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क्लैरिटी कम्युनिकेशन: ऑथेन्टिसिटी के साथ PR को फिर से डिफाइन कर रही है

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सोम्या अय्यर की लीडरशिप में, क्लैरिटी कम्युनिकेशन ब्रांड्स के लिए ऑथेन्टिक और इम्पैक्टफुल स्टोरीज़ के ज़रिए PR की दुनिया को बदल रही है।

आज की भीड़-भाड़ और कॉम्पिटिटिव बिज़नेस वर्ल्ड में हर ऑर्गनाइज़ेशन अटेंशन पाने की कोशिश करता है। इस शोर-शराबे से ऊपर उठने के लिए किसी भी ब्रांड को अपनी एक मज़बूत और पॉज़िटिव इमेज बनानी होती है। उन्हें अपने ऑडियंस से ऐसा कनेक्शन बनाना होता है जो ट्रस्ट और रिलायबिलिटी पर बेस्ड हो, जिससे वो अलग दिखें। यहीं पर पब्लिक रिलेशंस (PR) एजेंसियाँ काम में आती हैं। ये एजेंसियाँ बैकस्टेज से पूरी स्टोरी को कोऑर्डिनेट करती हैं, ये पक्का करती हैं कि सही मैसेज सही लोगों तक पहुँचे।

लेकिन इतनी कोशिशों के बावजूद, ज़्यादातर PR एजेंसियाँ ऐसी ऑथेन्टिक और ट्रांसपेरेंट कम्युनिकेशन नहीं दे पातीं जो सच में लोगों से कनेक्ट कर सके।

सोम्या अय्यर ने इस गैप को इंडस्ट्री में पहचाना। उन्हें समझ आया कि PR सिर्फ मीडिया रिलेशन्स मैनेज करने या प्रेस रिलीज भेजने तक सीमित नहीं है। ब्रांड कम्युनिकेशन को लेकर एक और भी गहरा, ईमानदार अप्रोच ज़रूरी है। इसी सोच के साथ 2016 में उन्होंने क्लैरिटी कम्युनिकेशन की शुरुआत की। उनका मकसद था – PR इंडस्ट्री में ऑथेन्टिसिटी और ट्रांसपेरेंसी को सबसे आगे लाना। जो काम एक अकेली महिला ने शुरू किया था, वो अब एक सक्सेसफुल पैन-इंडिया एजेंसी बन गया है—जो ब्रांड्स को उनके ऑडियंस से असली और लंबे समय तक चलने वाला कनेक्शन बनाने में मदद कर रहा है।

सोम्या अय्यर, फाउंडर & CEO, क्लैरिटी कम्युनिकेशन

PR की दुनिया में सोम्या अय्यर की एंट्री एक्सपेक्टेड नहीं थी। उनके पास पहले से कोई बैकग्राउंड नहीं था इस फील्ड में। लेकिन कम्युनिकेशन के लिए उनका पैशन उन्हें अचानक मिला। फिर भी, इस इंडस्ट्री के लिए उनका नैचुरल टैलेंट जल्दी ही सबको दिखने लगा। दस सालों में उन्होंने ढेर सारा एक्सपीरियंस हासिल किया और धीरे-धीरे ग्रो करते हुए ‘कन्सेप्ट PR’ में जनरल मैनेजर तक बन गईं।

इंडस्ट्री में काम करते हुए, सोम्या ने देखा कि ज़्यादातर PR एजेंसियाँ जो वादा करती हैं, वो डिलीवर नहीं कर पातीं। वो इस चीज़ को बदलना चाहती थीं। वो एक ऐसी एजेंसी बनाना चाहती थीं जो ऑथेन्टिसिटी, ट्रांसपेरेंसी और क्लाइंट्स के लिए मीनिंगफुल रिज़ल्ट्स को प्रायोरिटी दे। और इसी सोच से क्लैरिटी कम्युनिकेशन का जन्म हुआ।

