महिलाएं—ईश्वर की सबसे ख़ूबसूरत रचनाओं में से एक। वो बिना थके कई किरदार निभाती हैं—परिवार की देखभाल करती हैं, अपने सपनों का पीछा करती हैं, करियर बनाती हैं और घर भी संभालती हैं। मज़बूत लेकिन संवेदनशील, निडर लेकिन कोमल, महिलाएं समाज की उम्मीदों का बोझ उठाते हुए भी हर बार आगे बढ़ने की हिम्मत जुटा लेती हैं।
लेकिन उनका सफ़र आसान नहीं होता। कामयाबी तक पहुंचने के लिए उन्हें कई मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। उन्हें ना सिर्फ ज़िम्मेदारियों को बैलेंस करना होता है, बल्कि जेंडर के नाम पर बनी धारणाएं तोड़नी पड़ती हैं, और उन जगहों में खुद को साबित करना पड़ता है, जो कभी उनके लिए बनी ही नहीं थीं। फिर भी महिलाएं आज हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रही हैं।
इन्हीं शानदार महिलाओं में एक नाम खास तौर पर सामने आता है—आरती कोचर। वो एक लीडर हैं, मेंटर हैं और कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत। वो BNI गुड़गांव और फरीदाबाद की एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। उन्होंने एक ऐसी कम्युनिटी बनाई है जहां लोग विश्वास, सहयोग और इस सिंपल सोच के साथ आगे बढ़ते हैं कि—”दूसरों की मदद करना ही असली सफलता की कुंजी है।”
एक आत्म-खोज की यात्रा
आरती कोचर का बिज़नेसवुमन बनने का सफ़र कुछ ज़िंदगी बदलने वाले अनुभवों से बना है। असम के चाय बागानों में उनका बचपन बीता—एक एडवेंचरस बचपन, जहां ज़्यादातर समय कैंपिंग, मछली पकड़ने और जंगलों में प्रकृति और वाइल्डलाइफ़ के साथ बीतता था। इस तरह की परवरिश ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया और हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया।
उन्होंने देहरादून के वेल्हम गर्ल्स हाई स्कूल से पढ़ाई की, जो लड़कियों को आत्म-निर्भर सोच और आत्मविश्वास सिखाने के लिए जाना जाता है। फिर उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया। शादी के बाद वो दुबई चली गईं, जहां उनके पहले बेटे का जन्म हुआ, और फिर जमशेदपुर, जहां उनके छोटे बेटे ने जन्म लिया।
वो बताती हैं, “बच्चों की परवरिश और सोशल वर्क में हिस्सा लेना एक संतोषजनक समय था। लेकिन एक दिन मेरे बड़े बेटे ने मुझसे पूछा, ‘जब हम कॉलेज चले जाएंगे तो आप क्या करेंगी?’ इस सवाल ने मुझे झकझोर दिया। मुझे एहसास हुआ कि मुझे भी अपनी ज़िंदगी में एक मकसद खोजना होगा—कुछ ऐसा जो सिर्फ मेरा हो।”
लेकिन ज़िंदगी की प्लानिंग कुछ और ही थी। साल 2004 में उनके पति की तबीयत अचानक बेहद खराब हो गई। कई साल उन्होंने भारत और अमेरिका के अस्पतालों में इलाज के लिए बिताए। वो कहती हैं, “मैं मानती हूं कि जो भी हमारे साथ होता है, उसके पीछे कोई मकसद होता है। हर परिस्थिति से हम कुछ ना कुछ सीख सकते हैं—बस हमें उसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होता है।”
