बिहार: इतिहास और प्रगति का मिश्रण

1
212
Unlock Exclusive Business Insights
Weekly CEO Interviews & Strategic Analysis
RE DO Jewellery
Harvish Jewels
P C Chandra
Dr Shailaja
RE DO Jewellery
Harvish Jewels
P C Chandra
Dr Shailaja
RE DO Jewellery
50K+
Business Leaders
Subscribe Now ↗

बिहार: समृद्ध इतिहास और भविष्य की संभावनाएँ
भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित बिहार, एक राज्य है जिसका इतिहास अत्यधिक समृद्ध है और विकास की संभावनाओं से भरा हुआ है। यह भारत का तीसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और 2021 में इसका GDP 14वें स्थान पर था। उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल के साथ सीमा साझा करने वाला बिहार गंगा नदी से विभाजित है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है।

प्राचीन काल में यह सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था, जहां भारत का पहला साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य, स्थापित हुआ था और बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ था। आज बिहार की जनसंख्या युवा है, जिसमें आधे से अधिक लोग 25 साल से कम आयु के हैं, जो भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता है।

भले ही बिहार ने अतीत में कई चुनौतियों का सामना किया हो, लेकिन अब यह राज्य शासन, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में प्रगति कर रहा है, जो उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। बिहार की राजधानी पटना है।

बिहार का ऐतिहासिक दृष्टिकोण
‘बिहार’ शब्द संस्कृत के ‘विहार’ से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘आवास’ होता है, जो बौद्ध विहारों से जुड़ी ऐतिहासिक पहचान को दर्शाता है। बिहार का प्राचीन इतिहास महत्वपूर्ण साम्राज्यों जैसे मगध और मिथिला से जुड़ा हुआ है, जो भारतीय सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्य में योगदान करते हैं।

हालाँकि, बौद्ध धर्म के पतन और आक्रमणों के कारण प्रसिद्ध शिक्षण केंद्र जैसे नालंदा और विक्रमशिला नष्ट हो गए थे।

बिहार: समृद्ध विविधता और प्राकृतिक संपत्ति की भूमि
बिहार का कुल क्षेत्रफल 94,163 किमी² (36,357 वर्ग मील) है और यह नेपाल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ है।

यह राज्य उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु का अनुभव करता है, जिसमें गर्मियों में उच्च तापमान और सर्दियों में ठंड होती है। बिहार में विभिन्न प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु पाई जाती हैं, जिनमें चंपारण जैसे क्षेत्रों में आर्द्र सदाबहार वन हैं, जहां साल, खैर और सेमल जैसे वृक्ष पाए जाते हैं।

बिहार का परिवहन ढांचा
बिहार में एक मजबूत परिवहन नेटवर्क है, जिसमें तीन कार्यात्मक हवाई अड्डे शामिल हैं, जिनमें गया का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है, और 3,794 किमी लंबी रेल नेटवर्क है।

राज्य में गया-दरभंगा एक्सप्रेसवे जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार हो रहे हैं, जो 2024 तक बिहार का पहला एक्सप्रेसवे बनने वाला है। साथ ही, पटना मेट्रो की योजना पर काम चल रहा है।

बिहार का शिक्षा परिदृश्य
बिहार की शैक्षिक धरोहर प्राचीन विश्वविद्यालयों जैसे नालंदा और विक्रमशिला से जुड़ी हुई है। ब्रिटिश शासन के दौरान पटना विश्वविद्यालय और बिहार स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग जैसे संस्थानों की स्थापना की गई थी।

आज बिहार में आठ राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं, जिनमें IIT पटना और AIIMS पटना शामिल हैं। हाल ही में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) बोधगया और दरभंगा में एक AIIMS जैसी संस्था की स्थापना की योजनाएं, बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

बिहार के सांस्कृतिक धरोहर और कलात्मक विविधता
बिहार की सांस्कृतिक धरोहर में पारंपरिक कला, संगीत और सिनेमा की विभिन्न शैलियाँ शामिल हैं। मिथिला पेंटिंग, जिसे मधुबनी कला के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख शैली है जिसे मुख्य रूप से महिलाएं प्रैक्टिस करती हैं।

बिहार ने शास्त्रीय संगीत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है और यहाँ उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान जैसे प्रसिद्ध संगीतकार हुए हैं। भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में फिल्म इंडस्ट्री का भी काफी प्रभाव है।

बिहार का पर्यटन खजाना
बिहार सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। 2019 में, बिहार में एक मिलियन से अधिक विदेशी पर्यटक आए थे।

राज्य में दो UNESCO विश्व धरोहर स्थल हैं—महाबोधि मंदिर (बोध गया) और प्राचीन नालंदा महाविहार—साथ ही पटना में खुसा बख्श पुस्तकालय जैसी सांस्कृतिक धरोहरें भी हैं।

बिहार का आर्थिक परिदृश्य
बिहार की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जहां 2013-14 के वित्तीय वर्ष में राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) ₹3,683.37 बिलियन था। राज्य की अर्थव्यवस्था सेवा-आधारित है, जिसमें कृषि 22% और उद्योग 5% का योगदान है।

बिहार में सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई राज्य अर्थव्यवस्था है, जिसमें 2014-15 में 17.06% की वृद्धि दर रही थी।

निष्कर्ष
अंत में, बिहार एक ऐसा राज्य है जो समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के बीच प्रगति की लगातार राह पर बढ़ रहा है। इसके प्राचीन शैक्षिक और धार्मिक केंद्रों से लेकर वर्तमान समय में इसके विकासशील आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों तक, बिहार ने अपनी पुरानी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए एक उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया है।

यह राज्य अपनी युवा जनसंख्या, विविध प्राकृतिक परिदृश्य और बढ़ते शिक्षा क्षेत्र के साथ पूर्वी भारत के दिल में एक संभावनाओं और समृद्धि का केंद्र बनकर उभरने के लिए तैयार है।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here