ज्योतिष को आजकल अक्सर “क्विक फिक्स” और जनरल सलाह के तौर पर देखा जाता है, खासकर सोशल मीडिया जैसे मॉडर्न प्लेटफॉर्म्स की वजह से। लेकिन इस तरह की सतही व्याख्याएं लोगों को भ्रमित कर देती हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर डेली राशिफल और “इंस्टेंट रेमिडीज़” की बाढ़ आ गई है, लेकिन ये सतही समाधान किसी व्यक्ति के जीवन की गहराई और जटिलता को नहीं समझ पाते। नतीजा ये होता है कि लोग निराश हो जाते हैं, क्योंकि वो तुरंत परिणाम की उम्मीद करते हैं जबकि असली बदलाव के लिए धैर्य और गहरी आध्यात्मिक समझ चाहिए।
हालांकि, सभी ज्योतिषी इस ट्रेंड को नहीं अपनाते। शेफाली कपिल शर्मा, एक अनुभवी वैदिक ज्योतिषी हैं, जो पर्सनल और होलिस्टिक अप्रोच पर ज़ोर देती हैं। शताब्दियों पुरानी विद्या में रूटेड, शेफाली का काम केवल जनरल उपाय बताने तक सीमित नहीं है। वो जन्मपत्रिका, ग्रहों की स्थिति और व्यक्ति की आत्मिक यात्रा की बारीकियों को समझने पर फोकस करती हैं। पारंपरिक प्रैक्टिस और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के कॉम्बिनेशन से शेफाली लोगों की भीतरी दुनिया को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ अलाइन करने में मदद करती हैं।
आज जहां ज़्यादातर लोग “कुकी-कटर सोल्यूशंस” देते हैं, शेफाली मानती हैं कि ज्योतिष एक आध्यात्मिक विज्ञान है, जिसमें धैर्य, आत्मचिंतन और आंतरिक शांति ज़रूरी है ताकि इसकी असली शक्ति सामने आ सके। उनका तरीका एकदम अलग और फ्रेश है — एक ऐसा नजरिया जो इस प्राचीन विद्या को सच्चे मायने में फिर से जिंदा करता है।
पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए
शेफाली की ज्योतिष में यात्रा 19 साल की उम्र में शुरू हुई, जब उनके नाना ने उन्हें इस दिशा में इंट्रोड्यूस किया। उन्होंने जल्दी ही पाया कि उन्हें हस्तरेखा में नेचुरल टैलेंट है — उनके कॉलेज के दोस्तों के लिए की गई प्रिडिक्शन्स सही साबित हुईं। इससे उनका इंटरेस्ट और गहरा हो गया। 24 साल की उम्र में उन्होंने कुंडली पढ़ना बाकायदा सीखना शुरू किया, और पिछले 25 सालों में उन्होंने इस विद्या को निखारा है — प्राचीन ज्ञान को अपनी खुद की आध्यात्मिक यात्रा के साथ मिलाकर। वो इस परिवारिक परंपरा की पाँचवीं पीढ़ी हैं, और यह परंपरा अब उनके लिए जीवन का उद्देश्य बन गई है।
एक ज्योतिषी के रूप में, शेफाली कुंडली रीडिंग, पर्सनल प्रिडिक्शन्स, जन्म कुंडली विश्लेषण, मंगल और कालसर्प दोष का मूल्यांकन जैसी सेवाएं देती हैं। साथ ही वो ग्रहों की स्थितियों, साढ़े साती, वक्री ग्रह और विवाह मेल मिलान पर भी गाइड करती हैं। इसके अलावा, वो ज्योतिष सिखाती भी हैं — एक बेसिक तीन महीने का कोर्स और एक एडवांस्ड एक साल का कोर्स, जिससे नए ज्योतिषियों को सच्चा ज्ञान मिल सके।
लोग शेफाली के पास इसलिए आते हैं क्योंकि उन्होंने ट्रस्ट और अक्युरेट प्रिडिक्शन्स के ज़रिए एक मजबूत कनेक्शन बनाया है। “मैं श्रद्धा, प्रामाणिकता और जेन्युइन वैदिक प्रैक्टिसेज़ पर फोकस करती हूँ,” वो बताती हैं। उनका मानना है कि मंत्र, हवन और पारंपरिक रिचुअल्स असली ट्रांसफॉर्मेशन लाते हैं। “श्रद्धा, सही कर्म और ज्योतिषीय मार्गदर्शन के कॉम्बिनेशन से लोग अपने चैलेंजेस पार कर पाते हैं,” वो कहती हैं।
वैदिक एसेंस ऑफ ज्योतिष
ज्योतिष को एक विज्ञान, कला और आध्यात्मिक अभ्यास का कॉम्बिनेशन माना जाता है, और शेफाली इसे एक आध्यात्मिक विज्ञान मानती हैं जो प्राचीन वेदों में रूटेड है। “ज्योतिष वेदों के छह अंगों में से एक है — ये वेदों की ‘आंख’ है,” वो कहती हैं। एक वैदिक ज्योतिषी के रूप में, शेफाली मानती हैं कि ये केवल भविष्य बताने की विद्या नहीं है, बल्कि जीवन को वेदों के दृष्टिकोण से समझने का माध्यम है।