इसी मुश्किल दौर में बेंगलुरु की एक महिला से उनकी मुलाकात हुई, जिन्होंने उन्हें ऑर्गनाइज़ेशनल बिहेवियर कंसल्टिंग में एंट्री दी। आरती को दोबारा पढ़ाई करनी पड़ी, सर्टिफिकेशन लेने पड़े, और साथ ही अपने परिवार का भी ख्याल रखना पड़ा।
“आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो खुद पर हैरानी होती है कि मैं यहां तक कैसे पहुंची। मैं उन सभी मेंटर्स की आभारी हूं जिन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया,” वो कहती हैं। इन्हीं मुश्किल दिनों में उन्हें एहसास हुआ कि जब आपको ज़रूरत होती है, तो दुनिया में मदद करने वाले लोग मिल ही जाते हैं। उनके पति राकेश इस सफर में हमेशा उनके साथ एक मज़बूत सहारा बनकर खड़े रहे।
उनका असली टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्होंने अपनी ज़िंदगी का मकसद खोज लिया। “कई बार आपको सिर्फ एक मकसद और एक फोकस की ज़रूरत होती है ताकि आप टूट न जाएं। मैंने अपना मकसद खोज लिया, और अब मेरी कोशिश है कि दूसरों को भी उनकी राह दिखाऊं,” वो कहती हैं।
आरती का प्रोफेशनल सफर आधिकारिक रूप से 2011 में शुरू हुआ, जब उन्होंने BNI जॉइन किया। BNI की फिलॉसफी “गिवर्स गेन” उन्हें बेहद अपनेपन से जुड़ी हुई लगी, और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। धीरे-धीरे वो BNI गुड़गांव और फरीदाबाद की एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर बन गईं।
उन्होंने एक ऐसी कम्युनिटी बनाई जहां महिला और पुरुष दोनों ही अपने बिज़नेस को ईमानदारी और विश्वास के साथ रिप्रेज़ेंट कर सकें, और एक-दूसरे का सहारा बनें। आज BNI गुड़गांव और फरीदाबाद में 1600 से भी ज़्यादा सदस्य हैं, जिनमें से 350 से ज्यादा महिला उद्यमी हैं, और आरती इस कम्युनिटी को लेकर बेहद गर्व महसूस करती हैं।
उनका मिशन अब भी वही है: लोगों की ज़िंदगी में पॉज़िटिव बदलाव लाना और उन्हें सशक्त बनाना।
और इस सबके बीच, आरती को उनकी सबसे प्यारी पहचान भी मिली है—“एक प्यारी-सी पोती की गर्वित नानी बनने की!” वो मुस्कुराते हुए कहती हैं, उनकी आवाज़ में खुशी और गर्व साफ झलकता है।
BNI: रेफरल मार्केटिंग की ताकत
BNI एक ग्लोबल संगठन है जो 79 देशों में फैला हुआ है और इसके 3 लाख से ज़्यादा सदस्य हैं, जो अपने बिज़नेस को बढ़ाने में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। इसे 1985 में डॉ. इवान मिसनर ने शुरू किया था और अब यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्किंग संगठन बन चुका है, जो पिछले 40 सालों से लगातार बढ़ रहा है। इन सालों में लाखों बिज़नेस ओनर्स ने BNI® के ज़रिए और रेफरल मार्केटिंग की ताकत से जबरदस्त ग्रोथ हासिल की है।
हाल ही में BNI इंडिया ने अपने 20 साल पूरे किए और अब यह देश के 130 शहरों में एक्टिव है। गुड़गांव और फरीदाबाद की बात करें तो, जनवरी 2025 में इसने अपने 14 साल पूरे किए। आरती कहती हैं, “हम 1600 से ज़्यादा बिज़नेस ओनर्स की कम्युनिटी हैं, जो एक-दूसरे को रेफरल्स और कोलैबोरेशन के ज़रिए सपोर्ट कर रहे हैं।”
