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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: “Yoga for One Earth, One Health” — खुद के लिए और पृथ्वी के लिए योग

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हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ योग की शारीरिक कसरत का जश्न नहीं है, बल्कि योग के माध्यम से शरीर, मन और प्रकृति के बीच एक गहरा तालमेल बनाने का संदेश देता है।

2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दी। तब से यह दिन पूरे विश्व में योग के महत्व और उसके फायदों को समझाने का जरिया बन गया है।

इस साल यानी 2025 की थीम है — “Yoga for One Earth, One Health”। इसका अर्थ है कि योग न सिर्फ हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि यह पूरी पृथ्वी के स्वास्थ्य को भी मजबूत करता है।

योग दिवस का इतिहास: क्यों और कैसे शुरू हुआ यह उत्सव?

योग का इतिहास हजारों साल पुराना है। यह भारत की प्राचीनतम परंपराओं में से एक है, जो न केवल शरीरिक व्यायाम बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास का माध्यम भी है।

2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को यह प्रस्ताव दिया कि योग को वैश्विक स्तर पर मनाया जाना चाहिए ताकि पूरी दुनिया में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा मिले। इस प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया। तब से हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।

योग दिवस की तारीख 21 जून इसलिए चुनी गई क्योंकि यह साल का सबसे लंबा दिन होता है, जो ऊर्जा और जीवन शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

2025 की थीम “Yoga for One Earth, One Health” का मतलब क्या है?

यह थीम हमें याद दिलाती है कि हमारे शरीर और मन का स्वास्थ्य पृथ्वी के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।

अगर हम खुद स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो हमें अपने पर्यावरण की भी देखभाल करनी होगी। क्योंकि साफ हवा, स्वच्छ पानी और स्वस्थ भोजन तभी मिल पाएगा जब पृथ्वी का स्वास्थ्य अच्छा होगा।

“One Earth, One Health” का संदेश यह है कि योग के माध्यम से हम अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखते हुए पूरी पृथ्वी के संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं।

योग से कैसे होगा स्वास्थ्य और जीवन में बदलाव?

आप सोच रहे होंगे कि योग से वास्तव में क्या-क्या फायदे हो सकते हैं?

पहली बात तो यह कि योग सिर्फ एक एक्सरसाइज नहीं, बल्कि जीवनशैली है।

  • शरीर की मजबूती: योग से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं, लचीलापन बढ़ता है और शारीरिक रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
  • मानसिक शांति: नियमित योगाभ्यास से तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। मन शांत और केंद्रित रहता है।
  • बेहतर नींद: योग से नींद की गुणवत्ता सुधरती है, जिससे दिनभर आप तरोताजा महसूस करते हैं।
  • प्रतिरोधक क्षमता: योग हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे हम बीमारियों से बेहतर लड़ पाते हैं।

जब हम अपनी सेहत का ख्याल रखते हैं, तो हम अपने आसपास के लोगों और पर्यावरण के लिए भी बेहतर सोच पाते हैं।

“One Earth, One Health” और पर्यावरण के बीच संबंध

जब हम योग करते हैं, तो हम न सिर्फ अपने शरीर को मजबूत करते हैं बल्कि अपने आस-पास की दुनिया के प्रति भी जागरूक होते हैं।

योग हमें सिखाता है कि हम प्रकृति का हिस्सा हैं, और हमें उसके साथ संतुलन में रहना चाहिए।

  • हमें प्लास्टिक का कम उपयोग करना चाहिए।
  • पानी की बचत करनी चाहिए।
  • कूड़ा-कचरा सही तरीके से निपटाना चाहिए।
  • प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए।

जब आप योग करते हैं तो आपका मन अधिक जागरूक होता है। आप समझते हैं कि आपकी छोटी-छोटी आदतें पूरे ग्रह को प्रभावित करती हैं।

योग को अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल करें?

शायद आप सोच रहे होंगे कि इतनी व्यस्त जिंदगी में योग के लिए समय कैसे निकालें?

यह जरूरी नहीं कि आप सुबह उठकर एक घंटे का योग सत्र करें। शुरुआत छोटे-छोटे कदमों से करें।

  • रोजाना कम से कम 10-15 मिनट निकालें।
  • घर पर या ऑफिस में, जहां भी आप आराम से बैठ सकें, सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
  • सरल आसनों से शुरुआत करें जैसे ताड़ासन, वज्रासन, भुजंगासन।
  • प्राणायाम करें, जो मन को शांत करता है और शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाता है।

समय के साथ जैसे आपकी योग की आदत मजबूत होगी, आप चाहेंगे कि इसे और बढ़ाएं।

योग और आप: एक व्यक्तिगत अनुभव

आपने कई बार सुना होगा कि योग सिर्फ शरीर को फिट रखता है, लेकिन सच कहूं तो योग मेरे जीवन में बहुत बदलाव लाया है।

जब मैंने नियमित योग शुरू किया, तो मैंने महसूस किया कि मेरा तनाव कम हो गया, नींद बेहतर हुई और मैं दिनभर ज्यादा फोकस्ड और खुश महसूस करने लगी।

मैं जानती हूँ कि हर किसी के लिए शुरुआत आसान नहीं होती, पर अगर आप रोज थोड़ा प्रयास करेंगे, तो आपको भी वह शांति और ऊर्जा मिलेगी जो योग देता है।

निष्कर्ष

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 का विषय हमें यह याद दिलाता है कि खुद की देखभाल और पृथ्वी की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़े हैं।

जब हम योग को अपनी ज़िंदगी में अपनाते हैं, तो हम न केवल अपने स्वास्थ्य को सुधारते हैं, बल्कि एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ ग्रह के लिए भी योगदान देते हैं।

इस 21 जून, इस खास दिन पर, चलिए योग को सिर्फ एक दिन का उत्सव न बनाकर अपनी रोज़मर्रा की आदत बनाएं। यह बदलाव आपके लिए, आपके परिवार के लिए और पूरी पृथ्वी के लिए फायदेमंद होगा।

योग के साथ एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाइए — क्योंकि जब पृथ्वी स्वस्थ होगी, तभी हम भी स्वस्थ रहेंगे।

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