टोयोटा ट्सुशो इंश्योरेंस ब्रोकर इंडिया प्रा. लि. (टीटीआईबीआई)

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बढ़ती आय और बढ़ती जागरूकता की गति पर सवार भारत का बीमा क्षेत्र अब दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा लाइफ इंश्योरेंस मार्केट बन चुका है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 32-34% के आसपास है। इस नवाचार और प्रतिस्पर्धा से भरपूर क्षेत्र में बीमा कंपनियों की बढ़ती संख्या ने संगठनों के लिए उपयुक्त कवरेज का चयन और अधिक जटिल बना दिया है। ऐसे गतिशील माहौल में 2008 में स्थापित टोयोटा ट्सुशो इंश्योरेंस ब्रोकर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (टीटीआईबीआई) एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरी है। संगठनात्मक सफलता के लिए कस्टमर सैटिस्फैक्शन की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए, टीटीआईबीआई एक कुशल टीम द्वारा संचालित होती है, जो कॉर्पोरेट बीमा आवश्यकताओं को अनुकूलित प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के माध्यम से पूरा करती है। टीटीआईबीआई की प्रतिबद्धता हर मौके पर लागत का अनुकूलन और समय पर सेवा प्रदान करने के साथ-साथ क्लाइंट्स को तत्पर और मूल्यवर्धित सेवाएं प्रदान करने की विशेषज्ञता पर आधारित है।

इस प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं श्री ताकायुकी उएडा (उएडा), जो टीटीआईबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ और प्रिंसिपल ऑफिसर हैं। वे क्लाइंट्स और पार्टनर्स दोनों के लिए पेशेवर, पारदर्शी और कुशल बीमा समाधान प्रदान करने पर केंद्रित हैं, और envision करते हैं कि टीटीआईबीआई देश में डायरेक्ट और रीइंश्योरेंस दोनों व्यवसायों के लिए सबसे पसंदीदा ब्रोकर बने।

रणनीतिक बीमा समाधान और समग्र जोखिम प्रबंधन सेवाएं

देश में एकमात्र इंडो-जापानी कॉम्पोजिट इंश्योरेंस ब्रोकर के रूप में, टीटीआईबीआई को आईआरडीएआई द्वारा लाइफ, नॉन-लाइफ और रीइंश्योरेंस सेगमेंट्स में समग्र बीमा प्रोग्राम्स की सुविधा के लिए लाइसेंस प्राप्त है। किर्लोस्कर की विक्रमगीत इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स—जो भारत का एक प्रतिष्ठित व्यापारिक समूह है—और जापान की टोयोटा ट्सुशो कॉरपोरेशन—जो 13 देशों में बीमा वितरण में वैश्विक उपस्थिति रखने वाला एक व्यापार और सेवा समूह है—के सहयोग से टीटीआईबीआई एक अनोखी और विश्वसनीय संस्था के रूप में स्थापित है।

टीटीआईबीआई अपने क्लाइंट्स को रिस्क मैनेजमेंट के प्रमुख पहलुओं को कवर करने वाली समग्र सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी विविध सेवाओं में कॉर्पोरेट इंश्योरेंस, एम्प्लॉयमेंट बेनिफिट इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस, रीइंश्योरेंस, रिटेल बिज़नेस और रिस्क मैनेजमेंट कंसल्टिंग शामिल हैं। इससे टीटीआईबीआई अपने क्लाइंट्स की समग्र जोखिम प्रबंधन रणनीतियों में एक प्रमुख सहयोगी के रूप में स्थापित होता है।

बेंगलुरु में मुख्यालय के साथ शुरू हुई टीटीआईबीआई की ऑपरेशन्स, अब दिल्ली, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद और इंदौर सहित 30 से अधिक शहरों में फैली हुई हैं।

टीटीआईबीआई की विशिष्ट स्थिति

भारत में बीमा उद्योग ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है; इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच टीटीआईबीआई न केवल इस रफ्तार के साथ चला है, बल्कि लगातार अग्रणी स्थान पर बना भी रहा है।

क्लाइंट्स के साथ मजबूत और दीर्घकालिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, टीटीआईबीआई ने कई क्लाइंट्स के साथ वर्षों से स्थायी जुड़ाव बनाए रखा है, जो हर चरण में उनके हितों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कॉर्पोरेट एंटिटीज और ओरिजिनल इक्विपमेंट मॅन्युफॅक्चरर्स (ओईएम्स) के साथ इनके मजबूत और भरोसेमंद संबंध आपसी विश्वास और विश्वसनीयता पर आधारित हैं, जो संकट या नुकसान की स्थिति में भी उनका निरंतर साथ सुनिश्चित करते हैं। यही विशिष्ट रणनीति टीटीआईबीआई को उद्योग में एक प्रमुख ब्रँड के रूप में स्थापित करने में सहायक रही है।

