Home नारी शक्ति अजिता इटालिया: एक ऐसी महिला की प्रेरणादायक कहानी जिसने अपनी राह खुद...

अजिता इटालिया: एक ऐसी महिला की प्रेरणादायक कहानी जिसने अपनी राह खुद चुनी

0

सक्सेस कभी किसी को यूं ही नहीं मिलती। उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है, मुश्किलों से लड़ना पड़ता है, और अपनी काबिलियत साबित करनी पड़ती है। लेकिन महिलाओ के लिए ये रास्ता और भी मुश्किल होता है। उनके लिए सक्सेस सिर्फ टैलेंट या ऐम्बिशन की बात नहीं होती, बल्कि हिम्मत की भी होती है। हिम्मत – सपने देखने की, जो दुनिया उनसे उम्मीद नहीं करती। हिम्मत – उन जगहों पर जाने की, जहां उन्हें कभी जगह नहीं दी गई। और हिम्मत – पुराने रूल्स तोड़कर, खुद के लिए और आने वाली जनरेशन के लिए नए रूल्स बनाने की।

हर वो महिला जो मुश्किलों के बावजूद आगे बढ़ती है, वो दूसरों के लिए रास्ता बना जाती है। दुनिया भले ही लिमिट्स सेट कर दे, लेकिन महिलाये बार-बार साबित करती हैं कि वो इन लिमिट्स में रहने के लिए नहीं बनीं। अजिता इटालिया भी ऐसी ही एक महिला हैं।

वो एक रिकॉर्ड-सेटिंग साइक्लिस्ट हैं, एक फैशन एंटरप्रेन्योर हैं और एक ऑथर भी। उन्होंने कभी हालात को अपनी पहचान तय नहीं करने दी। कम उम्र में शादी हुई, कई साल फैमिली को दिए, लेकिन फिर भी उन्होंने सपना देखना नहीं छोड़ा। उन्होंने खुद का बिज़नेस खड़ा किया, साइक्लिंग में ऐसे रिकॉर्ड बनाए जिनकी कोई सोच भी नहीं सकता था, और अपनी जर्नी को शब्दों में ढालकर बाकी महिलाओ को इंस्पायर किया। उनकी कहानी यही बताती है – शुरू करने के लिए कभी देर नहीं होती, सपना देखने के लिए कभी टाइम कम नहीं होता, और अपने असली रूप तक पहुंचने के लिए कभी कोई उम्र नहीं होती।

एक ठहराव… फिर एक मकसद

29 मार्च 1979 को गुजरात के भावनगर में जन्मी अजिता इटालिया का बचपन कल्चर से भरपूर माहौल में बीता, जहां लर्निंग और क्रिएटिविटी को काफी वैल्यू दी जाती थी। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई और गुजरात में की, जिससे उन्हें डिसिप्लिन और ऐम्बिशन की मजबूत नींव मिली। लेकिन जैसे कई महिलाओ के साथ होता है, उनकी लाइफ़ का रास्ता भी अचानक बदल गया।

सिर्फ 19 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई, और जल्दी ही मदरहुड उनकी दुनिया बन गई। कई साल तक उनकी लाइफ़ सिर्फ उनके बच्चों, घर और उससे जुड़ी जिम्मेदारियों के इर्द-गिर्द रही। हालांकि उन्हें मां बनना पसंद था, लेकिन अंदर कहीं एक ख्वाहिश हमेशा ज़िंदा रही — कुछ अपना करने की। उनके सपने थे, ऐम्बिशन थी, और खुद के लिए कुछ बनाने की चाह थी।

अजिता अपने घर की अकेली लड़की थीं, और इसलिए हमेशा से उनके अंदर एक स्ट्रॉन्ग डिज़ायर रही कि वो अपनी खुद की पहचान बनाएं — एक ऐसी पहचान जो किसी रोल या एक्सपेक्टेशन पर बेस्ड ना हो। ये आसान नहीं था, लेकिन उनके अंदर एक शांत, मजबूत इरादा था।

