड कंपनी के पास फंस जाएं, तो उन्हें वापस पाना आसान नहीं होगा। फिर भी, कुछ सही तरीकों को अपनाकर आप अपने पैसे वापस पाने की संभावना बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

स्टेप 1: सबूत इकट्ठा करें और व्यवस्थित रखें

ऑनलाइन या ऑफलाइन कंज़्यूमर कंप्लेंट दर्ज कराने से पहले, सबसे जरूरी है कि आप सारे सबूत इकट्ठा करें। इसमें ईमेल्स, इनवॉइस, रसीदें, और कंपनी से हुआ हर लिखित संवाद शामिल करें। भारत में अक्सर कागज़ी दस्तावेज़ ही न्याय दिलाने का रास्ता खोलते हैं, इसलिए ये कदम बेहद जरूरी है।

स्टेप 2: सीधे कंपनी से संपर्क करें

हो सकता है आप सोचें कि जिसने आपको ठगा है, उससे बात क्यों करें? लेकिन शुरुआत में कंपनी से बात करना ज़रूरी है। उनका कस्टमर सर्विस नंबर कॉल करें या ईमेल भेजें। अपनी समस्या साफ-साफ बताएं और यह भी लिखें कि आप किस समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

कभी-कभी जो चीज़ स्कैम लगती है, वो एक गलतफहमी या ईमानदार गलती भी हो सकती है। अगर कंपनी तय समय में जवाब नहीं देती या जवाब संतोषजनक नहीं होता, तो आप अगला कदम उठा सकते हैं।

स्टेप 3: कंज़्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करें

अगर कंपनी आपकी बात नहीं मानती या पैसे वापस नहीं करती, तो आप कंज़्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। भारत में कंज़्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत यह प्रक्रिया अब पहले से कहीं आसान हो गई है। आप यह शिकायत ऑनलाइन भी कर सकते हैं।

स्टेप 4: लीगल नोटिस भेजें

अगर कंज़्यूमर फोरम से भी समाधान नहीं मिला, तो अगला कदम है कानूनी नोटिस भेजना। किसी अच्छे वकील की मदद से एक मजबूत लीगल नोटिस ड्राफ्ट करें। यह नोटिस कंपनी को आखिरी चेतावनी देता है कि अगर पैसे वापस नहीं दिए, तो कोर्ट में केस किया जाएगा।

भारत में लगभग 90% केस कोर्ट के बाहर ही सुलझ जाते हैं क्योंकि कोर्ट का प्रोसेस लंबा और खर्चीला होता है। इसलिए लीगल नोटिस भेजना कई बार बहुत प्रभावी साबित होता है।

स्टेप 5: सोशल मीडिया और पब्लिक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें

आज का सोशल मीडिया केवल दोस्तों से बात करने का जरिया नहीं रहा। बहुत से लोगों ने अपनी समस्या सोशल मीडिया पर उठाकर समाधान पाया है। एक्स (ट्विटर), फेसबुक या लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंपनी को टैग करें, अपने अनुभव को साफ़-साफ़ बताएं और सही हैशटैग्स इस्तेमाल करें।

इससे कंपनी पर पब्लिक इमेज खराब होने का दबाव बनता है और वे जल्दी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

स्टेप 6: वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) अपनाएं

कोर्ट जाने से पहले, आप Alternative Dispute Resolution (ADR) का रास्ता अपना सकते हैं। मेडिएशन और आर्बिट्रेशन जैसे तरीके कम औपचारिक होते हैं और आमतौर पर तेज़ और कम खर्चीले होते हैं। कई बार ग्राहक और कंपनी दोनों किसी मध्यस्थ की मदद से आपसी समझौता कर लेते हैं।

स्टेप 7: जागरूक रहें और सतर्क भी

जानकारी ही ताकत है। कंज़्यूमर राइट्स से जुड़े समाचार पढ़ते रहें, कंज़्यूमर ग्रुप्स से जुड़ें और भरोसेमंद वेबसाइट्स पर जानकारी लेते रहें। किसी भी कंपनी के बारे में “scam” या “fraud” जैसे कीवर्ड के साथ गूगल सर्च करना आपको आगे की परेशानी से बचा सकता है।

आखिरी बात

फ्रॉड कंपनी से अपने पैसे वापस पाना मुश्किल ज़रूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। सही डॉक्यूमेंटेशन, कंपनी से संपर्क, और समय पर कानूनी कदम या सोशल मीडिया का दबाव—इन सबकी मदद से आप अपने हक की लड़ाई मजबूती से लड़ सकते हैं।