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महिंद्रा कॉम्वीवा: इनोवेशन से जुड़े रहकर लोगों की ज़िंदगी को छूने की कोशिश

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मोबाइल टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब मोबाइल सिर्फ टेक्स्ट, वॉइस और कैमरा तक सीमित नहीं हैं—इनमें अब पेमेंट्स, लोकेशन और लॉयल्टी जैसे कई फीचर्स भी आ गए हैं। चीन के बाद भारत ने भी इस साल एक अरब मोबाइल यूज़र्स का आंकड़ा पार कर लिया है। फिर भी देश में अब भी लाखों लोग हैं जिन्हें मोबाइल या बैंकिंग की सुविधा नहीं मिली है।

पिछले सत्रह वर्षों से महिंद्रा कॉम्वीवा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आसान बनाने पर काम कर रही है, खासकर मोबाइल अनालिटिक्स और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी में। कंपनी की सॉल्यूशंस और सर्विसेज़ ऐसे स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजी ट्रेंड्स से जुड़ी हैं जो टेलिकॉम ऑपरेटर्स को वैल्यू ऐडेड सर्विस देने में मदद करती हैं।

महिंद्रा कॉम्वीवा एक ग्लोबल नाम है, जिसने अलग-अलग मार्केट्स को गहराई से समझा है। एशिया, अफ्रीका, यूरोप और साउथ अमेरिका में मौजूदगी के साथ कंपनी दुनिया भर के 100 से ज़्यादा क्लायंट्स को सपोर्ट देती है।

कंपनी वोडाफोन, एयरटेल, ऑरेंज, एमटीएन जैसे इंटरनेशनल ग्रुप ऑपरेटर्स के साथ काम करती है। ग्लोबल उपस्थिति होने के बावजूद कंपनी का अप्रोच लोकल रहता है।

मोबाइल फाइनेंशियल सर्विसेस, मोबाइल कंटेंट, मोबाइल अनालिटिक्स और मोबाइल मेसेजिंग जैसे क्षेत्रों में इसकी एक्सपर्टीज़ टेलिकॉम कंपनियों को उनके प्रोसेसेस और बिज़नेस को इंटरनैशनल स्टैंडर्ड्स के अनुसार बेहतर करने में मदद करती है।

नई दिल्ली स्थित महिंद्रा कॉम्वीवा के ऑफिस अर्जेंटीना, ब्राज़ील, कोलंबिया, यूके और फ्रांस जैसे कई देशों में हैं। कंपनी ने मिडिल ईस्ट में अपना दायरा बढ़ाते हुए दुबई में नया ऑफिस खोला है। नाइजीरिया और केन्या में भी कंपनी ने मजबूत पकड़ बना ली है। कंपनी की कुल आय का लगभग 45% हिस्सा अफ्रीका से आता है, जबकि भारतीय मार्केट से 20% योगदान होता है।

महिंद्रा कॉम्वीवा की शुरुआत सत्रह साल पहले भारती ग्रुप (भारती टेली सॉफ्ट) की एक पहल के रूप में हुई थी। 2012 के अंत तक, भारती ग्रुप और अन्य वेंचर कैपिटलिस्ट्स ने अपनी 60% हिस्सेदारी टेक महिंद्रा को सौंप दी। आज यह एक जॉइंट वेंचर है जिसमें टेक महिंद्रा के पास मेजॉरिटी कंट्रोल है।

The CEO Magazine से बातचीत में, कंपनी के CEO मणोरंजन ‘माओ’ महापात्रा ने कहा, “हम टेक महिंद्रा की एक सब्सिडियरी हैं, लेकिन हमारे पास पूरा ऑपरेशनल इंडिपेंडेंस है जिससे हम अपने चुने हुए टेक्नोलॉजी और मार्केटप्लेस में इनोवेट कर सकते हैं और कस्टमर्स से जुड़ सकते हैं। मैं पिछले आठ वर्षों से यहां हूं और हम हर साल औसतन 20% की दर से ग्रो कर रहे हैं।”

कंपनी ने अब तक 52 से ज़्यादा पेटेंट्स फाइल किए हैं, जिनमें से 40 पिछले पाँच सालों में फाइल किए गए। उन्हें GSMA ग्लोबल मोबाइल अवॉर्ड्स, ग्लोबल टेलिकॉम्स बिज़नेस इनोवेशन अवॉर्ड्स, अफ्रीकacom अवॉर्ड्स, Meffys 2013, एजिस ग्राहम बेल अवॉर्ड्स, फ्रॉस्ट एंड सुलिवन ICT अवॉर्ड्स, और गोल्डन पीकॉक इनोवेशन अवॉर्ड जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।