जैसे-जैसे उनके बच्चे बड़े हुए, उनके अंदर का सपना भी बड़ा होता गया। उन्होंने सोचना शुरू किया कि एक मां और एक वाइफ की पहचान से परे, वो खुद क्या चाहती हैं। खुद को साबित करने की ठानकर, उन्होंने अपने दूसरे बच्चे के जन्म के बाद होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया। ये सिर्फ डिग्री लेने की बात नहीं थी — ये सालों से थमी हुई पहचान को दोबारा पाने की शुरुआत थी।

हाउसवाइफ से एंटरप्रेन्योर बनने की उनकी जर्नी एकदम आसान नहीं थी। इसमें बहुत से डाउट्स, चैलेंजेस और मुश्किल सीखें शामिल थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। जो एक छोटा सा स्टेप था खुद को फिर से जानने का, वही बाद में उन्हें रिकॉर्ड ब्रेकर बना गया — और लाखों लोगों की इंस्पिरेशन भी।

एंटरप्रेन्योरशिप की जंप

फैशन इंडस्ट्री में नाम बनाने से बहुत पहले, अजिता अपने फ्रेंड्स और फैमिली के बीच अपने बेहतरीन स्टाइल के लिए जानी जाती थीं। कोई भी फंक्शन हो या खास मौका, लोग उनके आउटफिट्स की तारीफ करते और उनसे टिप्स मांगते। उनके पास एक नैचुरल सेंस था — क्या अच्छा लगेगा, कैसे पहनना चाहिए — जो सबको पसंद आता।

शुरुआत छोटी-छोटी चीज़ों से हुई — फ्रेंड्स के लिए शॉपिंग में हेल्प करना, फैमिली मेंबर्स को स्टाइल करना, और खुद के लुक्स पर ढेर सारी तारीफें मिलना। “लोग मुझसे अक्सर पूछते थे कि मैंने कपड़े कहां से लिए, और कभी-कभी मुझसे उनके लिए शॉप करने को भी कहते थे। तब मुझे ज्यादा कुछ समझ नहीं आता था, लेकिन अब जब पीछे देखती हूं, तो लगता है फैशन हमेशा मेरे अंदर था,” अजिता कहती हैं।

एक पर्सनल पैशन को बिज़नेस में बदलना आसान नहीं होता। इसके लिए हिम्मत चाहिए, पर्सिस्टेंस चाहिए और खुद पर पूरा भरोसा चाहिए। जब अजिता ने फाइनली एंटरप्रेन्योर बनने का फैसला किया, तो उन्हें पता था कि जो वो बनाएंगी, उसमें उनकी खुद की पहचान होगी। मई 2017 में उन्होंने अजिलिया की शुरुआत की — एक फैशन ब्रांड जो उनके इसी पैशन से जन्मा।

सूरत में जब उन्होंने देखा कि कोई प्रॉपर मल्टी-डिज़ाइनर स्टोर नहीं है, तो उन्होंने पहला कदम उठाया। शुरुआत एक छोटे से स्पेस से की, जो आज शहर का सबसे बड़ा डिज़ाइनर बुटीक बन चुका है। “मुझे नहीं पता था कहां से शुरू करूं, लेकिन मुझे ये ज़रूर पता था कि कहीं से तो शुरुआत करनी है,” वो बताती हैं।

अजिता खुद मानती हैं कि अजिलिया खोलने से पहले वो ठीक से ईमेल तक नहीं लिख पाती थीं, या कोई फॉर्मल मेसेज नहीं भेज पाती थीं। लेकिन उन्होंने खुद डिज़ाइनर्स से बात करनी शुरू की, पहले 20 डिज़ाइनर्स से और फिर धीरे-धीरे ये नेटवर्क 700 से भी ज़्यादा डिज़ाइनर्स तक पहुंच गया। ये सिर्फ एक बिज़नेसवुमन के तौर पर नहीं, बल्कि एक सीखने वाली, जुझारू महिला की ग्रोथ की कहानी है।