“मैंने PR के बारे में जो कुछ भी सीखा, वो सब सीखकर 2016 में खुद की PR कंपनी शुरू की, ताकि ये गैप भर सकूँ,” सोम्या बताती हैं। ‘क्लैरिटी कम्युनिकेशन’ नाम ही उनके ट्रांसपेरेंट और ऑनेस्ट कम्युनिकेशन के कमिटमेंट को दर्शाता है। उनके लिए PR सिर्फ एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि एक पैशन है। क्लैरिटी कम्युनिकेशन के ज़रिए उनका सपना है कि PR इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड्स को ही रीडिफाइन किया जाए—ऐसे कि बिज़नेस अपने ऑडियंस से सच्चे दिल से कनेक्ट कर सकें।

क्लैरिटी की कहानी

“Greatness comes from humble beginnings; it comes from grunt work. It means you’re the least important person in the room—until you change that with results.” — रयान हॉलिडे

क्लैरिटी कम्युनिकेशन की शुरुआत बहुत सिंपल थी—सिर्फ दो लोगों की टीम, जिसमें सोम्या खुद भी शामिल थीं, और ऑफिस था दिल्ली में। शुरुआत में उन्होंने उन स्टार्टअप्स पर फोकस किया जो खुद की कमाई से चल रहे थे (बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप्स), उनके लिए कॉन्फ्रेंसेज़ और इवेंट्स ऑर्गनाइज़ किए, ताकि उन्हें ब्रांड की विज़िबिलिटी मिल सके और इन्वेस्टर्स की अटेंशन आ सके।

इन सादगी भरे शुरुआती दिनों के बाद, एजेंसी ने तेजी से रफ्तार पकड़ी। एक साल के अंदर, सिर्फ वर्ड-ऑफ-माउथ रेफरल्स से, क्लाइंट्स की संख्या एक से सात हो गई। 2020 तक क्लैरिटी कम्युनिकेशन के पास 15 रिटेनर क्लाइंट्स थे, और उनकी रिज़ल्ट डिलीवरी की रेप्युटेशन पूरी तरह से बन चुकी थी।

और फिर आया कोविड-19 का दौर। “बाकियों की तरह, हमने भी कुछ क्लाइंट्स खो दिए,” सोम्या बताती हैं। “लेकिन मार्च 2021 तक हम फिर से और भी स्ट्रॉन्ग होकर लौटे, और 15 क्लाइंट्स के साथ हमारी पोज़िशन फिर से स्टेबल हो गई।” कोविड ने पूरी दुनिया के लिए मुश्किलें लाई, लेकिन उसने ज़िंदगी के ज़रूरी सबक भी सिखाए। इसने लोगों को ज़्यादा रेज़िलिएंट, अडैप्टेबल और रिसोर्सफुल बनाया, और उन्हें अपनी एप्रोच को फिर से सोचने पर मजबूर किया। “उस वक्त ने सिखाया कि अडैप्ट करना कितना ज़रूरी है। मैंने तभी डिसाइड किया कि अब एक्सपैंड करना है,” सोम्या बताती हैं।

क्लैरिटी कम्युनिकेशन ने बैंगलोर में अपना दूसरा ऑफिस खोला और जल्द ही उन्होंने हैदराबाद, मुंबई, अहमदाबाद और केरल में भी क्लाइंट्स को सर्व करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे एजेंसी ने अलग-अलग इंडस्ट्रीज़ में काम करना शुरू कर दिया—जैसे ऑटोमोटिव, टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी, फूड, ट्रैवल और हेल्थकेयर।

आज क्लैरिटी कम्युनिकेशन एक पैन-इंडिया एजेंसी बन चुकी है, जिसके दो ऑफिस—दिल्ली और बैंगलोर—में हैं, और जो देशभर में 23 रिटेनर क्लाइंट्स को सर्व कर रही है। “जो चीज़ हमें दूसरों से अलग बनाती है, वो हैं हमारे ऑथेन्टिक स्ट्रैटेजीज़ जो रियल रिज़ल्ट्स देती हैं,” सोम्या कहती हैं। “इसी वजह से हम हर साल ग्रो कर पाए हैं।”

