आज की शिक्षा पारंपरिक क्लासरूम से हटकर ऑनलाइन और हाइब्रिड मॉडल की ओर तेजी से बढ़ रही है। इससे छात्रों को ज़्यादा लचीलापन और आसानी से सीखने के मौके मिल रहे हैं, चाहे वो कहीं भी हों या किसी भी उम्र के हों। यह बदलाव शिक्षा को ज़्यादा सबके लिए सुलभ बना रहा है और समय, उम्र और जगह की सीमाओं को खत्म कर रहा है। इसके साथ-साथ, अब शिक्षा में केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि छात्रों में जरूरी सॉफ्ट स्किल्स और बेहतर व्यक्तित्व विकसित करना भी ज़रूरी माना जा रहा है।
इस बदलते माहौल में, शिक्षा संस्थानों की भूमिका और भी अहम हो गई है—वो ना सिर्फ आज के ट्रेंड तय करते हैं, बल्कि छात्रों का भविष्य भी गढ़ते हैं।
बिरला परिवार, जो कई पीढ़ियों से भारत के औद्योगिक और सामाजिक ढांचे का अहम हिस्सा रहा है, शिक्षा के क्षेत्र में भी गुणवत्ता और प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जाता है। यशोवर्धन बिरला द्वारा स्थापित, बिरला ओपन माइंड्स एजुकेशन प्रा. लि. (जो यश बिरला ग्रुप का हिस्सा है), भारत में शिक्षा को बदलने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह संस्था प्री-स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक, तकनीकी और व्यावसायिक ट्रेनिंग को शामिल करते हुए, समग्र शिक्षा के लिए काम कर रही है।
बिरला ओपन माइंड्स न सिर्फ शिक्षा देने पर ध्यान देता है, बल्कि छात्रों के लिए ज़रूरत के हिसाब से सपोर्ट सिस्टम तैयार करता है और एक मजबूत कम्युनिटी का हिस्सा बनने की भावना भी विकसित करता है। इसका उद्देश्य है कि हर छात्र समाज, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बने और एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक के रूप में आगे बढ़े।
वे एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां हर किसी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आसानी से मिल सके। उनके इनोवेटिव एजुकेशनल सॉल्यूशन्स का मकसद है लोगों की क्षमता को निखारना, जीवन को समृद्ध बनाना, और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना।
उनकी विज़न है कि वे वैश्विक स्तर पर शिक्षा में बदलाव का नेतृत्व करें—ऐसे समाधान पेश करें जो सुलभ, दिलचस्प और प्रभावशाली हों और जो भविष्य की शिक्षा की दिशा तय करें।
पर्सनलाइज्ड एजुकेशन के लिए एक पूरा समाधान
बिरला ओपन माइंड्स एजुकेशन प्रा. लि. शुरुआती बचपन से लेकर K-12 स्कूली शिक्षा तक, पूरी दुनिया में समग्र शैक्षणिक समाधान प्रदान करता है। उनका K-12 फ्रैंचाइज़ मॉडल ऐसे छात्रों को तैयार करने पर केंद्रित है जो न केवल हुनरमंद हों, बल्कि इनोवेटिव सोच रखते हों।
उनका मिशन है—ऐसा प्रगतिशील पाठ्यक्रम डिज़ाइन करना जो स्कूलों के नेटवर्क को मजबूत बनाए।
बिरला ब्रेनिएक्स: शिक्षा का एक नया रूप
बिरला ब्रेनिएक्स होमस्कूलिंग और पर्सनल लर्निंग के ज़रिए शिक्षा को एक नया रूप देने की दिशा में काम कर रहा है। ये प्लेटफॉर्म कोडिंग, फाइनेंशियल लिटरेसी और इंग्लिश कम्युनिकेशन जैसे अपस्किलिंग कोर्सेज़ में स्पेशलाइज़ करता है।
बिरला ब्रेनिएक्स ऐप—सीखने का स्मार्ट तरीका