ज्योतिष और अध्यात्म गहराई से जुड़े हैं, और एक ज्योतिषी को आध्यात्मिक रूप से विकसित होना चाहिए। “मैडिटेशन और गुरु के मार्गदर्शन से एक ज्योतिषी ये समझ पाता है कि यूनिवर्स कैसे मल्टीपल लेवल्स पर काम करता है,” शेफाली बताती हैं। जैसे ब्रह्मांडीय गतिविधियाँ बाहरी दुनिया को प्रभावित करती हैं, वैसे ही वो हमारे शरीर और इमोशंस को भी असरित करती हैं — और ज्योतिषी का काम होता है कि वो लोगों को अंदर और बाहर दोनों स्तरों पर अलाइन करे।
भाग्य, फ्री विल और उपाय
लोग ज्योतिष को लेकर सबसे ज़्यादा कंफ्यूज़ डेली राशिफल को लेकर होते हैं। ज़्यादातर लोग अखबारों या ऑनलाइन राशिफल पढ़कर सोचते हैं कि ये उनकी सटीक कुंडली के आधार पर है। जबकि सच्चाई ये है कि ये बहुत जनरल प्रिडिक्शन्स होती हैं और किसी व्यक्ति की असली जन्मकुंडली या ग्रह स्थिति को ध्यान में नहीं रखतीं। शेफाली स्पष्ट करती हैं, “ये प्रिडिक्शन्स बहुत ही सतही होती हैं और एक ही सूर्य या चंद्र राशि वाले हर व्यक्ति पर लागू नहीं होतीं।”
एक और मिसकंसेप्शन यह है कि मॉडर्न ज्योतिष आजकल मनोवैज्ञानिक ऐंगल देता है, लेकिन यह अक्सर बहुत सिंप्लिस्टिक होता है और उसमें प्राचीन विद्या की एक्युरेसी नहीं होती। शेफाली कहती हैं, “सच्चा ज्योतिष हर व्यक्ति की लाइफ की जटिलताओं को ध्यान में रखता है — ये ‘वन-साइज़-फिट्स-ऑल’ नहीं हो सकता।”
सोशल मीडिया की वजह से ज्योतिष बहुत पॉपुलर हो गया है, लेकिन इससे क्विक-फिक्स उपाय और काले जादू जैसी चीज़ों का भी प्रसार हुआ है। “लोग शॉर्टकट्स की तलाश में रहते हैं बजाय इसके कि वो ज्योतिष के डीपर आस्पेक्ट्स को समझें,” शेफाली बताती हैं। “इस वजह से भ्रामक सलाहें फैल रही हैं। फिर भी, कुछ सच्चे ज्योतिषी आज भी असली ज्ञान शेयर कर रहे हैं।”
सच्चा ज्योतिष और मैनिफेस्टेशन टाइम लेता है। कोई एक पूजा, जैसे मंदिर में दिया जलाना, तब तक असर नहीं करेगी जब तक व्यक्ति का माइंडसेट और आंतरिक स्थिति उसके साथ अलाइन न हो। “कोई बाहरी उपाय उस चीज़ को नहीं बदल सकता जो भाग्य में लिखा है,” शेफाली कहती हैं। “जीवन एक डीपर और लॉजिकल प्लान के हिसाब से चलता है, और हर चीज़ का एक मकसद होता है।”
स्वयं की खोज की यात्रा
शेफाली के लिए ज्योतिषी बनने का सबसे संतोषजनक पहलू उनकी अपनी आध्यात्मिक यात्रा रही है। “ज्योतिष केवल भविष्य बताने की विद्या नहीं है,” वो समझाती हैं, “यह आत्मिक विकास से जुड़ा है।” इस यात्रा में उनकी गुरु अर्चना दीदी का मार्गदर्शन अहम रहा है। “मुझे लगा कि ज्योतिष का ज्ञान होने के बावजूद कुछ अधूरा है। मैडिटेशन से मुझे समझ आया कि ग्रहों की ऊर्जा हमें कैसे प्रभावित करती है,” शेफाली बताती हैं।
वो मानती हैं कि ज्योतिष में एक मजबूत आवाज़ ज़रूरी होती है। “जब एक ज्योतिषी बोले, तो उसके शब्दों में सच्चाई होनी चाहिए,” वो कहती हैं। थर्ड आई का जागरण भी भविष्य को स्पष्ट रूप से देखने में अहम भूमिका निभाता है। ये सारी अनुभूतियाँ शेफाली के लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत संतोषजनक रही हैं और दूसरों को गाइड करने में भी मददगार।
उनके क्लाइंट्स के लिए सबसे बड़ा फायदा होता है — स्पष्टता और हीलिंग। “ज्योतिष के ज़रिए उन्हें अपने जीवन, चैलेंजेस और ऊर्जा को समझने में मदद मिलती है। इससे उन्हें एक दिशा और उद्देश्य मिलता है,” शेफाली बताती हैं।
लीडरशिप मंत्रा
“जो लोग ज्योतिष में विश्वास नहीं करते, मैं उन्हें कहूँगी — पहले इसे खुद अनुभव करें। कभी-कभी सिर्फ एक व्यक्तिगत अनुभव ही आपकी सोच को पूरी तरह बदल सकता है,” शेफाली कहती हैं।
नई पीढ़ी के ज्योतिषियों के लिए उनका सिंपल संदेश है, “क्लासिक्स से जुड़े रहें। पारंपरिक ज्योतिष और प्रैक्टिस में खुद को ग्राउंड करें। अगर आप सच में फर्क लाना चाहते हैं, तो मैडिटेशन ज़रूर करें। इससे न सिर्फ आपकी समझ गहरी होगी, बल्कि आप अपने भीतर और यूनिवर्स से गहरे स्तर पर जुड़ पाएँगे।”