कॉम्प्रिहेन्सिव PR सॉल्यूशंस

क्लैरिटी कम्युनिकेशन अपने क्लाइंट्स की स्ट्रैटेजी में असली वैल्यू जोड़ने वाले PR सर्विसेज़ की एक वाइड रेंज ऑफर करता है। इनके सर्विस एरिया में शामिल हैं — ब्रांड बिल्डिंग, ऑथेन्टिक स्टोरीटेलिंग, मीडिया रिलेशन्स, मीडिया प्लानिंग, इन्फ्लुएंसर आउटरिच, डिजिटल और ट्रेडिशनल PR, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, पर्सनल ब्रांडिंग, PR एनालिटिक्स और साथ ही PR इंडस्ट्री में करियर बनाने वाले फ्रेशर्स के लिए टेलर-मेड ट्रेनिंग।

चैलेंजेस को बनाया ऑपर्च्युनिटी

आज भले ही क्लैरिटी कम्युनिकेशन एक सक्सेसफुल एजेंसी है, लेकिन यहाँ तक का सफर सोम्या के लिए आसान नहीं था।

सबसे बड़ा चैलेंज था — सही टैलेंट को हायर करना। बड़ी एजेंसियाँ ज़्यादा हाई सैलरी ऑफर करती थीं, जिससे बेस्ट प्रोफेशनल्स वहीं चले जाते थे। “मेरे पास बड़े बजट की लक्ज़री नहीं थी, तो मैंने इंटर्न्स पर फोकस किया,” सोम्या बताती हैं। “मैंने उन्हें ट्रेन किया, उनकी ग्रोथ में इनवेस्ट किया, और आज मेरी टीम में ऐसे एम्प्लॉयी हैं जो पिछले पाँच साल से मेरे साथ हैं।”

एक और बड़ी परेशानी थी — क्लाइंट्स की तरफ़ से पेमेंट्स में देरी होना। एक स्मॉल एजेंसी के तौर पर, ये कैश फ्लो और ऑपरेशंस दोनों पर असर डालता था। इस सिचुएशन को मैनेज करने के लिए, सोम्या ने फंड्स रेज़ करने का डिसीजन लिया, ताकि बिज़नेस स्मूदली चलता रहे।

क्लाइंट्स को रिटेनर कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए कन्विन्स करना भी एक टफ टास्क था। इसको सॉल्व करने के लिए सोम्या ने फ्लेक्सिबल PR प्लान्स डिजाइन किए, जो अलग-अलग बजट में फिट हो सकें, वो भी क्वालिटी से समझौता किए बिना। “मुझे अपने काम पर पूरा कॉन्फिडेंस था और मैं जानती थी कि जैसे ही क्लाइंट्स रिज़ल्ट्स देखेंगे, वो लंबे समय तक बने रहेंगे,” वो बताती हैं। और ऐसा ही हुआ—कई क्लाइंट्स लॉन्ग-टर्म रिटेनर बन गए।

इन सभी चैलेंजेस के बावजूद, क्लैरिटी कम्युनिकेशन ने खुद को बाकी PR एजेंसियों से अलग साबित किया—अपने हैंड्स-ऑन और प्रैक्टिकल अप्रोच के चलते। सोम्या की टीम सिर्फ टास्क एक्सिक्यूट नहीं करती थी, बल्कि वो अपने क्लाइंट्स की टीम का हिस्सा बन जाती थी और रियलिस्टिक सॉल्यूशंस देती थी।

सोम्या के लिए, जिन्होंने इस बिज़नेस को ज़ीरो से बनाया, क्लैरिटी की अचीवमेंट्स एक पर्सनल प्राइड हैं। एजेंसी हर साल 30% ग्रोथ कर रही है, और इसका ज़्यादातर क्रेडिट वर्ड-ऑफ-माउथ रेफरल्स को जाता है। “हमेशा से क्लाइंट रिटेन्शन हमारी प्रायोरिटी रहा है। हमारा क्लाइंट अट्रिशन रेट 10% से नीचे और एम्प्लॉयी अट्रिशन 5% से कम है। यही दिखाता है कि हमने कैसा वर्क एनवायरनमेंट बनाया है,” सोम्या कहती हैं। उन्हें सबसे ज़्यादा खुशी इस बात की है कि उनकी एजेंसी जो कंटेंट बनाती है, उसे क्लाइंट्स बहुत कम रिजेक्ट करते हैं। “हमारा कंटेंट शायद ही कभी क्लाइंट रिजेक्ट करते हैं,” वो प्राउडली बताती हैं।

