डेलक्योर ने लॉन्च किए 43 ब्रांड्स, मरीजों के लिए बेहतर पहुंच और किफायती दवाएं उपलब्ध कराईं; पीडियाट्रिक और ऑर्थोपेडिक सेगमेंट में इनोवेटिव मेडिसिन पेश की, अकम्स ड्रग्स से किया करार

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भारतीय फ़ार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री ने पिछले कुछ दशकों में तेज़ी से तरक्की की है। यह इंडस्ट्री आज ग्लोबल फ़ार्मास्यूटिकल मार्केट में एक अहम स्थान रखती है।

1960 के दशक की शुरुआत में, भारत सरकार ने 1970 के पेटेंट एक्ट के ज़रिए भारतीय कंपनियों द्वारा दवाओं के निर्माण को बढ़ावा दिया। आज भारत विश्व में सबसे बड़ा जेनेरिक ड्रग्स सप्लायर है।

भारत का फ़ार्मा सेक्टर अगले पाँच वर्षों में तीन गुना बढ़कर 55 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना रखता है। वर्तमान में भारतीय फ़ार्मास्यूटिकल मार्केट का मूल्य 15 बिलियन डॉलर है और यह 10% की दर से बढ़ रहा है।

ब्रैंडेड जेनेरिक्स इस मार्केट के प्रमुख ड्राइवर्स हैं। जैसे-जैसे कंज़्यूमर स्पेंडिंग बढ़ेगी और हेल्थकेयर देश के कोने-कोने में पहुंचेगा, मार्केट और तेज़ी से बढ़ेगा।

इन तमाम फायदों के बावजूद भारतीय फ़ार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को कुछ खास चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह इंडस्ट्री काफ़ी fragmented है, प्रोडक्ट पाइपलाइन्स सिमट रही हैं और रेग्युलेटरी बदलाव भी लगातार आ रहे हैं। ऐसे में किसी नई कंपनी के लिए इस क्षेत्र में स्थापित होना केवल इनोवेशन और नई सोच के ज़रिए ही मुमकिन है।

फ़ार्मा इंडस्ट्री के वेटरन प्रशांत कुमार पाठक का विज़न था एक ऐसी फ़ार्मा कंपनी बनाना, जो देश में हेल्थकेयर की उपलब्धता और किफ़ायतीपन को प्राथमिकता दे और हर पहलू में इनोवेशन लाए।

इस विज़न को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने भारत की स्ट्रॉन्ग इंडिजिनस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का लाभ उठाया और अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड और यूरोप की इनोवेटर कंपनियों के साथ इंटरनैशनल कोलैबोरेशन के ज़रिए हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स को भारतीय मार्केट में इंट्रोड्यूस किया। इसी रणनीति के तहत 2013 में उन्होंने डेलक्योर लाइफ़साइंसेज़ लिमिटेड (डीएलएल) की शुरुआत की।

यह फुल-स्केल फ़ार्मास्यूटिकल कंपनी इस विज़न के साथ काम कर रही है कि यह भारत और विदेशों में चुने हुए स्पेशलिटी वर्टिकल्स में सबसे सम्मानित और यूनिकली पोज़िशंड अग्रणी फ़ार्मा कंपनी बने, जो वैल्यू-बेस्ड कैरेक्टरिस्टिक्स के लिए जानी जाए।

प्रशांत कुमार पाठक, डेलक्योर लाइफ़साइंसेज़ लिमिटेड के सीईओ और एमडी, फ़ार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में तीन दशकों से भी ज़्यादा का अनुभव रखते हैं – जिनमें सेल्स एंड मार्केटिंग, इंटरनैशनल बिज़नेस, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और ऑपरेशंस शामिल हैं। अपनी कंपनी शुरू करने से पहले वे आरपीजी लाइफ़साइंसेज़ में चीफ़ एग्ज़िक्युटिव – ग्लोबल फॉर्म्युलेशंस और डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेट्रीज़ में सीनियर डायरेक्टर – सेल्स एंड मार्केटिंग के पद पर काम कर चुके हैं।