ब्रांड का नाम भी उनके नाम और सरनेम के शुरुआती अक्षरों से बना है, जिसमें उनकी खुद की पहचान छुपी है। शुरुआत से ही अजिलिया सिर्फ एक फैशन ब्रांड नहीं थी — ये एक ऐसा प्लेटफॉर्म था जहां दुनिया भर के बेहतरीन डिज़ाइनर्स के कलेक्शन को एक जगह लाकर, मॉडर्न लेकिन अनकनवेंशनल फैशन को सामने लाया जा सके।

इस जर्नी में भी कई चैलेंजेस आए — राइट मटेरियल्स का सोर्सिंग, एक ब्रांड बनाना, मार्केट में पहचान बनाना — लेकिन अजिता ने सब सीखा, सब किया। जो कभी एक छोटा-सा स्टोर था, आज वो एक ऐसा ब्रांड बन चुका है जो उन महिलाओ के लिए है जो स्टाइलिश, टाइमलेस और मायने रखने वाले फैशन की तलाश में हैं।

अजिलिया: एक ऐसा फैशन डेस्टिनेशन जो किसी और जैसा नहीं है

जब आप अजिलिया में कदम रखते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे आप एक ऐसी दुनिया में आ गए हैं जहां फैशन और पर्सनल एक्सप्रेशन का परफेक्ट मिलन होता है। सूरत में मौजूद ये मल्टी-डिज़ाइनर स्टोर अब लग्ज़री फैशन का एक मेन सेंटर बन चुका है, जहां हर वक्त 150 से ज़्यादा डिज़ाइनर्स के कलेक्शन शोकेस होते हैं — इंडिया के टॉप ब्रांड्स से लेकर न्यू टैलेंट तक का शानदार मिक्स।

अब तक अजिलिया ने 700 से ज़्यादा डिज़ाइनर्स के साथ कोलैबरेशन किया है, जिनमें इंडस्ट्री के सबसे बड़े नाम भी शामिल हैं। यहां आने वाले फैशन लवर्स तोरणी, शांतनु & निखिल, शिवन & नर्रेश, रोहित बल, भूमिका शर्मा, अब्राहम & ठाकोर, समंत चौहान, महीमा महाजन, दिव्या रेड्डी, गीशा डिज़ाइन्स, पिनैकल बाय श्रुति संचेती, और नचिकेत बार्वे जैसे आइकॉनिक ब्रांड्स के कलेक्शन देख सकते हैं।

अजिलिया सिर्फ कपड़ों तक सीमित नहीं है — यहां डिज़ाइनर ज्वेलरी, ऐक्सेसरीज़ और क्यूट्योर भी मौजूद है, जिसमें शामिल हैं एनएसएस बाय पल्लवी मोहन, माटी, पूर्वी दोशी, पिनैकल बाय श्रुति संचेती, दीप बाय दीप गूर्नानी, और कॉन्फ्लुएंस ऑफ क्रिस्टल्स बाय स्वारोवस्की जैसे एक्सक्लूसिव ब्रांड्स। यानी यहां आपको एक कंप्लीट फैशन एक्सपीरियंस मिलता है।

अपने नॉलेज को और भी मजबूत करने के लिए, अजिता ने यूएसए से इमेज मैनेजमेंट में प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली, और यूटाह, यूएसए की फेमस इमेज कंसल्टेंट ज्यूडिथ रासबैंड से ट्रेनिंग लेकर यूएसए सर्टिफाइड इमेज मैनेजमेंट प्रोफेशनल बनीं। “अगर मुझे अपने क्लायंट्स को सच में कुछ देना है, तो मुझे फैशन के टेक्निकल पार्ट को भी समझना होगा,” अजिता बताती हैं।

इस सर्टिफिकेशन से उन्हें अपने कस्टमर्स के लिए ज्यादा पर्सनलाइज्ड एक्सपीरियंस देने का मौका मिला — चेहरे की शेप, बॉडी टाइप, और इस बात की समझ कि सही आउटफिट या ऐक्सेसरी किसी इंसान का कॉन्फिडेंस कितना बदल सकता है। “अजिलिया सिर्फ शॉपिंग का ज़रिया नहीं है। ये इस बारे में है कि आप जो पहनते हैं उसमें कैसा महसूस करते हैं। ये एक एक्सपीरियंस है। इसलिए मैं खुद को पूरी तरह ट्रेन करना चाहती थी ताकि क्लायंट्स को सही गाइडेंस दे सकूं,” अजिता कहती हैं।