महिंद्रा कॉम्वीवा के पास दुनियाभर में दो हजार से ज़्यादा कर्मचारी हैं। इनमें से 80% भारत में स्थित हैं, जबकि कुछ ग्लोबल प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं। इंटरनैशनल टीम में फिलहाल लगभग 350 लोग हैं।

कंपनी की कल्चर पर बात करते हुए माओ कहते हैं, “इस मार्केट में इनोवेशन के बिना टिक पाना मुश्किल है। हमने इनोवेशन को अपने बिज़नेस स्ट्रैटेजी के केंद्र में रखा है और खुद को डिजिटल सॉल्यूशन्स के लीडर के रूप में पोजिशन किया है—’द बिज़नेस ऑफ टुमारोज़’ को प्रभावित करने की सोच के साथ। हम अपने कर्मचारियों को इनोवेट करने के लिए प्रेरित करते हैं।”

वे आगे जोड़ते हैं, “हम उन्हें गलतियां करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। जब तक आप गलती नहीं करेंगे, तब तक इनोवेशन नहीं होगा। फेलियर ही सक्सेस की असली राह है। हमने हमेशा फेलियर्स से सीखकर ही आगे बढ़ने का रास्ता बनाया है। हमारी कंपनी में आंतरिक असफलताओं को किसी व्यक्ति, टीम या डिपार्टमेंट की गलती नहीं माना जाता, बल्कि यह माना जाता है कि हमने एक और वजह कम कर दी है जिससे हम सफल नहीं हो पाए।”

इन्हीं विचारों से महिंद्रा कॉम्वीवा की विज़न और फ्यूचर स्ट्रैटेजिक डायरेक्शन की नींव रखी गई है। माओ महापात्रा का करियर तेज़ी से बढ़ते बाज़ारों में इनोवेटिव सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशन सॉल्यूशन्स विकसित करने और हाई-पोटेंशियल बिज़नेस को वर्ल्ड-क्लास ब्रांड्स में बदलने को समर्पित रहा है।

उनकी इनोवेशन को बढ़ावा देने की सोच, टेलिकॉम टेक्नोलॉजी में गहराई से समझ, और मार्केटिंग से लेकर ऑपरेशंस तक का अनुभव—ये सभी मिलकर महिंद्रा कॉम्वीवा को उभरते हुए ग्लोबल मार्केट्स में एक लीडिंग VAS प्रोवाइडर के रूप में स्थापित करने में मदद करते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक (BITS पिलानी से) माओ ने अपने करियर की शुरुआत सी-डॉट (CDOT – सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स) से की, जहां उन्होंने टेलीकॉम स्विचिंग में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके बाद उन्होंने ह्यूजेस में काम किया।

महिंद्रा कॉम्वीवा से पहले, माओ अरिसेंट (Aricent) में प्रेसिडेंट और COO के रूप में कार्यरत थे। वहाँ उन्होंने पंद्रह वर्षों तक काम किया और एक स्टार्टअप को US$300 मिलियन से अधिक रेवेन्यू वाली ग्लोबली रिकग्नाइज़्ड ब्रांड में बदलने में अहम भूमिका निभाई।

अरिसेंट में उन्होंने R&D, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, ऑपरेशंस, और सेल्स एंड मार्केटिंग जैसी कई महत्वपूर्ण टीमें लीड कीं, जिससे उन्हें सॉफ्टवेयर और कम्युनिकेशन इंडस्ट्रीज़ की गहराई से समझ और लीडरशिप स्किल्स विकसित करने का अनुभव मिला।

माओ को 2012 और 2013 में इंस्टिट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (IOD) द्वारा ‘डिस्टिंग्विश्ड फेलो’ सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा, HITEC India ने उन्हें 2013 में ‘India’s Top 20 CEO’ में शामिल किया—उनकी लीडरशिप में कंपनी को इंडस्ट्री लीडर बनाने और मोबाइल VAS इंडस्ट्री में बेंचमार्क्स सेट करने के लिए।

2016 में, Juniper Research ने उन्हें वैश्विक स्तर पर पेमेंट्स इंडस्ट्री के Top 6 ‘Movers and Shakers’ में गिना। वे कहते हैं, “इस संगठन के साथ मेरा व्यक्तिगत जुड़ाव बहुत गहरा है। मैं अपने काम को लेकर बेहद जुनूनी हूं। मैं इस संगठन को अपने घर का विस्तार मानता हूं।”