लोगों को केंद्र में रखकर कार्य संस्कृति का निर्माण

प्रोफेशनलिज़्म, प्रतिबद्धता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता और ईमानदारी जैसे मूल स्तंभों पर आधारित, टीटीआईबीआई की मूल मूल्य-व्यवस्था ही उसके हर कार्य का आधार है।

श्री ताकायुकी उएडा बताते हैं, “हमारे लिए हमारी वर्कफोर्स सबसे मूल्यवान असेट है और हमारी सफलता की मुख्य वजह भी। हमारी एचआर पॉलिसीज इस सिद्धांत पर आधारित हैं कि कर्मचारियों को आत्मनिर्भरता, पारदर्शिता और सहानुभूति के साथ सशक्त बनाया जाए।” वे आगे जोड़ते हैं, “हम मानते हैं कि संतुष्ट और आत्मसंतुष्ट कर्मचारी ही क्लाइंट सैटिस्फैक्शन सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे हमारी एम्प्लॉयी रिटेंशन में भी बड़ा योगदान होता है। हमें इस बात पर गर्व है कि हमारा रिटेंशन रेशियो इंडस्ट्री के स्टँडर्ड्स से कहीं बेहतर है।”

बीमा क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के बीच आगे बढ़ते हुए

भारत में बीमा उद्योग में हाल के वर्षों में असाधारण परिवर्तन देखने को मिले हैं। पीओएसपी, आईआईबी रेट्स, ईओएम, यूज़ अँड फाइल जैसे नए तत्वों ने उद्योग में नए अवसरों के साथ-साथ चुनौतियाँ भी प्रस्तुत की हैं। हमेशा बदलते परिदृश्य के प्रति लचीलापन बनाए रखते हुए और मूल सिद्धांतों पर आधारित रहते हुए, टीटीआईबीआई इन परिवर्तनों का सामना तकनीक और बदलते रेग्युलेशंस के प्रभावी संयोजन से करता है। ये दोनों पहलू मिलकर उद्योग की लगातार बदलती डायनॅमिक्स के बीच लचीलापन, सफलता और कंप्लायंस सुनिश्चित करते हैं।

पंद्रह वर्षों की उत्कृष्टता की निरंतर यात्रा

पिछले 15 वर्षों से बीमा क्षेत्र में मजबूती के साथ काम कर रहे टीटीआईबीआई ने न केवल अपनी मार्केट शेयर में लगातार वृद्धि की है, बल्कि यह उपलब्धि उनके क्लाइंट्स के अटूट विश्वास और संगठन की लचीलापन का प्रमाण है। अधिकतर क्लाइंट्स के साथ उनका वर्षों पुराना जुड़ाव यह दर्शाता है कि उन्होंने एक साथ विकास और बदलाव की यात्रा तय की है, जो उनके इस व्यापक विजन के अनुरूप है — भारत में डायरेक्ट और रीइन्श्योरेंस व्यवसाय के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प बनना।

लीडरशिप के संदर्भ में, श्री ताकायुकी उएडा मानते हैं कि असली सफलता वही है जब एक ऐसा टीम तैयार किया जाए जो आत्म-प्रेरित हो और अपने गहन प्रोफेशनल एक्सपर्टीज़ के ज़रिये ग्राहक सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। वे कहते हैं,

“कंस्ट्रक्टिव कंपटीशन की संस्कृति बनाना और टीमों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना मेरे सबसे बड़े नेतृत्वगत उपलब्धियों में से एक है, जिससे हमारे क्लाइंट्स को नवोन्मेषी और प्रभावशाली समाधान मिल पाते हैं।”

भविष्य की दिशा में अनुकूलन

उद्योग में आ रहे बदलावों और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखना कितना जरूरी है, यह समझते हुए टीटीआईबीआई की टीम गहराई से विश्लेषण करती है। वे ऐसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देती है जैसे – एआई, इन्श्योरटेक, प्रॉडक्ट इनोवेशन, रेग्युलेटरी लैंडस्केप्स, बिज़नेस ट्रेंड्स और जिओपॉलिटिकल सिचुएशन्स। इस प्रोएक्टिव दृष्टिकोण से न केवल नए रिस्क्स सामने आते हैं, बल्कि नई अपॉर्च्युनिटीज़ भी मिलती हैं। सघन ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन्स के ज़रिए, टीम समाधान तय करती है और बदलते रुझानों से लाभ उठाने के लिए रणनीतियाँ तैयार करती है।