उनकी यही एक्सपर्टीज़ डिज़ाइनर्स के साथ टेक्निकल टर्म्स में बात करने में भी मदद करती है, जिससे अजिलिया में आने वाला हर पीस सिर्फ खूबसूरत ही नहीं बल्कि रियल वीमेन को ध्यान में रखकर thoughtfully डिज़ाइन किया गया होता है।

एक नहीं, कई मुकामों की महिला

अजिता इटालिया कभी खुद को सिर्फ एक रास्ते तक सीमित नहीं रखतीं। चाहे बात हो मुश्किल टेरेन्स में साइक्लिंग की, हाई फैशन क्युरेट करने की या यंग माइंड्स को इंस्पायर करने की — उन्होंने हर फील्ड में खुद को साबित किया है, और वो भी एक जैसी पैशन और डेडिकेशन के साथ।

उनकी एडवेंचर जर्नी की शुरुआत हुई स्पीति वैली में साइक्लिंग से — एक ऐसा इलाका जो अपने रफ टेरेन और एक्स्ट्रीम कंडीशन्स के लिए जाना जाता है। “मुझे बिल्कुल नहीं पता था कि मुझसे पहले किसी महिला ने यहां साइक्लिंग नहीं की थी। ये बात हमें तब पता चली जब हमने पूरी जर्नी खत्म की। और वो पल मेरी ज़िंदगी बदल गया,” वो याद करते हुए बताती हैं। उनकी इस अचीवमेंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रिकग्नाइज़ किया और उन्हें पर्सनली संसद में बुलाकर सम्मानित किया।

ये तो बस शुरुआत थी। इसके बाद उन्होंने एक और रिकॉर्ड बनाया — मिआओ से अनिनी तक साइक्लिंग कर के अरुणाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर तक पहुंचीं। वो ये करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इतना ही नहीं, वो उस गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड का भी हिस्सा बनीं जिसमें सबसे ज्यादा महिलाएं एक साथ कार रैली में शामिल हुई थीं।

लेकिन अजिता सिर्फ एक एडवेंचरर नहीं हैं। अजिलिया की फाउंडर होने के साथ-साथ उन्होंने कैफे अजिलिया भी शुरू किया — एक ऐसा हेल्थ-कॉन्शस कैफे जहां उनका फूड और वेलनेस के लिए प्यार एक साथ दिखता है।

उनकी क्रिएटिव जर्नी यहीं नहीं रुकती — अजिता को म्यूज़िक से भी गहरा लगाव है। उन्होंने और उनके पति ने मिलकर कई सॉन्ग्स और कवर्स पर काम किया है, और इस तरह अपनी मेलोडी की जर्नी को भी साथ जिया है। “म्यूज़िक हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है। ये भी खुद को एक्सप्रेस करने का एक तरीका है — जैसे फैशन और साइक्लिंग है,” वो बताती हैं।

लिखने के शौक ने उन्हें ‘सिन्सियरली योर्ज़’ नाम की एक गुजराती डायरी पब्लिश करने के लिए इंस्पायर किया — ये हर उस महिला के लिए है जिसने कभी अपनी फीलिंग्स को शब्दों में ढालने की कोशिश की हो।

वो संस्कार भारती स्कूल की ट्रस्टी भी हैं, जहां वो बच्चों की परवरिश और समाज को कुछ लौटाने की दिशा में काम करती हैं।

उनका एडवेंचर का जज़्बा उनके बच्चों में भी दिखता है। उनके 18 साल के बेटे ने सिर्फ 13 की उम्र में मनाली से खारदुंगला तक साइक्लिंग की और सबसे यंग साइकलिस्ट बने। वहीं 10 साल के बेटे ने मिआओ से अनिनी तक 550 किलोमीटर की जर्नी पूरी की, और सबसे यंग साइकलिस्ट बने।