वो बताती हैं, “BNI में हम वर्ड-ऑफ-माउथ मार्केटिंग के ज़रिए दुनिया में बिज़नेस करने का तरीका बदल रहे हैं। हम एक-दूसरे के लिए रेफरल के मौके तलाशते हैं। हम बिज़नेस की भाषा बोलते हैं और अलग-अलग तरह के बिज़नेस और लोगों को एक साथ लाकर ग्रोथ और कोलैबोरेशन के मौके खोजने में मदद करते हैं।”
BNI का असर बहुत बड़ा है। सिर्फ 2024 में, दुनिया भर के BNI मेंबर्स ने 16.8 मिलियन रेफरल्स के ज़रिए 25 अरब डॉलर (USD) से ज़्यादा का बिज़नेस जेनरेट किया।
BNI गुड़गांव और फरीदाबाद सिर्फ बिज़नेस ग्रोथ तक सीमित नहीं है। आरती कहती हैं, “हम सिर्फ मेंबर्स के बिज़नेस को नहीं बढ़ाते, बल्कि उनके पर्सनल और प्रोफेशनल डेवलपमेंट में भी मदद करते हैं। स्पेशल ट्रेनिंग और वर्कशॉप्स के ज़रिए हम बिज़नेसपर्सन्स की मार्केटिंग और सेल्स स्किल्स को शार्प बनाते हैं ताकि वो नेटवर्क को स्ट्रैटेजिकली इस्तेमाल कर सकें।”
BNI लीडर्स तैयार करता है। यह बिज़नेस को उनकी यूनिक सेलिंग प्रपोज़िशन (USP) बनाने में मदद करता है ताकि वे मार्केट में खुद को अलग दिखा सकें। इन सालों में हजारों एंटरप्रेन्योर्स ने BNI के ज़रिए कोलैबोरेशन, ग्रोथ और कम्युनिटी से सीखने की ताकत को महसूस किया है। इसने लोगों को अपने सपनों का पीछा करने, नया बिज़नेस शुरू करने और एक्सपोनेंशियल ग्रोथ पाने में सक्षम बनाया है।
महिला होने के नाते बिज़नेस की दुनिया में सफर
आरती कहती हैं, “एक महिला के लिए घर और काम के बीच बैलेंस बनाना अक्सर चुनौती बन जाता है।” वो बताती हैं, “आज भी कई बार जेंडर बायस दिखता है। एक लीडर के रूप में स्वीकार किया जाना वक्त लेता है और इससे सेल्फ-डाउट भी आता है। लेकिन मैंने सीखा कि थॉट लीडरशिप और लगातार एक्शन से इसे पार किया जा सकता है।”
उनकी सबसे बड़ी सीखों में से एक यह रही कि बैलेंस बनाने के बजाय ज़िंदगी में हार्मनी लाना ज़्यादा स्थायी खुशी देता है। “कई बार परिवार को लगता है कि आप उनके लिए उपलब्ध नहीं हैं। मैंने इसे ओपन कम्युनिकेशन और फैमिली एक्टिविटीज़ के लिए समय तय करके सुलझाया,” वो बताती हैं।
उनकी सफलता में एक बड़ा रोल रहा है—लाइफलॉन्ग लर्निंग का। हर साल वो खुद के लिए प्रोफेशनल या पर्सनल ग्रोथ के दो कोर्स तय करती हैं और उन्हें पूरा करती हैं। यह कंटिन्युअस लर्निंग का माइंडसेट वो BNI में भी अपनाती हैं, जहां हर साल मेंबर्स के लिए नए स्किल-बिल्डिंग कोर्स लॉन्च किए जाते हैं।
एक केयरिंग कम्युनिटी बनाना
आरती मानती हैं कि असली लीडरशिप इस बात में है कि आप सच में कितना परवाह करते हैं। “लोग तब तक नहीं जानना चाहते कि आप कितना जानते हैं, जब तक उन्हें यह ना लगे कि आप उनकी कितनी परवाह करते हैं।” यही उनका मंत्र है, और इसी सोच पर पूरी कम्युनिटी का आधार है।