क्लैरिटी में सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं लोग

सोम्या के लिए, क्लैरिटी कम्युनिकेशन को गाइड करने वाली बेसिक वैल्यूज़ शुरू से ही क्लियर रही हैं। “पहले दिन से मैंने ट्रांसपेरेंसी और रिस्पेक्ट पर बेस्ड वर्क कल्चर बनाने पर ध्यान दिया। यहाँ कोई पॉलिटिक्स, गॉसिप या नेगेटिविटी की जगह नहीं है,” सोम्या कहती हैं। एजेंसी की स्ट्रेंथ है इसकी सपोर्टिव और हार्डवर्किंग टीम, जो एक-दूसरे की हमेशा मदद करती है।

एक और जरूरी वैल्यू है — ओपन डोर पॉलिसी। “कोई भी मुझसे डायरेक्ट आ सकता है। मेरे लिए ज़रूरी है कि मेरी टीम को लगे कि उनकी बात सुनी जाती है और उन्हें सपोर्ट मिलता है,” सोम्या बताती हैं। फ्लेक्सिबिलिटी भी इस वर्क कल्चर का एक बड़ा हिस्सा है। “हम मानते हैं कि हमारी टीम को वर्क और पर्सनल लाइफ बैलेंस करने की फ्रीडम मिलनी चाहिए। छुट्टियों या पर्सनल टाइम ऑफ पर कोई रोक-टोक नहीं है,” वो जोड़ती हैं। यही अप्रोच इस पॉज़िटिव एनवायरनमेंट का बेस है।

एक दशक की सक्सेस

सोम्या के लिए, क्लैरिटी कम्युनिकेशन की सक्सेस इस बात से मापी जाती है कि एजेंसी अपने क्लाइंट्स के लिए क्या वैल्यू क्रिएट करती है। “ये क्लाइंट्स के लिए वाकई में फर्क लाने की बात है—जैसे हमने सिड्स फार्म के साथ किया। टारगेटेड PR स्ट्रैटेजी के ज़रिए हमने एक अननोन ब्रांड को पहचान दिलाई,” वो याद करती हैं।

2016 में शुरुआत के बाद से, क्लैरिटी कम्युनिकेशन ने लगातार ग्रोथ देखी है—हर साल 30% की दर से। एजेंसी ने क्लाइंट अट्रिशन को 10% से नीचे और एम्प्लॉयी अट्रिशन को 5% से नीचे बनाए रखा है।

साल दर साल, क्लैरिटी ने ट्रेडिशनल PR से आगे बढ़कर सोशल मीडिया, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग और पर्सनल ब्रांडिंग जैसी सर्विसेज़ भी शामिल कर लीं। ये कंटिन्युअस ग्रोथ और असर ने क्लैरिटी को इंडस्ट्री में खास पहचान दिलाई है। खुद सोम्या को भी कई प्रिस्टीजियस प्लेटफॉर्म्स पर इन्वाइट किया गया है—जैसे स्टार्टअप नेक्सस में पैनलिस्ट बनना, और IIM बैंगलोर में गोल्डमैन सैक्स 10,000 वीमेन प्रोग्राम में चुना जाना।

पैंडेमिक के मुश्किल वक्त में भी क्लैरिटी ने खुद को संभाला और बैंगलोर, हैदराबाद और कोच्चि जैसे शहरों में अपना प्रेजेंस बढ़ाया। और अब क्लैरिटी का अगला स्टेप है—कनाडा तक इंटरनेशनल एक्सपांशन। “हमारी जर्नी माइलस्टोन्स से भरी रही है, और हम अभी बस शुरुआत में हैं,” सोम्या मुस्कुराते हुए कहती हैं।

