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फादर्स डे 2025

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जब भी फादर्स डे आता है, तो मैं सबसे पहले अपने पापा का चेहरा याद करती हूँ — वो जो कम बोलते हैं, लेकिन हर ज़रूरत पर सबसे पहले सामने खड़े मिलते हैं। वो जो कभी अपनी थकान नहीं जताते, पर मेरी एक परेशानी उन्हें पूरी रात सोने नहीं देती।

शायद आपके पापा भी ऐसे ही हैं।

आज हम ढेरों सेलिब्रेशन करते हैं, सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालते हैं, fancy wishes लिखते हैं… लेकिन क्या हम वाकई समझते हैं कि फादर्स डे का मतलब सिर्फ ‘Thanks Dad’ बोल देना नहीं होता?

फादर्स डे क्यों मनाया जाता है?

सच बताऊं, तो ये दिन एक याद है — उन मर्दों के लिए जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी हमारे बेहतर कल के लिए लगा दी। हमारे पापा, दादा, या कोई ऐसा पुरुष जो हमें संभालने, सिखाने, और जिंदगी में आगे बढ़ाने में एक मजबूत सहारा बना।

ये दिन मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी, 1910 में। लेकिन आज ये एक ग्लोबल डे बन चुका है, जो हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस बार ये 15 जून 2025 को है।

पापा को कैसे समझूं?

हमने हमेशा मां के बारे में तो काफी सुना है — उनके बलिदान, उनकी ममता। लेकिन कई बार पापा की बातें, उनके जज़्बात और उनकी चुप्पी हमारे ध्यान से छूट जाती है।

पापा वो हैं जो रोज़ सुबह काम पर जाते हैं, कभी थके नहीं दिखते, लेकिन अंदर से लगातार सोचते रहते हैं — मेरे बच्चों का भविष्य क्या होगा? उन्हें मुझसे बेहतर ज़िंदगी कैसे दूं?

मुझे लगता है कि फादर्स डे सिर्फ गिफ्ट देने या कार्ड लिखने से पूरा नहीं होता। असली सेलिब्रेशन तब होता है जब हम अपने पापा से खुलकर बात करें — उन्हें पूछें कि वो क्या सोचते हैं, क्या महसूस करते हैं, और सबसे ज़रूरी — उन्हें ये एहसास दिलाएं कि वो अकेले नहीं हैं।

क्या किया जा सकता है इस दिन?

अब सवाल ये उठता है — फादर्स डे पर ऐसा क्या करें कि बस एक पोस्ट नहीं, एक याद बन जाए?

  1. उनके साथ वक्त बिताइए – एक कप चाय पीजिए, पुरानी बातें कीजिए, उनके पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट बनाइए।
  2. कुछ खुद से बनाकर दीजिए – कोई कार्ड, एक कविता, एक छोटा सा वीडियो जिसमें आपके पापा की पुरानी फोटोज़ हों।
  3. उनकी बातें सुनिए – सिर्फ अपनी नहीं सुनाइए, आज उनकी कहानी सुनिए — उनकी नौकरी, उनके सपने, उनके डर, उनका बचपन।
  4. उनसे कुछ सीखिए – ड्राइविंग, किसी टूल का इस्तेमाल, या बस ये कि कैसे बिना कहे किसी की मदद की जाती है।
  5. और सबसे ज़रूरी – उन्हें गले लगाइए और कहिए, ‘आपका होना मेरे लिए सब कुछ है।’

ये सिर्फ उनके लिए नहीं है, आपके लिए भी है

पापा को समझना, उनकी अहमियत को महसूस करना — ये आपको भी और मजबूत, और संवेदनशील इंसान बनाता है।

मैं खुद जब अपने पापा को समझने लगी, तो ये महसूस हुआ कि वो सिर्फ मेरे गार्डियन नहीं, मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं — जो हमेशा पीछे खड़े रहकर मुझे आगे बढ़ने का हौसला देते हैं।


अंत में…

तो इस फादर्स डे पर चलिए कुछ अलग करें।

कोई दिखावे वाली बातें नहीं, कोई बनावटी गिफ्ट्स नहीं।
बस सच्चे दिल से उन्हें वो सम्मान दें, जो वो हर दिन कमाते हैं — चुपचाप, बिना शिकायत के।

क्योंकि फादर्स डे सिर्फ पापा को सेलिब्रेट करने का दिन नहीं है — ये दिन है हमें याद दिलाने का कि हम जो भी हैं, उसमें उनका कितना बड़ा हाथ है।

और अब अगली बार जब पापा से मिलें, तो सिर्फ “हाय” या “क्या हाल है” मत कहिए… बैठिए, बात कीजिए, और उन्हें बताइए — आप उनकी कितनी कद्र करते हैं।

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