श्री उएडा बताते हैं, “हम फिलहाल कई रणनीतिक पहलों पर विचार कर रहे हैं, जिसमें इन्श्योरटेक की संभावनाओं का मूल्यांकन, हमारे रीइन्श्योरेंस पोर्टफोलियो का विस्तार, प्रोसेसेस का स्टँडर्डायझेशन, और ऑटोमेशन को लागू कर मोटर, हेल्थ, और एम्प्लॉयी बेनिफिट्स इन्श्योरेंस सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कदम शामिल हैं।”

भविष्य की दिशा

एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े भारत के बीमा क्षेत्र में जबरदस्त विकास की संभावना है, जिसकी मार्केट साइज 2025 तक $280 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। तेज़ आर्थिक विकास, अनुकूल जनसांख्यिकी, बदलते डिजिटल बिहेवियर्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवीज़) का बढ़ता चलन और रेग्युलेटरी वातावरण का सहयोग—इन सभी कारणों ने भारतीय बीमा क्षेत्र को वैश्विक मंच पर केंद्र में ला खड़ा किया है। रीइन्श्योरर्स को भी विश्वास है कि यह जी20 देशों में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला मार्केट होगा।

हालांकि, इस प्रगति के बावजूद, इंडस्ट्री कुछ बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है—विशेष रूप से कैटस्ट्रॉफिक लॉसेस और बीमित संपत्तियों तथा वास्तविक नुकसान के बीच के अंतर के रूप में। बीमा क्षेत्र की आगे की दिशा मुख्य रूप से तकनीक द्वारा तय की जाएगी—जिसमें डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), टेलीमैटिक्स, हेल्थटेक और वेलनेस इनिशिएटिव्स जैसे क्षेत्र प्रमुख होंगे।

श्री उएडा कहते हैं, “यह स्पष्ट है कि बीमा समुदाय के सभी स्टेकहोल्डर्स को पारंपरिक दृष्टिकोण से आगे बढ़कर नवाचार को सक्रिय रूप से अपनाने की आवश्यकता है।”

वे आगे जोड़ते हैं, “प्रॉडक्ट इनोवेशन—जैसे पैरामेट्रिक इन्श्योरेंस, एग्रीड वैल्यू इन्श्योरेंस, ईवीज़ के लिए विशेष मोटर इन्श्योरेंस, और नए लायबिलिटी सॉल्यूशन्स—इस गतिशील मार्केट में गहराई तक पहुंच बनाने और व्यापक स्वीकार्यता के लिए अत्यंत आवश्यक होंगे।”

“हम खुद को इंडस्ट्री के अग्रणी के रूप में स्थापित करते हुए, तकनीक और नवाचार को आधार बनाकर पारंपरिक बीमा सहायता से आगे बढ़ते हुए अपने क्लाइंट्स की रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज़ में एक स्ट्रैटेजिक पार्टनर की भूमिका निभाना चाहते हैं,” वे दृढ़ता से कहते हैं।

हालांकि उनका ज़ोर सतत नवाचार और विकास पर है, लेकिन वे अब भी प्रोफेशनलिज़्म, समर्पण, भरोसे, पारदर्शिता और अखंडता जैसे मूल्यों के प्रति दृढ़ संकल्पित हैं।

नेतृत्व पर सलाह

श्री उएडा नवोदित उद्यमियों को सलाह देते हैं, “इंडस्ट्री में कई दशकों के अनुभव के बाद हमने अनेक चुनौतियों और अवसरों का सामना किया है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया, भारतीय बीमा परिदृश्य इस समय व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। इस गतिशील वातावरण में नए प्रवेश करने वाले प्रतिभागियों के लिए ढेरों संभावनाएं मौजूद हैं।”

वे ज़ोर देकर कहते हैं, “इस इंडस्ट्री में और नए एंट्रेंट्स के लिए जगह है, जो नई सोच और विविध अपॉर्च्युनिटीज़ ला सकते हैं। सादगी और मूल सिद्धांतों का पालन ही सफलता की कुंजी है। किसी भी संगठन की कार्यप्रणाली को ग्राहक के सच्चे हितों द्वारा संचालित होना चाहिए—यही सफलता की दिशा तय करता है, और इसमें कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।”

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