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आज की तेजी से बदल रही उच्च शिक्षा की दुनिया में, यूनिवो एजुकेशन इस बात के लिए जाना जाता है कि वह गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन सीखने को आसान, सुलभ और भविष्य के लिए तैयार बना रहा है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ बनर्जी के नेतृत्व में, कंपनी ने देश-विदेश की अग्रणी यूनिवर्सिटियों के साथ मिलकर 115+ देशों के शिक्षार्थियों को सशक्त बनाया है। द सीईओ मैगज़ीन के साथ बातचीत में, सिद्धार्थ ने यूनिवो की यात्रा, उसके प्रभाव और सीखने-केंद्रित, तकनीक-चालित भविष्य के लिए अपनी दृष्टि साझा की।
टीसीएम: कृपया अपनी कंपनी का संक्षिप्त इतिहास और अब तक की यात्रा साझा करें। ऐसे कुछ माइलस्टोन, सफलता की कहानियाँ या उपलब्धियाँ बताएं जिन्होंने आपकी कंपनी के प्रभाव को परिभाषित किया है।
सिद्धार्थ: यूनिवो एजुकेशन में हमारी पूरी यात्रा एक ही विज़न से प्रेरित रही है — विश्व-स्तरीय उच्च शिक्षा को सुलभ, भविष्य-तैयार और प्रभावशाली बनाना। बहुत कम समय में, हम प्रमुख यूनिवर्सिटियों के भरोसेमंद भागीदार बने हैं और उन्हें ऐसी ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम उपलब्ध कराने में सक्षम बनाया है, जो अकादमिक उत्कृष्टता और वास्तविक दुनिया की जरूरतों को जोड़ते हैं। इनोवेशन और सीखने-प्रथम दृष्टिकोण पर ध्यान रखते हुए, हमने अब तक 115+ देशों के 1,60,000 से अधिक शिक्षार्थियों को बिना किसी सीमा के अपने सपनों को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाया है।
एफ.वाई. 23 में 50 करोड़ रुपये से एफ.वाई. 25 में 250 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि सिर्फ आंकड़ों की प्रगति नहीं है, बल्कि उद्देश्य-प्रेरित विकास का प्रमाण है। टाइम वर्ल्ड की टॉप एडटेक राइजिंग स्टार्स 2025 में चौथा स्थान मिलना हमारे इस संकल्प को मजबूत करता है कि हम उच्च शिक्षा को बदलने और ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम को वैश्विक स्तर पर मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूनिवो में, हम भारत में ऑनलाइन उच्च शिक्षा को बदल रहे हैं और यूनिवर्सिटियों को गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन डिग्री प्रदान करने में सक्षम बना रहे हैं।
टीसीएम: अपनी व्यक्तिगत यात्रा के बारे में बताएं। इस कंपनी का नेतृत्व करने की प्रेरणा आपको कहाँ से मिली? आपका पेशेवर रास्ता कैसे आगे बढ़ा?