हर वक़्त एक कदम आगे

बदलते मार्केट ट्रेंड्स, टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स और चेंजिंग कंज़्यूमर बिहेवियर की वजह से PR इंडस्ट्री बहुत डायनामिक और कॉम्पिटीटिव है। सोम्या मानती हैं कि PR में आगे रहने का असली रास्ता है — एडैप्टेबिलिटी और इनफॉर्मेशन से अपडेट रहना।

“पोस्ट-COVID, PR इंडस्ट्री बहुत तेजी से बदली, और हमारे लिए फ्लेक्सिबल रहना सबसे बड़ी स्ट्रेंथ बन गया,” वो कहती हैं। “मैं खुद हर दिन न्यूज़पेपर पढ़ती हूं, इंडस्ट्री लीडर्स को फॉलो करती हूं और नए ट्रेंड्स पर नज़र रखती हूं।”

क्लैरिटी कम्युनिकेशन ने टेक्नोलॉजी में आगे रहकर भी अपनी एज के साथ बढ़त बनाई है। “हाल ही में हमने अपने क्लाइंट्स के लिए एनालिटिक्स इंट्रोड्यूस किया है, जिससे उन्हें उनके कैंपेन का इम्पैक्ट मापने और डेटा-बेस्ड डिसिज़न लेने में मदद मिलती है,” सोम्या समझाती हैं। “PR एक बहुत तेज़ी से बदलने वाला फील्ड है, और क्यूरियस और प्रोएक्टिव रहना ही हमारी सबसे बड़ी वैल्यू है।”

आगे क्या है क्लैरिटी कम्युनिकेशन के लिए?

अभी क्लैरिटी कम्युनिकेशन दो चीज़ों पर फोकस कर रहा है — बड़े ब्रांड्स के साथ कोलैबोरेशन और इंटरनेशनल एक्सपैंशन। “हम एक्टिवली नए पोटेंशियल क्लाइंट्स से कनेक्ट कर रहे हैं और दिखा रहे हैं कि कैसे हमारा रिज़ल्ट्स-ड्रिवन और प्रोएक्टिव अप्रोच उनके ब्रांड्स में फर्क ला सकता है,” सोम्या बताती हैं।

एजेंसी पहले ही पैन-इंडिया ऑपरेशंस में आगे बढ़ चुकी है — दिल्ली और बैंगलोर में ऑफिसेज़ के साथ। लेकिन अब उनका फोकस डोमेस्टिक बाउंड्री से कहीं आगे है। “हमारा प्राइमरी टारगेट है — कनाडा और अमेरिका में एक्सपैंड करना,” सोम्या कहती हैं।

ये ग्लोबल एक्सपैंशन उसी विज़न का हिस्सा है — क्लैरिटी को एक लीडिंग इंटरनेशनल PR फर्म बनाना। “हमारा मकसद है — ऐसे कैंपेन क्रिएट करना जो ग्लोबली कनेक्ट करें, लेकिन साथ ही लोकल मार्केट्स की कल्चरल डीटेल्स से भी जुड़ाव रखें,” वो जोड़ती हैं। इसी स्ट्रैटेजी के साथ, क्लैरिटी खुद को उन बिज़नेस के लिए परफेक्ट पार्टनर बनाना चाहती है जो ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।

लीडरशिप मंत्रा

नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए सोम्या का एक सिंपल लेकिन पावरफुल एडवाइस है — “अगर आप PR में शुरुआत कर रहे हैं, तो रोज़ पढ़ना शुरू कीजिए। सिर्फ एक अखबार से शुरू करें — ये एक छोटा सा हैबिट है जो आपको इनफॉर्म्ड रखेगा और आपका मीडिया नॉलेज मजबूत करेगा।

सीखने के लिए ओपन रहें क्योंकि PR हर दिन बदलता है। अपने स्ट्रेंथ्स को जानिए, लेकिन साथ ही बदलाव के लिए रेडी रहिए। मेहनत करें और पर्सिस्टेंट बने रहें। ये फील्ड आसान नहीं है, और सक्सेस में टाइम लगता है।

सबसे ज़रूरी — कॉन्फिडेंट और इंडिपेंडेंट रहिए। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आइए, कनेक्शन बनाइए और अपने सफर की कमान खुद संभालिए।”

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