प्रशांत कुमार पाठक के पास इंटीग्रेटेड बिज़नेस वैल्यू चैन का व्यापक अनुभव है, साथ ही वे उभरते बाजारों के फायदे खोलने में भी सक्षम हैं। उन्होंने एपीएसी, सेंट्रल और लैटिन अमेरिकन देशों और अफ्रीका में बिज़नेस आर्म्स चलाने का अनुभव प्राप्त किया है। अपने प्रोफेशनल करियर के दौरान, उन्होंने कई इन-लाइसेंसिंग असाइनमेंट्स को मैनेज किया और नए प्रोडक्ट्स भारत में लॉन्च किए। वे देश और अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

प्रशांत एक उत्साही पाठक हैं और शास्त्रीय संगीत में रुचि रखते हैं। वे विज्ञान स्नातक हैं और आईबीसी सिंगापुर से एसएफई एवं एसएफए का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने एएससीआई, हैदराबाद से सेल्स और मार्केटिंग मैनेजमेंट में भी प्रशिक्षण लिया है। उनका स्वर अक्सर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में सुना जा सकता है।

वर्तमान में उनकी कंपनी डेलक्योर में भारतभर में 500 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जो अपने लक्षित कस्टमर्स तक पहुंचने में जुटे हैं। कंपनी के पास 79 ब्रांड्स हैं जो मरीजों की बढ़ती ज़रूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करते हैं।

कंपनी की संस्कृति पर टिप्पणी करते हुए, श्री पाठक ने कहा, “डेलक्योर लाइफ़साइंसेज़ में, हम खुशहाली के उद्देश्य को बढ़ावा देने और कंपनी एवं समाज में सभी के लिए मददगार संस्कृति बनाने में दृढ़ विश्वास रखते हैं। इस प्रयास में हमें सत्यनिष्ठा के मूल्य का मार्गदर्शन प्राप्त होता है।”

डेलक्योर लाइफ़साइंसेज़ लिमिटेड ने अकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड के साथ दीर्घकालिक मैन्युफैक्चरिंग सहयोग स्थापित किया है। अकम्स देश का सबसे बड़ा WHO-GMP प्रमाणित फॉर्मुलेशन मैन्युफैक्चरर है, जो अत्याधुनिक सुविधा और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के सभी डोज़ फॉर्म्स के उत्पादन में सक्षम है। डेलक्योर के बिज़नेस यूनिट हेड विनीत रज़दान ने द सीईओ मैगज़ीन को बताया, “डेलक्योर लाइफ़साइंसेज़ लिमिटेड के प्रोडक्ट्स की विशिष्टता ही इसकी पहचान है। नई तकनीक के इस्तेमाल से दवा वितरण बेहतर हुआ है और मरीजों की सेहत में सुधार आया है।”

डेलक्योर के उत्पाद

डेलक्योर ने दो प्रमुख विशेषज्ञता वाले क्षेत्र – पीडियाट्रिक्स और ऑर्थोपेडिक्स – में कदम रखा है, जिनका उद्देश्य ऑर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक, रेस्पिरेटरी, ओटोलॉजिकल्स, न्यूट्रीशन और डर्मेटोलॉजी के उप-सेगमेंट्स में मौजूद अंतर को पूरा करना है।

उनके पास कुछ अनोखे और पहली बार उपलब्ध हो रहे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स हैं, जैसे:

पीडियाट्रिक न्यूट्रीशंस में: डी-लिक – भारत का पहला Micellized विटामिन D3 ड्रॉप्स, जो 25 (OH) D स्तर को अन्य ब्रांड्स की तुलना में 5 गुना बढ़ाता है।

पीडियाट्रिक डर्मेटोलॉजी में: बब्बी – भारत का पहला Syndet जिसमें जोजोबा ऑयल है, जो बच्चे की त्वचा में नमी और तेल के स्तर को संतुलित करता है।