नर्सरी से लेकर ग्रेड 12 तक के लिए डिज़ाइन किया गया बिरला ब्रेनिएक्स ऐप ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई का एक संतुलन बनाता है, साथ ही स्क्रीन टाइम को भी मॉनिटर करता है। इस ऐप में इंटरैक्टिव कंटेंट, लाइव क्लासेस, प्रैक्टिस असाइनमेंट्स, वीडियो और एक पर्सनल डैशबोर्ड होता है जिससे छात्र अपनी गति से सीख सकते हैं।
इसका करिकुलम क्रिटिकल थिंकिंग, लॉजिकल रीजनिंग और मेमोरी स्किल्स को बढ़ाने पर फोकस करता है। इसके अलावा, 150 से भी ज़्यादा अपस्किलिंग सेंटर्स पर रेगुलर फिजिकल क्लासेस भी आयोजित की जाती हैं।
निरवान बिरला, एमडी और प्रमोटर, बिरला ओपन माइंड्स
एक ऐसे ‘एडुप्रेन्योर’ (शिक्षा-उद्यमी) के रूप में पहचाने जाने वाले निरवान बिरला, शिक्षा को एक नई दिशा देने के संकल्प के साथ बिरला ओपन माइंड्स के पीछे की प्रेरक शक्ति हैं। पिछले 11 सालों से मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रमोटर के रूप में, उन्होंने इस ब्रांड को 23 राज्यों और 111 शहरों में 200 से ज्यादा स्कूलों तक पहुँचाया है।
बिरला परिवार की राष्ट्रनिर्माण की विरासत से प्रेरित होकर, निरवान ने शिक्षा में मौजूद खालीपन को पहचाना और इसे भरने के लिए ‘बिरला ब्रेनिएक्स’ नामक एडटेक प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। उनका मानना है कि शिक्षा में वो ताकत है जो किसी भी व्यक्ति का जीवन पूरी तरह से बदल सकती है—इसलिए बिरला ओपन माइंड्स और ब्रेनिएक्स दोनों का लक्ष्य है कि हर छात्र कहीं भी, कभी भी, आसानी से सीख सके—वो भी अनुभवी मेंटर्स की मदद से।
निरवान का सबसे बड़ा उद्देश्य है ऐसे छात्र तैयार करना जो जागरूक, सक्षम और करुणाशील हों, और जो बदलती दुनिया में खुद को न सिर्फ ढाल सकें, बल्कि उसका सकारात्मक रूप से नेतृत्व भी कर सकें। निरवान लगातार नई सोच और सॉल्यूशन्स की तलाश में हैं ताकि शिक्षा के ज़रिए एक उज्जवल भविष्य गढ़ा जा सके। आध्यात्मिकता, निरंतर सीखना और नए अनुभवों के लिए खुलेपन को अपने जीवन का हिस्सा मानने वाले निरवान, शिक्षा को देश के सतत विकास का आधार मानते हैं।
इनोवेटिव और समग्र लर्निंग से शिक्षा की नई परिभाषा
भारत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, बिरला ब्रेनिएक्स अपनी इनोवेटिव और समग्र लर्निंग अप्रोच के साथ सबसे अलग नज़र आता है। यहां हर छात्र के लिए व्यक्तिगत और अनुकूल लर्निंग एक्सपीरियंस तैयार किया जाता है। टेक्नोलॉजी की मदद से छात्रों की रियल-टाइम प्रोग्रेस को ट्रैक किया जाता है और ऐसा करिकुलम डिज़ाइन किया जाता है जो उनके लर्निंग गैप को पूरा कर सके।
रेगुलर फिजिकल क्लासेस और अपस्किलिंग एक्टिविटीज़ के ज़रिए, बिरला ब्रेनिएक्स एक मजबूत हाइब्रिड मॉडल ऑफर करता है। यहां का टीचिंग-लर्निंग माहौल छात्रों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करता है, और शिक्षक भी उसी अनुसार तैयार किए जाते हैं। उनकी पूरी रणनीति 21वीं सदी के छात्रों की ज़रूरतों के अनुसार बनाई गई है—जिसमें खास फोकस है 4 C’s पर: क्रिटिकल थिंकिंग, कोलैबोरेशन, क्रिएटिविटी और कम्युनिकेशन। कोलैबरेटिव और अनुभव आधारित लर्निंग के ज़रिए छात्रों को गहराई से समझने का मौका मिलता है।
यहां इंटरएक्टिव कंटेंट, टीचर सपोर्ट और मजबूत सपोर्ट सिस्टम यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्र अपनी गति से सीख सकें और अपनी खासियतें और रुचियां विकसित कर सकें। बिर्ला ओपन माइंड्स एज्युकेशन प्रा. लि.: निरवान बिर्ला यांची एक पुढाकार, जी शिक्षणातील दरी मिटवण्याचे आणि भविष्यातील शिक्षणाची दिशा ठरवण्याचे काम करते