BNI गुड़गांव और फरीदाबाद एक ग्रोथ-ओरिएंटेड संगठन है जो सिर्फ बिज़नेस नहीं, बल्कि लोगों के लीडरशिप स्किल्स और पर्सनल-प्रोफेशनल डेवलपमेंट को भी बढ़ाता है। “हमारा सबसे बड़ा अंतर यही है कि हम सही सपोर्ट और लर्निंग के मौके देते हैं,” वो बताती हैं। “हमने लोगों की ज़िंदगी को पॉज़िटिवली बदला है, और इसका समाज पर भी गहरा असर पड़ा है क्योंकि हर एंटरप्रेन्योर कम से कम 5 परिवारों को सपोर्ट करता है।”
उनकी टीम में वॉलंटियर्स हैं जो किसी भी मेडिकल ज़रूरत या इमरजेंसी में तुरंत आगे आते हैं—चाहे वो ब्लड डोनेशन हो या सही मेडिकल रिसोर्स से जोड़ना। ये वॉलंटियर्स दिन-रात किसी भी समय मदद के लिए तैयार रहते हैं।
उन्होंने एक ऐसी केयरिंग और सपोर्टिव कम्युनिटी बनाई है जो अलग-अलग CSR एक्टिविटीज़ के ज़रिए समाज को वापस लौटाती है—पर्यावरण को बचाने से लेकर बुज़ुर्गों की मदद, बच्चों की शिक्षा तक। पिछले साल उन्होंने 40,000 किताबें NGOs और स्कूलों के ज़रिए डोनेट कीं। वो बताती हैं कि “हम अपने नॉलेज और स्किल्स को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना चाहते हैं,” और इसके लिए स्कूल-कॉलेजों में Business Voices और Future Leaders Program जैसे इनिशिएटिव चलाते हैं।
BNI की कोर वैल्यूज़
BNI कुछ ऐसे मूल सिद्धांतों पर आधारित है जो यह तय करते हैं कि मेंबर्स कैसे एक-दूसरे के साथ पेश आते हैं, अपना काम करते हैं और अपने गोल्स को हासिल करते हैं। ये वैल्यूज़ हर एक गतिविधि की नींव हैं:
Givers Gain® – यही BNI की मुख्य फिलॉसफी है। पहले देने की भावना रखो, बिना किसी शर्त के। यही सोच दुनिया को बेहतर बनाती है और मज़बूत, टिकाऊ रिश्ते और बेहतर मौके पैदा करती है।
दूसरी मुख्य वैल्यूज़ हैं:
- Recognition (सम्मान देना)
- Lifelong Learning (आजीवन सीखना)
- Traditions & Innovation (परंपरा और नवाचार का संतुलन)
- Positive Attitude (सकारात्मक सोच)
- Building Relationships (रिश्ते बनाना)
- Accountability (ज़िम्मेदारी लेना)
आरती कहती हैं, “हर मेंबर एक ओथ लेता है कि वो इन वैल्यूज़ को फॉलो करेगा।”
BNI गुड़गांव और फरीदाबाद महिला उद्यमियों को पूरी तरह सपोर्ट करता है—उन्हें पर्सनल ग्रोथ और बिज़नेस डेवलपमेंट दोनों के लिए भरपूर मौके दिए जाते हैं। हमने IIM बेंगलुरु जैसे संस्थानों के साथ मिलकर महिलाओं को Goldman Sachs 10,000 Women Entrepreneurship Program जैसे इनिशिएटिव्स में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है। हमारा सपना है ऐसी नई पीढ़ी तैयार करना जिसमें महिलाएं अपने सपनों को न सिर्फ चुन सकें, बल्कि उन्हें गर्व से जी भी सकें।
यहाँ डाइवर्सिटी और इनक्लूज़न भी मूल भावना है। कम्युनिटी में 350 से ज़्यादा महिला एंटरप्रेन्योर हैं, जिनमें से कई लीडरशिप रोल में हैं। आरती कहती हैं, “यहाँ रोल और पहचान सिर्फ मेरिट पर आधारित हैं। लीडरशिप का मतलब है आपका योगदान, आपका जेंडर नहीं।”
लीडरशिप और उपलब्धियां
आरती की सफलता सिर्फ उनकी पर्सनल ग्रोथ तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने दूसरों की ज़िंदगी पर जो असर डाला, वो भी उनकी जर्नी को खास बनाता है।
उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं:
CEO Givers Gain अवॉर्ड 2019 – यह उन्हें BNI ग्लोबल के CEO ग्रैहम वेह्मिलर ने दिया।
ET द्वारा Inspiring Woman Leader Award 2022
BNI इंडिया में फ्रेंचाइज़ एडवाइज़री काउंसिल की प्रेसिडेंट
BNI इंडिया की बेस्ट प्रैक्टिसेस टीम की कन्वीनर
दुनिया भर की कई इनोवेशन और स्ट्रैटेजिक ग्लोबल लीडरशिप टीम्स की मेंबर
अगली पीढ़ी के लीडर्स के लिए सपोर्ट
आजकल आरती का फोकस युवा एंटरप्रेन्योर्स के लिए नए इनिशिएटिव्स बनाने पर है ताकि वो अपने सपनों को पूरा करने के लिए जरूरी सपोर्ट पा सकें। वो कहती हैं, “हम अब कॉम्पिटिशन की जगह को-क्रिएशन के मौके बना रहे हैं, क्योंकि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है।”
भविष्य के बारे में आरती मानती हैं कि आंत्रप्रेन्योरशिप एक सफल समाज की रीढ़ है, और अब ज्यादा लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए रिस्क लेने को तैयार हैं। वो कहती हैं, “आंत्रप्रेन्योरशिप एक व्यक्ति को खुद को जानने और एक्सप्लोर करने का मौका देती है।”
उनकी सोच साफ है—“हम लोगों को ये विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनके पास एक ऐसी कम्युनिटी है जो उन्हें सपोर्ट करेगी, ताकि वो अपने ड्रीम्स को हकीकत बना सकें।”
“What If You Fly?” – अगर उड़ान मिल गई तो?
आरती को हर महिला से इंस्पिरेशन मिलती है। “हर एक के पास एक अलग कहानी होती है और एक भीतर की ताकत होती है, जो उन्हें किसी भी हालात में आगे बढ़ने देती है,” वो सोचती हैं। कई महिलाओं ने मुश्किलों का सामना करते हुए आज जहां तक पहुंची हैं, वहां तक पहुंचने में बहुत कुछ सहा है। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।
जब उनसे पूछा गया कि वो नई महिला उद्यमियों को क्या सलाह देना चाहेंगी, तो आरती ने कहा,
“अगर कोई सच्चे मन से कोशिश कर रहा है, तो उन्हें एक मौका ज़रूर दें। और खुद भी खुले दिल-दिमाग से मौकों के लिए तैयार रहें। डरिए मत—किसी न किसी समय कोई हाथ थामने वाला ज़रूर मिलेगा।”
वो मानती हैं कि हर चीज़ एक वजह से होती है, और वो महिलाओं को यही कहती हैं कि वो सफर पर भरोसा रखें, चाहे वक्त मुश्किल हो।
वो एक अपनी पसंदीदा कविता शेयर करती हैं, जो एरिन हैनसन ने लिखी है—इसमें रिस्क लेने के हौसले की बात की गई है:
“There is freedom waiting for you,
On the breezes of the sky,
And you ask, ‘What if I fall?’
Oh, but my darling,
What if you fly?”
आरती सभी को ज़िंदगी को खुले दिल से अपनाने की सलाह देती हैं। वो कहती हैं, “हर चीज़ आपकी प्लानिंग के हिसाब से नहीं होती। ज़िंदगी वही होती है जो आपके प्लान्स के बीच में घटती है।” ये वो बात है जो उन्होंने जॉन लेनन के एक फेमस कोट से सीखी है।
वो अंत में एक पावरफुल मैसेज देती हैं: “मैं जो करती हूं उससे प्यार करती हूं—और मुझे लगता है कि यही सबसे बड़ी इंस्पिरेशन होती है।”
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