पीडियाट्रिक जीआई में: एसोल – भारत का पहला एसोमेप्राज़ोल सैशे फॉर्म, जिसे 1 महीने से अधिक उम्र के शिशुओं को सुरक्षित रूप से दिया जा सकता है।

ओटोलॉजिकल्स में: लिडोजोन – भारत का पहला जल-आधारित कान का ड्रॉप जिसमें लिडोकेन और फेनाज़ोन है, जो लगाते ही 5 मिनट में राहत देता है।

एलर्जी में: डेलपोमोंट – भारत का पहला मोंटेलुकास्ट सस्पेंशन बच्चों के लिए।

अपकाउंट – कैरिका पपाया, टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया, बकरी के दूध का अर्क और विटामिन E का अनोखा संयोजन, जो डेंगू, मलेरिया, केमोथेरपी और थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया मामलों में महत्वपूर्ण संख्या बहाल करता है।

इसके अतिरिक्त, डेलक्योर के पास अन्य इनोवेटिव ब्रांड्स भी हैं जैसे UDCAment (UDCA 125 mg सस्पेंशन), मोगा (भारत का पहला ऑर्गेनिक मोरिंगा ओलेइफेरा ब्रांड इम्युनिटी और रिकव्हरी के लिए), सोफेरी (मेथिलकोबालामिन के साथ हीमेटिनिक)।

डेलक्योर के डिफरेंशिएटेड प्रोडक्ट्स में शामिल हैं: डेलपोकल, डेलपोफ्लेक्स ए, स्पाफास्ट डी इंजेक्शन, अपकाउंट, एसोल, लिडोजोन, बब्बी, डेलपोमोंट और मोगा।

भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए डेलक्योर का फोकस नए ज़माने के डॉक्टर्स को सीधे और कस्टमाइज़्ड कम्युनिकेशन के ज़रिए जोड़ने पर है। कंपनी नई ऑटोमेटेड टेक्नोलॉजी को अपनाने और प्रैक्टिशनर्स व मेडिकल एकेडेमिशियन्स के साथ ज़रूरत आधारित कस्टमाइज़्ड रिसर्च पार्टनरशिप्स बनाने की दिशा में काम कर रही है।

द सीईओ मैगज़ीन से बात करते हुए डेलक्योर के संस्थापक श्री प्रशांत कुमार पाठक ने कहा, “हम अधिक भौगोलिक क्षेत्रों और डॉक्टर स्पेशलटीज़ को कवर करने की दिशा में अग्रसर हैं। डेलक्योर लाइफसाइंसेज़ लिमिटेड फिलहाल गायनेकोलॉजिकल और डर्मेटोलॉजी सेगमेंट में कुछ इनोवेटिव मेडिसिन लॉन्च करने की योजना बना रही है। उच्च गुणवत्ता वाली मेडिसिन देना डेलक्योर की प्रतिबद्धता है।”

“हम एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं जिससे हमारी क्वालिटी कंज़्यूमर्स को प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे। डेलक्योर में हमारा मानना है कि भविष्य में मरीजों की ज़रूरत केवल अच्छी क्वालिटी प्रोडक्ट तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उन्हें कुछ वैल्यू एडिशन की भी उम्मीद होगी। इसी सोच के साथ हम टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन के एक सेंट्रल प्लेयर के रूप में उभरना चाहते हैं, जो इलाज को और अधिक किफायती, सुविधाजनक और डिलीवरी टाइम को छोटा करने में मदद करेगा।”

डेलक्योर लाइफसाइंसेज़ लिमिटेड ने मात्र 3 वर्षों के भीतर ही फार्मास्युटिकल स्पेस में अपनी एक विशेष पहचान बना ली है। जब इंडस्ट्री बदलाव के दौर से गुजर रही है और मौजूदा बिज़नेस मॉडल्स का भविष्य में सीमित रोल दिखाई दे रहा है, ऐसे में डेलक्योर अपनी यूनिक एडवांटेज के साथ इस सेक्टर में अगली लहर की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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