“हर रुकावट सफलता की ओर बढ़ने का एक जरूरी सबक होती है।” – निरवान बिरला
अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए निरवान कहते हैं,
“जब मैंने कंपनी जॉइन की, तो सबसे पहली चुनौती यह थी कि लॉजिस्टिक्स, फाइनेंस और ह्यूमन रिसोर्स जैसी टीमों में कोई स्पष्ट विजन और तालमेल नहीं था। इन समस्याओं को समझने के लिए मैंने महीनों तक फाइनेंस, एचआर, एकेडमिक्स, मार्केटिंग, सेल्स और आईटी जैसे विभागों के हेड्स के साथ काम किया।”
वो आगे कहते हैं, “मैंने खुद आगे बढ़कर एक मज़बूत और साथ मिलकर काम करने वाली टीम बनाने की कोशिश की, और ग्रोथ के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय किए। इस अनुभव ने मुझे और ज़्यादा मज़बूत और लचीला बनाया।”
सफलता और मील के पत्थर
निरवान की स्पष्ट सोच, एक सक्षम और लचीली टीम, और अनुभवी मेंटर्स के साथ काम करने की रणनीति ने बिरला ओपन माइंड्स को आज जिस मुकाम पर पहुँचाया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। उनकी सफलता की जड़ें उनके मूल्यों में गहराई से जुड़ी हैं, जो उनके हर कदम को दिशा देती हैं।
निरवान कहते हैं, “मेरे लिए एक लीडर के रूप में सफलता का मतलब सिर्फ विस्तार नहीं, बल्कि समाज और शिक्षा पर सकारात्मक असर डालना है। जब माता-पिता हमें बताते हैं कि हमने उनके बच्चों के जीवन में कितना फर्क डाला है—वही हमारे लिए असली सफलता होती है। हमारा निरंतर सुधार करने का जज़्बा ही हमें आगे बढ़ाता है।”
आगे की योजना में वे वैश्विक स्तर पर एक ऐसी शिक्षा देना चाहते हैं जो सिद्धांत और व्यवहार का संतुलन बनाए, और शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाए।
बिरला ब्रेनिएक्स की उपलब्धियाँ
सिर्फ 3 सालों में बिरला ब्रेनिएक्स ने 25 देशों में 5000 से अधिक छात्रों का नेटवर्क बना लिया है। उन्हें भारत का सबसे होनहार ब्रांड घोषित किया गया है—भारत अभिमान पुरस्कार 2023 के तहत, और नेशनल प्रीस्कूल फ्रेंचाइज़ ब्रांड ऑफ द ईयर 2023 भी बने।
इसके अलावा, उन्हें कई सम्मान भी मिले हैं जैसे: इंडिया’s ट्रांसफॉर्मेशनल ब्रांड्स और लीडर्स 2023, नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड्स 2022, LIVE मास्टर अवार्ड, स्टूडेंट्स चॉइस अवार्ड (Class Plus द्वारा)। CIO द्वारा 2020 में ‘मोस्ट प्रॉमिसिंग ई-लर्निंग स्टार्टअप’ के रूप में भी उन्हें पहचाना गया। 2022 में वे भारत के टॉप 10 ई-लर्निंग स्टार्टअप्स में शामिल हुए और प्रिंसिपल ऑफ इनोवेशन अवार्ड 2023 के ज़ोनल विनर भी बने।
उनकी उपलब्धियों को Sakshi Post, Financial Express, Business News Week, Media Bulletins जैसी मीडिया पोर्टल्स ने कवर किया है। ये सब उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि बिरला ओपन माइंड्स शिक्षा के क्षेत्र में सच में बदलाव ला रहा है—एक ऐसा बदलाव जो इनोवेशन और पर्सनलाइज्ड लर्निंग पर आधारित है।
बिरला ओपन माइंड्स का टैलेंट रिटेंशन का तरीका
एक मजबूत कॉर्पोरेट कल्चर बनाने के लिए कंपनी के कोर वैल्यूज को उसके मिशन और विज़न के साथ जोड़ना जरूरी होता है, जो बेहतरीन लीडरशिप और असरदार कम्युनिकेशन से मजबूत होता है। कर्मचारियों को कंपनी की विज़न और कल्चर में पूरी तरह भरोसा होना चाहिए, साथ ही उन्हें स्किल डेवलपमेंट के मौके भी मिलने चाहिए।
देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक, बिरला ओपन माइंड्स ने पिछले साल कर्मचारियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी है। कंपनी का मार्केट लीडर बनने का कारण है उसका कर्मचारी जीवनचक्र प्रबंधन (Employee Lifecycle Management) में व्यापक समाधान देना, जो ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट से लेकर क्लाइंट के लिए संसाधन उपलब्ध कराने तक फैला हुआ है। यह तरीका दोनों, कर्मचारियों और संगठनों, के लिए मूल्य निर्माण को बढ़ाता है।
निर्वाण कहते हैं, “हम ऐसा माहौल बनाते हैं जहां ट्रस्ट, रिस्पेक्ट और खुला संवाद फलता-फूलता है, जो हमारी सहयोगी और इनोवेटिव कल्चर की नींव है। हमारे पास हर सेक्टर का क्रेम डी ला क्रेम है, जो सफलता के मिशन में एकजुट है। फिलहाल हमारी टीम में ५०० से ज्यादा कर्मचारी हैं, और तेज़ी से बढ़ते हुए यह संख्या और भी बढ़ेगी।”
अग्रिम पंक्ति में बने रहना
२०२४ और उसके बाद की शिक्षा की दुनिया में इनोवेटिव टेक्नोलॉजी, पर्सनलाइज्ड लर्निंग, और एडैप्टेबिलिटी का बड़ा रोल होगा। ऑगमेंटेड रियलिटी, एआई और इमर्सिव टूल्स कंटेंट डिलीवरी को पूरी तरह से बदल देंगे। रिमोट और ऑनलाइन लर्निंग बढ़ेगी, जिससे ऐसी प्लेटफॉर्म्स की जरूरत होगी जो आसान और दिलचस्प हों। सहयोग, एक्सपीरिएंशियल लर्निंग और होलिस्टिक एजुकेशन छात्रों के विकास के लिए जरूरी होंगे। यह इंडस्ट्री लगातार बदल रही है, और बदलाव के साथ तालमेल बिठाना सफलता के लिए जरूरी होगा।
निर्वाण बताते हैं, “अपडेटेड रहने के लिए मैं लगातार रिसर्च करता हूँ, एक्सपर्ट्स से नेटवर्क बनाता हूँ, और जरूरी कॉन्फ्रेंस में भाग लेता हूँ। हमारी कंपनी में इनोवेशन और एजिलिटी की संस्कृति है, जिससे हम नए ट्रेंड्स के साथ जल्दी एडजस्ट कर पाते हैं और इंडस्ट्री में आगे रहते हैं। साथ ही, मेरे परिवार के अमूल्य सुझाव और समर्थन भी हमारे इस दृष्टिकोण में मदद करते हैं।”
भविष्य की दृष्टि
निर्वाण अभी कंपनी में इनोवेशन और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप्स का नेतृत्व कर रहे हैं, जिससे कंपनी उद्योग की प्रगति के सबसे आगे रहे। हाल ही में स्थापित बिरला ओपन माइंड्स ट्रेनिंग अकादमी देशभर में शिक्षकों और अकादमिक्स की भर्ती, स्किलिंग और प्लेसमेंट पर काम कर रही है।
वे बताते हैं, “सोल साइंस नाम का नया विषय लेकर आ रहे हैं, जिसमें हम होलिस्टिक स्टूडेंट डेवलपमेंट पर ध्यान दे रहे हैं—जैसे स्ट्रेस और टाइम मैनेजमेंट, लीडरशिप, सेल्फ-अवेयरनेस, डिसीजन मेकिंग, एटीट्यूड बिल्डिंग, एम्पैथी, और माइंडफुलनेस। हमारा लक्ष्य है लोगों को समझदार फैसले लेने के लिए सशक्त बनाना और एक सहयोगी, निःस्वार्थ, और नम्र सोच विकसित करना। हम ब्रेनिअक्स प्लेटफॉर्म में मेटावर्स को भी जोड़ने की प्रक्रिया में हैं।”
तेज बदलाव वाले इस दौर में छात्रों की बदलती जरूरतों को सुनना बहुत जरूरी है, निर्वाण कहते हैं, “हम ऐसी शिक्षा प्रणाली अपनाना चाहते हैं जो बदलती छात्र जरूरतों को समझे। सक्रिय सुनवाई से हम बदलाव का सामना करते हुए लचीलापन और नवाचार ला सकते हैं।”
लीडरशिप मंत्र
उद्यमियों को सलाह देते हुए निर्वाण कहते हैं, “हमेशा दिल को सही जगह पर रखें। सिर्फ खुद की तरक्की के लिए नहीं, बल्कि जिनके लिए काम करते हैं, उनके उत्थान के लिए भी काम करें।”