उनकी अचीवमेंट्स को कई बार सराहा गया है — 2020 में मुंबई में उन्हें ‘आइकोनिक वुमन ऑफ द ईयर’ का खिताब भी दिया गया। “मैंने कभी अपनी लाइफ़ में लिमिट्स के साथ नहीं जिया। अगर मुझे किसी चीज़ के लिए पैशन फील होता है — फिर चाहे वो साइक्लिंग हो, फैशन हो या लिखना — मैं बस पूरी ताकत से उसमें कूद जाती हूं,” अजिता मुस्कराते हुए कहती हैं।

अजिलिया का आने वाला सफर

20,000 से भी ज़्यादा कस्टमर्स के साथ अजिलिया आज सूरत का सबसे बड़ा मल्टी-डिज़ाइनर बुटीक बन चुका है। यहां इंडिया के कुछ सबसे फेमस डिज़ाइनर्स की वीमेंस वियर, फुटवियर और ज्वेलरी की एक बड़ी रेंज मिलती है। लेकिन अजिता के लिए ये तो बस एक शुरुआत है।

देशभर में जेन्युइन डिज़ाइनर वियर की बढ़ती डिमांड को देखते हुए, अजिलिया अब एक और भी बड़ा और लग्ज़री प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है — जहां हर आउटफिट को बड़े ध्यान से क्यूरेट किया जाता है ताकि लोग अपना ड्रीम वॉर्डरोब पा सकें। “मैं हमेशा मानती थी कि फैशन सिर्फ ये नहीं है कि आप क्या पहनते हैं,” अजिता कहती हैं। “ये इस बारे में है कि आप उसे पहनकर कैसा महसूस करते हैं। और यही वजह है कि हम सिर्फ आउटफिट्स नहीं बेचते — हम ऐसे लुक्स क्रिएट करते हैं जो पहनने वाले को कॉन्फिडेंस और खुशी दें।”

जैसे-जैसे ट्रेंड्स बदलते हैं, अजिलिया का फोकस यही रहेगा कि हर प्रोडक्ट में कम्फर्ट और रिलायबिलिटी मिले — और हर पीस अपने आप में क्राफ्ट्समैनशिप और एलीगेंस की एक कहानी सुनाए। अलग-अलग ट्रेडिशंस में हॉर्मनी और टुगेदरनेस की जो झलक होती है, वो अजिलिया के हर एन्सेंबल में दिखती है — जो क्लासिक और टाइमलेस फैशन को दर्शाते हैं।

लीडरशिप मंत्रा

यंग वीमेन को सलाह देते हुए अजिता कहती हैं, “हमेशा लोग कुछ न कुछ कहेंगे — कोई बोलेगा कि बहुत देर हो चुकी है, कोई कहेगा कि ये बहुत मुश्किल है। लेकिन सच ये है कि सिर्फ एक आवाज़ मायने रखती है — आपकी खुद की। अगर आप किसी चीज़ में विश्वास रखते हैं, तो उसे पूरी शिद्दत से करो। अगर आपके पास एक सपना है, तो उसके पीछे भागो। जब मैं स्पीति वैली में साइक्लिंग कर रही थी, तब मुझे नहीं पता था कि मुझसे पहले कोई महिला ऐसा नहीं कर पाई थी। मुझे बस इतना पता था कि मैं ये करना चाहती हूं। और जब मैंने जर्नी पूरी की, तब मुझे समझ आया कि मैंने दूसरों के लिए भी एक रास्ता खोल दिया है। पहला कदम उठाने में ही असली ताकत होती है।”

वो आगे कहती हैं, “आपको किसी और के बनाए हुए सक्सेस के पैमाने में फिट होने की ज़रूरत नहीं है। वही चुनिए जो आपके दिल को एक्साइट करे — और खुद पर ट्रस्ट रखिए। शुरू करने का सही समय हमेशा अब होता है। अपने आप पर विश्वास रखिए — क्योंकि एक बार जब आपने खुद को मान लिया, तो फिर आपको कोई नहीं रोक सकता।”

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version