सिद्धार्थ: मेरी करियर यात्रा जिज्ञासा, सीखने और सार्थक प्रभाव बनाने की इच्छा से प्रेरित रही है। एम.बी.ए. पूरा करने के बाद, मैंने यूनिलीवर के साथ अपना करियर शुरू किया, जहाँ मजबूत व्यवसाय बनाने, उपभोक्ता व्यवहार समझने और नेतृत्व कौशल विकसित करने की मूल बातें सीखीं। पिछले दशक में, मुझे वोडाफोन, फेसबुक, गेम्स24×7 और पियर्सन जैसे संगठनों के साथ काम करने का अवसर मिला — एफ.एम.सी.जी. से टेलीकॉम, डिजिटल मीडिया, गेमिंग और एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में। इन अनुभवों ने मुझे सिखाया कि तकनीक, इनोवेशन और मनुष्य-केंद्रित सोच कैसे लोगों के जीने, जुड़ने और सीखने के तरीके बदल सकती है।
25 वर्षों के उपभोक्ता-तकनीक अनुभव में, मैंने गहराई से देखा है कि तकनीक और इनोवेशन उद्योगों को कैसे बदलते हैं और नए अवसर कैसे खोलते हैं। यूनिवो में मेरी भूमिका मुझे तीन बड़े काम पूरे करने का अवसर देती है — पहला, राष्ट्र निर्माण में योगदान। आज भारत का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (जी.ई.आर.) लगभग 28% है और सरकार ने 2035 तक इसे 50% करने का लक्ष्य रखा है ताकि 2047 के “विकसित भारत” विज़न को पूरा किया जा सके।
मेरा विश्वास है कि ऑनलाइन शिक्षा — और विशेष रूप से यूनिवो — इस लक्ष्य तक पहुँचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दूसरा, यूनिवो का नेतृत्व मेरे लिए उन शिक्षार्थियों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाना है — कामकाजी पेशेवरों, पहली पीढ़ी के ग्रेजुएट्स, महिलाओं और उद्यमियों को हमारे पार्टनर यूनिवर्सिटियों की ऑनलाइन डिग्री के माध्यम से बेहतर कौशल और अवसर देना। और तीसरा, मेरी टीम के साथ मेरी साझा आकांक्षा है कि हम भारत की सबसे स्थायी और सम्मानित ऑनलाइन उच्च शिक्षा कंपनियों में से एक बनें।
टीसीएम: आपकी कंपनी आज कौन-सी मुख्य सेवाएँ या समाधान प्रदान करती है?
सिद्धार्थ: यूनिवो में, हम अग्रणी यूनिवर्सिटियों के साथ मिलकर उनके ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम को जिम्मेदारी के साथ बड़े पैमाने पर बढ़ाते हैं, ताकि वे दुनिया भर के शिक्षार्थियों को उच्च-स्तरीय, करियर-उपयुक्त शिक्षा दे सकें। हमारा मॉडल प्रोग्राम प्लानिंग से लेकर तकनीक, कंटेंट विकास, शिक्षार्थी सहायता और उद्योग-संरेखण तक पूरा समर्थन देता है। हमें अलग बनाता है — गुणवत्तापूर्ण परिणाम देने, शिक्षार्थियों को सशक्त बनाने और उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने पर हमारा अटूट फोकस।
हम उद्योग और शिक्षा के बीच पुल बनाते हैं और अपने पार्टनर यूनिवर्सिटियों को एच.सी.एल.टेक, टी.सी.एस. आय.ओ.एन., के.पी.एम.जी. जैसे संगठनों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में विशेष ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम बनाने में सक्षम करते हैं। इससे हमारे शिक्षार्थी सिर्फ डिग्री ही नहीं कमाते — बल्कि भविष्य की नौकरी की दुनिया में सफल होने के लिए कौशल, आत्मविश्वास और अनुभव भी विकसित करते हैं।
टीसीएम: प्रतिस्पर्धा वाले क्षेत्र में आपकी कंपनी को क्या अलग बनाता है? कौन-सी रणनीतियाँ आपकी विशिष्टता को बनाए रखती हैं?
सिद्धार्थ: यूनिवो की सबसे बड़ी ताकत है — गुणवत्तापूर्ण परिणाम, शिक्षार्थियों को सशक्त बनाना और रोजगार क्षमता बढ़ाना। हम हर पहल की शुरुआत एक ही सवाल से करते हैं — क्या यह शिक्षार्थी की सफलता में मदद करेगा?
हमारी रणनीति तीन स्तंभों पर आधारित है:
- बड़े पैमाने पर अकादमिक उत्कृष्टता
- मजबूत उद्योग सहयोग
- तकनीक और डेटा-आधारित इनोवेशन
इन तीनों के साथ, यूनिवो सिर्फ ऑनलाइन शिक्षा सक्षम नहीं करता — बल्कि एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहा है जो भविष्य के लिए तैयार और सक्षम हो।
टीसीएम: आपकी संस्था में कंपनी संस्कृति कैसी है?
सिद्धार्थ: भारत की अग्रणी ऑनलाइन उच्च शिक्षा कंपनियों में से एक होने के नाते, यूनिवो की संस्कृति सहयोग, इनोवेशन और साझा उद्देश्य पर आधारित है। हम खुद को प्रगति के साथी मानते हैं — यूनिवर्सिटियों, उद्योग नेताओं और शिक्षार्थियों के साथ मिलकर ऑनलाइन शिक्षा का भविष्य बनाने में जुटे हैं। हमारी टीम ऐसे माहौल में बढ़ती है जहाँ विचार, फुर्ती और जिम्मेदारी को महत्व दिया जाता है।
टीसीएम: बदलते कार्य-परिवेश में आप श्रेष्ठ प्रतिभा को कैसे आकर्षित और बनाए रखते हैं?