वे कंपनी के सभी प्रमुख विभागों जैसे प्रोडक्ट मैनेजमेंट, कस्टमर सपोर्ट, इम्प्लीमेंटेशन एंड डिलीवरी, बिज़नेस मैनेजमेंट और सेल्स की देखरेख करते हैं। उनके नेतृत्व में, कंपनी के इंजीनियरिंग यूनिट के लिए दो अलग-अलग टीमें काम करती हैं—कस्टमाइज़ेशन टीम और R&D टीम। कस्टमाइज़ेशन टीम जहां ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुसार उत्पादों को ढालने पर काम करती है, वहीं R&D टीम सतत इनोवेशन के जरिए कंपनी को आज के डायनेमिक वर्ल्ड में रिलेवेंट बनाए रखने के लिए काम करती है।

महिंद्रा कॉम्वीवा अपनी मोबाइल फाइनेंशियल, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल कंटेंट, मैसेजिंग और ब्रॉडबैंड सॉल्यूशंस के साथ-साथ मैनेज्ड VAS सेवाओं के माध्यम से रेवेन्यू जनरेट करता है। इन समाधानों की मदद से टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों के व्यवहार, उनकी खपत की आदतों और पसंद-नापसंद को समझ सकती हैं।

कंपनी का प्रमुख प्रोडक्ट mobiquity® Wallet बैंकों, टेलिकॉम ऑपरेटर्स, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स और मर्चेंट्स को उनके मार्केट के अनुसार डिजिटल रणनीति अपनाने का साधन देता है। यह एक यूज़र-फ्रेंडली, मोबाइल-सिक्योर, फीचर-रिच वॉलेट सॉल्यूशन है जो रिमोट और प्रॉक्सिमिटी पेमेंट्स दोनों को सपोर्ट करता है।

वहीं, mobiquity® Money सिर्फ बिना बैंक वाले और कम बैंक एक्सेस वाले उपभोक्ताओं को उनकी वित्तीय ज़रूरतें पूरी करने का माध्यम नहीं है, बल्कि उन्हें एडवांस्ड फाइनेंशियल सर्विसेज तक भी पहुँच देता है।

क्या आपको लगता है कि ‘डिजिटल इंडिया’ का कोई बड़ा असर होगा? इस सवाल पर टीसीएम (The CEO Magazine) से बातचीत में श्री मोहपात्रा ने कहा—

“हां, निश्चित रूप से होगा। यह डिजिटलीकरण एक अत्यधिक परिवर्तनकारी पहल है। इससे लागत बढ़ाए बिना उत्पादकता में इजाफा होगा। अंततः यह प्रयासों को घटाकर परिणामों को बेहतर बनाएगा। अब टैक्स भरने में मुझे आधा दिन नहीं लगाना पड़ता। इससे GDP भी बढ़ेगा। हालांकि इसका प्रभाव तुरंत नहीं दिखेगा, लेकिन कुछ वर्षों में इसके नतीजे साफ दिखने लगेंगे।”

“एक उदाहरण देता हूं—आज से सात साल पहले नया पासपोर्ट बनवाना या पुराना रिन्यू कराना बहुत लंबी और थकाने वाली प्रक्रिया थी। अब यह काम बहुत आसानी से हो जाता है, और उसके लिए छुट्टी भी नहीं लेनी पड़ती। पहले हर जगह टोल टैक्स भरने के लिए गाड़ी रोकनी पड़ती थी, लेकिन अब ऑनलाइन भुगतान संभव है। यही बात पासपोर्ट प्रोसेस पर भी लागू होती है।”

टेक्नोलॉजी में गहराई और इंडस्ट्री की समझ को मिलाकर, महिंद्रा कॉम्वीवा आज के प्रतिस्पर्धी बाजार में खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी की रणनीति और कार्यान्वयन पर गहरा फोकस है। बेंगलुरु की जटायु (Jataayu) और अर्जेंटीना की ATS का अधिग्रहण भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया था।

महिंद्रा कॉम्वीवा के पास एक स्टार्टअप फैक्ट्री भी है, जिसमें तीन-चार नए इनिशिएटिव हैं जिन्हें यंग CEOs लीड कर रहे हैं। कंपनी की मोबाइल फाइनेंशियल स्पेस में सफलता को देखते हुए, अब वह TerraPay नामक एक अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांसफर सेवा और Zoto नामक एक फाइनेंशियल इन्क्लूजन सेवा (नाइजीरिया में) लॉन्च करने की योजना बना रही है।

कंपनी अब ऐसे लोगों की ज़िंदगी छूने की दिशा में बढ़ रही है जिनके पास बैंकिंग की पहुंच नहीं है, और उन्हें नई व नवाचारी डिजिटल सेवाएं प्रदान कर रही है। एक और पहल, PalmLeaf, मोबाइल-आधारित स्मार्ट लर्निंग और एंगेजमेंट को बेहतर बनाकर बदलती जीवनशैली की जरूरतों को पूरा करती है।

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