सिद्धार्थ: हम ऐसे लोगों को चुनते हैं जो जिज्ञासु, जुनूनी हैं और बदलाव लाना चाहते हैं। जैसे-जैसे वे यूनिवो के साथ आगे बढ़ते हैं, हम उनके विकास में निवेश करते हैं — कार्य-स्थल पर सीखने, नए कौशल सीखने और अलग-अलग विभागों में अनुभव पाने के माध्यम से। हमारी लोग-प्रथम संस्कृति, स्पष्ट संवाद और सराहना-केंद्रित माहौल हर यूनिवेटर को प्रेरित और सशक्त महसूस कराता है।
टीसीएम: क्या आपने ए.आई., ऑटोमेशन या अन्य तकनीकें अपने काम में शामिल की हैं? इसका क्या प्रभाव पड़ा?
सिद्धार्थ: ए.आई. शिक्षा को बदल रही है और आने वाले समय में सीखने का तरीका पूरी तरह नया बनाएगी। यूनिवो एक ए.आई.-तैयार व्यवस्था बना रहा है ताकि सीखना और भी व्यक्तिगत, जुड़ाव भरा और करियर-केंद्रित हो सके।
हमारा एक प्रमुख इनोवेशन है — प्रोफेसर ए.एम.आई., भारत का पहला ए.आई.-आधारित चौबीसों घंटे उपलब्ध वर्चुअल असिस्टेंट, जिसे 2023 में शुरू किया गया और अब प्रोफेसर ए.एम.आई. 2.0 के रूप में विकसित किया गया है।
ए.आई.-आधारित करियर सर्विस प्लेटफॉर्म, 1,00,000 नौकरी सूचियाँ, स्मार्ट रिज़्यूमे बिल्डर और इंटरव्यू सिमुलेशन — ये सब हमने अपने पार्टनर और डिजिटल सहयोगियों के साथ मिलकर बनाया है।
हम ए.आई.-आधारित एनालिटिक्स से शिक्षार्थी प्रदर्शन, कंटेंट डिलीवरी और प्रोग्राम परिणामों को तुरंत बेहतर बनाते हैं। ऑटोमेशन ने संचालन को तेज, सटीक और कुशल बनाया है।
टीसीएम: अगले 3–5 वर्षों में आप अपनी कंपनी को कहाँ देखते हैं?
सिद्धार्थ: यूनिवो का अगला अध्याय — बड़े पैमाने, इनोवेशन और प्रभाव पर केंद्रित है। हमने ऑनलाइन डिग्री को भारत में भरोसेमंद और मुख्यधारा बनाया है, और अब हमारा लक्ष्य इस व्यवस्था को और मजबूत करना है — तकनीक, सहयोग और परिणामों के माध्यम से।
अगले 3–5 वर्षों में, हमारा उद्देश्य है कि लाखों शिक्षार्थियों को करियर-उपयुक्त शिक्षा मिले और वे उद्योग-संबंधित ऑनलाइन डिग्री, अनुकूलन-आधारित सीखने और मजबूत सहायता व्यवस्था के माध्यम से आगे बढ़ें।
2035 के 50% जी.ई.आर. लक्ष्य के अनुरूप, हमारा ध्यान भारत के हर हिस्से में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पहुँचाने पर है।
एफ.वाई. 23 के 50 करोड़ रुपये से एफ.वाई. 25 के 250 करोड़ रुपये से अधिक और एफ.वाई. 26 में 350 करोड़ रुपये तक पहुँचने के लक्ष्य के साथ, यूनिवो सुशासन, गुणवत्ता और बेहतर परिणामों पर लगातार आगे बढ़ रहा है — ताकि भारत में ऑनलाइन उच्च शिक्षा सुलभ, प्रभावशाली और वैश्विक स्तर पर सम्मानित बन सके।
